किसानों को लगभग 4543 करोड रूपए का ऋण खेती बैंक ने अभी तक दिया है


नई दिल्ली:केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए द गुजरात स्टेट को-ऑपरेटिव एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट बैंक लि. (खेतीबैंक)की अहमदाबाद में आयोजित 70 वीं AGMको संबोधित किया।

 

            इस अवसर पर श्री अमित शाह ने कहा किआज भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और 25 साल बाद आजादी की शताब्दी मनाएगा। ऐसे में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकार से समृद्धि का संकल्प पूरे देश के सामने रखा है। मोदी जी ने देश की समृद्धि और आर्थिक उत्थान में योगदान देने की जिम्मेदारी सहकारिता क्षेत्र को सौंपी है। आज गुजरात के सहकारी महाकुंभ में 70 साल पूरे कर खेती बैंक 71वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, मैं इसके लिए बैंक से जुड़े सभी किसान भाईयो और अन्य लोगों को दिल से बधाई देना चाहता हूं। 

श्री अमित शाह ने कहा कि द गुजरात स्टेट को-ऑपरेटिव एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट बैंक लि. जिसे खेती बैंक कहते हैं, उसकी स्थापना 1951 में हुईऔर उस वर्ष में इसकी स्थापना का ऐतिहासिक महत्व भी है। सौराष्ट्र और काठियावाड़ में उस वक़्त लगभग 222 छोटे-छोटे रजवाडे थे और समग्र सौराष्ट्र की जमीन राजों-रजवाडों के नाम पर थी। किसान राजा के लिए जमीन जोतते थे और अपना जीवनयापन करते थे। परंतु जब राजों-रजवाडों का एकीकरण देश के लौहपुरूष सरदार पटेल के नेतृत्व में हुआ और भारतीय संघ अस्तित्व में आया तब स्वाभाविक तौर से उस जमीन के मालिक किसान बनते। लेकिन उस समय राजों-रजवाडों को क़ीमत देने के लिए किसानों के पास पैसा नहीं था और इस कारण वह भूमि उनके नाम नहीं हो सकी। उस समय सरदार पटेल साहब की प्रेरणा से और पोरबंदर के युवराज उदयभान सिंह जी के प्रयासों से एक सौराष्ट्र लैंड मोर्गेज बैंक की स्थापना हुई और किसानों को ऋण देकर उन्हें जमीन का मालिक बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। आज सौराष्ट्र, कच्छ और उत्तर गुजरात के किसान जमीन के मालिक हैं और इसका सबसे बडा श्रेय इस खेती बैंक को जाता है। उससमय 56 हजार किसान भाईयों को जमीन का मालिक बनाने में इस खेती बैंक ने लोन देकर बहुत बड़ी भूमिका अदा की थीऔर उन 56 हजार किसानों के माध्यम से आज यह संख्या बहुत बडी होने जा रही है।