अभियान में नर बाघ पिंजड़े में कैद, स्वास्थ्य परीक्षण के बाद फिर घने जंगल में छोड़ा गया

करुणेश त्रिवेदी पलियाकलां

पलिया कलां खीरी। दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र के अन्तर्गत  17/6/22 को हुयी जन हानि की घटना को लेकर चलाये गये अभियान में 28/6/22 को एक नर बाघ पिंजड़े में कैद हो गया था जिसके बाद में स्वास्थ्य परीक्षण में बाग को स्वस्थ पाया गया , उसके दॉत व नाखून सुरक्षित थे । उक्त के दृष्टिगत एवं विशेषज्ञों द्वारा परीक्षणोपरान्त दिये गये निष्कर्ष के आधार पर मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक , उ 0 प्र 0 से प्राप्त अनुमति के क्रम में 5/7/22 को सुबह 7:25 बजे दुधवा टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र के घने वन क्षेत्र में उसके प्राकृत्वास में रेडियो कालर लगाकर अवमुक्त कर दिया गया । रेडियो कालर लगाने की कार्यवाही विश्व प्रकृति निधि - भारत के समन्वयक एवं इस क्षेत्र में विशेषज्ञ डा ० आई ० पी ० बोपन्ना द्वारा सम्पन्न की गयी । अवमुक्त किये जाने से पूर्व बाघ का अनिवार्य स्वास्थ्य परीक्षण डा. दयाशंकर , पशुचिकित्सक,श पलिया तथा डा. कनिन चांगमाई , पशु चिकित्सक डब्ल्यू ० टी ० आई ० द्वारा किया गया । इस अभियान के दौरान संजय कुमार , फील्ड डायरेक्टर , दुधवा टाइगर रिजर्व , कैलाश प्रकाश , उप - निदेशक , सुन्दरेश , उप - निदेशक , बफर जोन ,आदर्श कुमार सिंह , उप प्रभागीय वनाधिकारी बेलरायां, डा ० मुदित गुप्ता , वरिष्ठ समन्वयक , विश्व प्रकृति निधि, रोहित, रवि व दबीर हसन , वरिष्ठ परियोजना अधिकारी , विश्व प्रकृति निधि - भारत , डा ० आशीष , विश्व प्रकृति निधि , अमन भाटिया , जीव विज्ञानी , डब्ल्यू ० टी ० आई ० तथा अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे । बाघ की 24x7 निगरानी हेतु 2 टीमें लगायी गयी है , जो उसी क्षेत्र में उपस्थिति का अनुश्रवण करेगी । साथ ही उपग्रह के सहयोग से भी अनुश्रवण किया जाता रहेगा ।