स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों में कमजोरियों और असमानताओं को दूर करने के लिए चिकित्सा मूल्य यात्रा एक आवश्यक घटक है: वैद्य राजेश कोटेचा

 केरल:-20 सदस्य देशों ने केरल के तिरुवनंतपुरम में आयोजित जी-20 इंडिया प्रेसीडेंसी के पहले स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठक के दौरान सृजनात्मक चर्चा की। तीन दिन की इस बैठक के मुख्य आकर्षणों में से एक, चिकित्सा मूल्य यात्रा पर होने वाला एक साइड इवेंट था। आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने एकीकृत स्वास्थ्य सेवा के माध्यम से समग्र कल्याण हासिल करने के विषय पर पैनल चर्चा के दौरान मुख्य भाषण दिया। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी. के. पॉल और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण भी जी-20 देशों के प्रतिनिधियों के साथ उपस्थित थे।

इस अवसर पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा, “हमने कोविड के बाद समग्र स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति रोगियों के स्वास्थ्य चाहने वाले व्यवहार में एक आदर्श बदलाव देखा है। नई स्वस्थ आत्मनिर्भर स्वास्थ्य व्यवस्था का सपना तभी साकार हो सकता है जब उच्च गुणवत्ता वाली, सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं सभी को समान रूप से उपलब्ध कराई जा रही हों। जब साक्ष्य, मान्यता और नवीनतम चिकित्सा तकनीकों के साथ विभिन्न स्वास्थ्य प्रणालियों तक पहुंच को बढ़ाया जा रहा हो।”

वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत के साथ 'वन वर्ल्ड, वन हेल्थ' प्रतिध्वनित होता है, जिसका मतलब है कि पूरी दुनिया एक परिवार है, जहां सब बराबर हैं। रोगी को वित्तीय कठिनाइयों के बिना सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक समान पहुंच उपलब्ध कराना इसका एक महत्वपूर्ण परिणाम होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि एकीकृत स्वास्थ्य सेवा पर आधारित चिकित्सा मूल्य यात्रा के माध्यम से दुनिया को जोड़ने से मौजूदा स्वास्थ्य प्रणालियों में असमानताओं को दूर करने में मदद मिलेगी।

यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के बारे में बात करते हुए सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि साक्ष्य आधारित पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों और आधुनिक प्रणाली पर आधारित एकीकृत स्वास्थ्य सेवा की बात करें तो ये गुणवत्ता, दक्षता, हिस्सेदारी, जवाबदेही, टिकाऊपन और मजबूती के जरिए यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज हासिल करने में सहायक होगी। यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की ये विशेषताएं व्यापक एकीकृत स्वास्थ्य सेवा को डिजाइन करने का फैसला लेने वालों का मार्गदर्शन करने के लिए मूल सिद्धांतों के रूप में भी काम करती हैं।

इस तीन दिवसीय जी-20 स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठक के दौरान प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों की रोकथाम और तैयारी, दवा क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने और डिजिटल स्वास्थ्य नवाचार और समाधान जैसी स्वास्थ्य प्राथमिकताओं पर चर्चा की। इन प्रतिनिधियों ने दूसरे दिन आयोजित सुबह के योग सत्र में भी भाग लिया और समग्र स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली को समझने के लिए केरल के कोवलम में सोमाथीरम आयुर्वेद गांव का दौरा किया।

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, इंडोनेशिया, जापान, मैक्सिको, कोरिया, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ सहित जी-20 के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान विशेष आमंत्रण वाले देशों में बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नाइजीरिया, सिंगापुर, स्पेन, ओमान, नीदरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात शुमार थे।