मैं अपने शहर को कचरा मुक्त बनाने का संकल्प लेती हूं"


नई दिल्ली पहला स्वच्छ मशाल मार्च देखने लायक है क्योंकि विभिन्न शहरों के नागरिक कचरा मुक्त शहरों के लिए खुद को लामबंद करते हैं और पूरे देश में स्वच्छता अभियान और शून्य अपशिष्ट कार्यक्रम आयोजित करते हैं। कश्मीर के बारामूला से तमिलनाडु के तिरुवुरु तक, महिला चेंजमेकर्स ने शहरी स्वच्छता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया।

प्रत्येक मशाल मार्च ने स्वच्छता में व्यवहार परिवर्तन का आह्वान किया। 29, 30 और 31 मार्च 2023 को आयोजित स्वच्छ मशाल रैलियों में देश भर के 3000 से अधिक शहरों और कस्बों में लाखों स्वच्छता महिला योद्धा देखी गईं, ताकि कचरे के खिलाफ लड़ाई को बढ़ाया जा सके और भारत को कचरा मुक्त बनाया जा सके। शहरी परिदृश्य को बदलने में देश के कोने-कोने से इन महिलाओं की यात्रा प्रेरणादायक है। स्वच्छ मशाल मार्च का उद्देश्य 'कचरा मुक्त शहरों' के लक्ष्य के प्रति नागरिकों की वार्ड-स्तरीय लामबंदी को प्रोत्साहित करना है।

पहला मशाल मार्च अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस की पूर्व संध्या पर शुरू हुआ। कचरा मुक्त शहरों के निर्माण की अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए नागरिक (विशेष रूप से महिला स्वच्छता नेता उर्फ ​​'स्वच्छता दूत' ) उत्साह से शामिल हुए। इन रैलियों में बड़ी संख्या में लोग स्वेच्छा से भाग लेते और स्वच्छता की भावना का जश्न मनाते देखे गए