लखीमपुर महोत्सव-2024: संस्कृति और विरासत का अद्भुत उत्सव

लखीमपुर खीरी में डीएम दुर्गाशक्ति नागपाल की पहल पर आयोजित "तराई की मिट्टी का उत्सव, लखीमपुर महोत्सव-24" का भव्य शुभारंभ हुआ। यह महोत्सव न केवल जिले की सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करता है, बल्कि यहां की ऐतिहासिक और पौराणिक विरासत को भी सम्मानित करता है।

महोत्सव का उद्घाटन और खास आकर्षण
महोत्सव की शुरुआत एक रंगारंग कार्यक्रम के साथ हुई, जिसमें प्रख्यात गायक बी. प्राक ने अपनी आवाज का जादू बिखेरा। उनके लोकप्रिय गीत "तेरी मिट्टी..." ने श्रोताओं के दिलों को छू लिया। भावनात्मक गीतों ने माहौल को रोमांचक बना दिया और दर्शकों की तालियों ने उत्साह में चार चांद लगा दिए।

इस अवसर पर दर्शकों में उत्साह का माहौल देखने लायक था। लोग पारंपरिक परिधानों में अपनी संस्कृति के प्रति गर्व प्रकट करते नजर आए।

स्वतंत्र नेता रामजी पांडे की उपस्थिति
इस ऐतिहासिक आयोजन में लखीमपुर के स्वतंत्र नेता रामजी पांडे ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी खास बना दिया। उन्होंने अपने संबोधन में इस तरह के आयोजनों को समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाला कदम बताया।

महोत्सव का उद्देश्य
लखीमपुर महोत्सव-24 का मुख्य उद्देश्य तराई क्षेत्र की मिट्टी से जुड़े सांस्कृतिक, पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व को जन-जन तक पहुंचाना है। इसके तहत लोक कला, पारंपरिक संगीत, नृत्य और स्थानीय व्यंजनों को भी मंच प्रदान किया गया है। डीएम दुर्गाशक्ति नागपाल ने कहा, "यह महोत्सव नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का प्रयास है।"

स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति
महोत्सव में स्थानीय कलाकारों ने भी अपने हुनर का प्रदर्शन किया। उनकी प्रस्तुतियों ने इस आयोजन को और भी यादगार बना दिया। तराई क्षेत्र की लोक संस्कृति को जीवन्त करने वाले इन कलाकारों को दर्शकों ने खूब सराहा।

आगे की झलकियां
महोत्सव के आगामी दिनों में कई और आकर्षक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें लोक नृत्य, चित्रकला प्रदर्शन, काव्य गोष्ठी और सांस्कृतिक रैलियां प्रमुख हैं।

समापन
लखीमपुर महोत्सव-24 ने पहले ही दिन अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को भव्यता से प्रदर्शित करते हुए जनमानस का दिल जीत लिया। इस महोत्सव ने यह साबित कर दिया कि जब समर्पण और सांस्कृतिक गौरव साथ आते हैं, तो एक नई परंपरा की शुरुआत होती है।