लखीमपुर खीरी, 28 नवंबर। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को सजीव करते हुए "लखीमपुर महोत्सव 2024" के अंतर्गत शिव नगरी छोटी काशी गोला में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रंगीन महफिल सजी। जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल की पहल पर आयोजित इस महोत्सव में शिव-पार्वती विवाह, शिव तांडव नृत्य, गंगा अवतरण और भक्ति संगीत की प्रस्तुतियों ने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
शिव विवाह और तांडव से सजी सांस्कृतिक शाम
शिव-पार्वती विवाह की भव्य प्रस्तुति ने दर्शकों के दिलों को छू लिया। इस अनूठे नाट्य मंचन में कलाकारों ने शिव और पार्वती के पवित्र विवाह का जीवंत चित्रण किया। चंद्रकांत भारद्वाज और उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत शिव तांडव नृत्य ने मंच पर जोश और भक्ति का अद्वितीय संगम रच दिया। भावपूर्ण मुद्राओं और नृत्य के जरिए शिव की महिमा को दर्शाया गया।
गंगा अवतरण की प्रस्तुति ने भरी ऊर्जा
गंगा अवतरण की कथा को कलाकारों ने कथक नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। भागीरथ के प्रयासों और भगवान शिव के जटाजूट में गंगा के समाहित होने की कथा को बेहद खूबसूरती से मंचित किया गया। उर्मिला पांडे और उनकी टीम के इस नृत्य नाटिका ने दर्शकों को गंगा मैया की महिमा से परिचित कराया।
जादू के रंग और संगीत का जादू
महोत्सव में मुन्ना जादूगर के जादुई कारनामों ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। हैरतअंगेज ट्रिक्स और कल्पनाशीलता ने बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक का मन मोह लिया। वहीं, गोला के उपजिलाधिकारी विनोद कुमार गुप्ता ने "फूलों के रंग से" गीत प्रस्तुत कर महफिल को सुरमयी बना दिया।
स्थानीय प्रतिभाओं को मिला मंच
इस महोत्सव ने जिले के 30 स्थानीय कलाकारों को अपनी कला और हुनर दिखाने का मौका दिया। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पर नुक्कड़ नाटक से लेकर मयूर नृत्य और भजन संध्या तक, कलाकारों ने सांस्कृतिक विविधता का अद्भुत प्रदर्शन किया।
प्रतिभाओं को मिला सम्मान
कार्यक्रम में महोत्सव का प्रतीक चिन्ह बनाने वाले प्रथम शुक्ला और सोशल मीडिया प्रचार में योगदान देने वाले कई युवाओं को सम्मानित किया गया। विधायक अमन गिरी और जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
पर्यटन और संस्कृति का नया आयाम
स्वतंत्र नेता रामजी पांडे ने डीएम की इस पहल को जिले की संस्कृति को जागरूकता और पर्यटन के लिए मील का पत्थर बताया। महोत्सव को जिले के पांच प्रमुख स्थानों पर आयोजित कर ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को उजागर किया जा रहा है।
लखीमपुर महोत्सव 2024 कला, संस्कृति और भक्ति के संगम का उत्सव बनकर जिले को नई पहचान देने की दिशा में अग्रसर है। छोटी काशी की सांस्कृतिक भूमि पर सजी इस अनोखी महफिल ने कला प्रेमियों और आमजन के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी।