रामजी पांडे
लखीमपुर खीरी: बांकेगंज-कुकरा मार्ग पर सोमवार को एक बाघ की मौजूदगी ने लोगों में दहशत फैला दी। सुबह करीब 8 बजे और दोपहर 2:30 बजे दो बार अलग-अलग स्थानों पर बाघ दिखाई दिया। इस घटना के बाद से स्थानीय लोग भयभीत हैं, और मार्ग पर आवाजाही करने वाले राहगीरों के कदम ठिठक गए।
सुबह की घटना में ढाका निवासी राजकिशोर अपने तीन बच्चों को स्कूल छोड़ने मोटरसाइकिल से बांकेगंज जा रहे थे। गप्पू जी के धान मिल के पास पहुंचे तो गुलाब नगर निवासी गुड्डू ने उन्हें सावधान किया। गुड्डू ने बताया कि बाघ सड़क किनारे एक पेड़ के पीछे खड़ा था। यह सुनते ही राजकिशोर घबरा गए और बच्चों को शांत कर स्थिति संभाली।
घटना की जानकारी मिलते ही आस-पास के लोग इकट्ठा हो गए। बाघ ने कुछ देर बाद गन्ने के खेत में प्रवेश कर लिया, जिससे मार्ग पर यातायात फिर शुरू हुआ। हालांकि, यह घटना स्कूल जाने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए भय का कारण बन गई। स्थानीय विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति पर पहले से ही बाघ की घटनाओं का असर पड़ा है।
दोपहर को, बाघ ने झब्बार फॉर्म के पास फिर से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस बार प्रवीण के ट्यूबवेल के पास से गुजरते हुए एक युवक ने बाघ की तस्वीर खींच ली। मौके पर मित्रा बिंद्रा फॉर्म के वीरेंद्र सिंह चंदेल सहित कई अन्य लोग पहुंच गए। लोगों की हलचल बढ़ते ही बाघ फिर से गन्ने के खेत में घुस गया।
वन विभाग सतर्क, सुरक्षा इंतजाम की मांग
बाघ की लगातार गतिविधियों से क्षेत्र के लोगों में दहशत बढ़ रही है। स्थानीय लोगों ने वन विभाग से बाघ को पकड़ने और सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित करने की मांग की है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघ के मूवमेंट पर निगरानी रखी जा रही है और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
क्षेत्र में भय का माहौल
बाघ की इस उपस्थिति ने बांकेगंज-कुकरा मार्ग को जोखिम भरा बना दिया है। राहगीर और किसान गन्ने के खेतों में जाने से डर रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि जब तक बाघ को पकड़ा नहीं जाता, वे बच्चों को स्कूल भेजने में असमर्थ हैं।
इस घटना ने एक बार फिर वन्यजीव और मानव के संघर्ष को उजागर किया है। क्षेत्र के लोगों की मांग है कि वन विभाग जल्द से जल्द बाघ को पकड़कर उन्हें राहत प्रदान करे।