योग के क्षेत्र में लखीमपुर के युवा योगाचार्य प्रिंस रंजन बरनवाल को मिलेगा "महर्षि पतंजलि योग रत्न सम्मान"

रामजी पांडे

लखीमपुर,योग के प्रचार-प्रसार और जनहित में किए गए अतुलनीय कार्यों के लिए लखीमपुर के युवा योगाचार्य प्रिंस रंजन बरनवाल को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित "महर्षि पतंजलि योग रत्न सम्मान" से सम्मानित किया जाएगा। यह समारोह आगामी 24 नवंबर 2024 को नई दिल्ली स्थित संविधान क्लब ऑफ़ इंडिया के डिप्टी स्पीकर हॉल में आयोजित होगा।

इस सम्मान समारोह में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस कृष्ण मुरारी, प्रधान योगाचार्य अमित देव, आचार्य पवन दत्त मिश्र, और मुरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योग के कार्यक्रम प्रभारी आई.एन. आचार्य मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन पाठक भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे।

योग के प्रचार में अद्वितीय योगदान
प्रिंस रंजन बरनवाल ने योग की शिक्षा और उसके लाभों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अपनी अनवरत सेवाएं दी हैं। उन्होंने 2017 में योग करियर की शुरुआत योगाकरो डॉट कॉम में सहायक प्रशिक्षक के रूप में की। 2018 में अपने गृहनगर लखीमपुर लौटकर उन्होंने हाइम योग की स्थापना की। इसके बैनर तले जिले में योग जागरूकता बढ़ाने के लिए अनेक उल्लेखनीय कार्यक्रमों का आयोजन किया।

2019-20 में उनकी अगुवाई में लखीमपुर में पहली बार "रन फॉर योग" का सफल आयोजन किया गया। इसके अलावा 108 सूर्य नमस्कार, 51 लाख सूर्य नमस्कार, और कोविड काल के दौरान ऑनलाइन योग कक्षाओं के माध्यम से 1500 से अधिक लोगों को लाभान्वित किया गया। प्रिंस रंजन ने बच्चों और युवाओं को जोड़ने के लिए 92000 से अधिक छात्रों के लिए नि:शुल्क योग सत्र आयोजित किए।

स्थायी योग गतिविधियां और सामाजिक योगदान
प्रिंस रंजन ने लगातार 162 सप्ताह तक 51 सूर्य नमस्कार, 65 सप्ताह शुद्धि क्रिया, और 101 सप्ताह प्रज्ञा योग अभ्यास का आयोजन किया। उन्होंने जिले के पार्कों, गांवों, और कस्बों में लोगों को योग के प्रति प्रेरित करने के लिए नि:शुल्क शिविरों का संचालन किया।

योग के अलावा वे सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं। पर्यावरण संरक्षण, भोजन वितरण, और सामाजिक सेवा के अन्य क्षेत्रों में भी उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

सम्मान पर परिवार और दोस्तों की बधाई
पुरस्कार के लिए नॉमिनेशन की खबर मिलते ही परिवार, मित्र, और शुभचिंतकों ने बधाई संदेशों की बौछार कर दी। प्रिंस रंजन ने इस सम्मान को अपनी माता को समर्पित करते हुए कहा, "यह पुरस्कार मेरे परिवार और मेरे साथ जुड़े हर व्यक्ति की प्रेरणा का परिणाम है।"

राष्ट्रीय मंच पर दूसरी उपलब्धि
यह दूसरी बार है जब लखीमपुर के इस युवा योगाचार्य को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। इससे पहले भी उन्हें विभिन्न संस्थानों और संगठनों द्वारा योग और समाज सेवा के लिए सराहा जा चुका है।

निष्कर्ष
योगाचार्य प्रिंस रंजन बरनवाल की यह उपलब्धि न केवल लखीमपुर, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। उनके कार्यों ने यह साबित कर दिया है कि योग एक व्यक्ति के जीवन को बदलने के साथ-साथ समाज को भी सशक्त बना सकता है। उनकी कहानी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने का काम करेगी।