नोयडा में डेंगू मलेरिया के बाद अब स्क्रब टायफस की एंट्री ऐसे करें बचाव





मौसम के रुख बदलते ही डेंगू मलेरिया जैसी बीमारी पैर पसारने लगती है लेकिन उससे भी दो कदम आगे इस बार स्क्रब टायफस ने अपनी दस्तक देनी शुरू कर दी है स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिला अस्पताल के 2 मरीजों में स्क्रब टायफस से ग्रसित होने की पुष्टि की गई है मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अनुराग भार्गव ने बताया कि बरसात के मौसम में तेज बुखार से पीड़ित रोगियों की संख्या बढ़ जाती है इसके बाद स्क्रब टायफस फैलाने वाला टिशु शरीर के खुले भागों को काटता है इसलिए घरों के आसपास सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए और इस मामले में हमें सतर्क रहना चाहिए क्योंकि यह डेंगू और मलेरिया से भी दो कदम आगे है यह रोग संक्रमित टिशू के काटने से फैलता है जो खेतों झाड़ियों व घास में रहने वाले चूहों से पनपता है इसलिए बाहर जाते समय पूरी बाजू के कपड़े हाथों में दस्ताने और पैरों को ढकने वाले जूते पहन कर ही घर से बाहर निकले स्क्रब टाइफास से बचाव करने के लिए शरीर की नियमित साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए और घर के चारों ओर घास उगने से रोकने चाहिए उसकी भी साफ सफाई नियमित करते रहना चाहिए या एक जीवाणु जनित संक्रमण है जिसके लक्षण कुछ-कुछ चिकनगुनिया जैसे ही देखने को मिलते हैं यदि किसी भी व्यक्ति में यह रोग के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे जल्द से जल्द डॉक्टर की परामर्श लेनी चाहिए जिससे वह सही समय पर सही इलाज पा सके और मरीज की जान बचाई जा सके सभी सरकारी अस्पतालों में स्क्रब टायफस की दवाइयां मुफ्त में उपलब्ध है अगर किसी को इसके लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें आइए हम बताते हैं इसके लक्षण किस तरीके के होते हैं स्क्रब टायफस होने पर तेज बुखार 104 105 डिग्री तक आता है और जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है शरीर भी टूटने लगता है और गर्दन में बाजू के नीचे कूल्हों  पर गिल्टी होनी शुरू हो जाती है जिसके बाद हमें तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए और अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए नहीं तो यह छोटी सी लापरवाही आपके जान की आफत कर सकती है।