Tap news india

Hindi news ,today news,local news in india

Breaking news

गूगल सर्च इंजन

Showing posts with label व्यापार. Show all posts
Showing posts with label व्यापार. Show all posts

Monday, 26 October 2020

02:55

टॉप‑10 कंपनियों में से 6 के एमकैप में 86,684 करोड़ रुपये का इजाफाdeepak tiwari

नई दिल्ली। देश की शीर्ष 10 कंपनियों में से 6 के एमकैप (बाजार पूंजीकरण) में पिछले हफ्ते कुल 86,683.71 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के एमकैप में सबसे ज्‍यादा वृद्धि दर्ज की गई है। इनके बाद आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, भारती एयरटेल और एचसीएल टेक्नोलॉजीज का स्थान रहा है। हालांकि, आरआईएल को इस दौरान 42,567.02 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।
पिछले हफ्ते रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल), टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) और इंफोसिस के एमकैप में गिरावट देखी गई है। हालांकि, इस दौरान देश के निजी क्षेत्र के अग्रणी बैंक, एचडीएफसी बैंक का एमकैप 20,198.59 करोड़ रुपये बढ़कर 6,80,092.72 करोड़ रुपये हो गया। वहीं, एचडीएफसी के एमकैप में 18,146.58 करोड़ रुपये की वृद्धि देखी गई और ये बढ़कर 3,70,132.82 करोड़ रुपये हो गया।
इसी तरह भारती एयरटेल का एमकैप 17,894.22 करोड़ रुपये बढ़कर 2,9,962.13 करोड़ रुपये, आईसीआईसीआई बैंक का एमकैप 14,415.27 करोड़ रुपये बढ़ाकर 2,87,490.70 करोड़ रुपये, कोटक महिंद्रा बैंक का एमकैप 9,204.18 करोड़ रुपये बढ़कर 2,73,760.15 करोड़ रुपये और एचसीएल टेक्नोलॉजीज का एमकैप 6,824.87 करोड़ रुपये बढ़कर 2,31,272.11 करोड़ रुपये हो गया।
आरआईएल को 42,567.02 करोड़ रुपये का घाटा 
इसके विपरीत, आरआईएल का बाजार पूंजीकरण 42,567.02 करोड़ रुपये घटकर 14,28,514.26 करोड़ रुपये पर आ गया है। इसी तरह टीसीएस का एककैप 28,536.89 करोड़ रुपये घटकर 10,08,059.39 करोड़ रुपये, इंफोसिस का एमकैप 2,385.23 करोड़ रुपये घटकर 4,77,906.02 करोड़ रुपये और हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार पूंजीकरण 1,574.2 करोड़ रुपये घटकर 5,03,756.61 करोड़ रुपये रह गया है।
टॉप 10 कंपनियों में आरआईएल पहले पायदान पर 
इसके बावजूद सेंसेक्‍स की शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले पायदान पर बनी रही और इसके बाद टीसीएस का स्थान रहा। इनके बाद क्रमश: एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इंफोसिस, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, भारती एयरटेल और एचसीएल टेक्नोलॉजीज का स्थान रहा। वहीं, बीते हफ्ते सेंसेक्स में 702.52 अंक यानी 1.75 फीसदी की तेजी रही

Tuesday, 22 September 2020

07:49

आने वाले दिनों में महंगी हो सकती है दवाइयां जाने क्यों deepak tiwari

नई दिल्ली। भारत आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। लेकिन यह एक कड़वी सच्चाई है कि चीन पर निर्भरता अचानक से नहीं घट जाएगी। चीन इसी बात का समय-समय पर फायदा उठा रहा है। भारत बहुत बड़े पैमाने पर मेडिसिन का उत्पादन करता है, लेकिन इसके लिए जरूरी उत्पाद API (Active Phar­ma­ceu­ti­cal Ingre­di­ents) और KSM (Key Start­ing Mate­ri­als) का आयात चीन से किया जाता है।

 
20 फीसदी तक की तेजी
चीन ने की स्टार्टिंग मटीरियल की कीमत में 10–20 फीसदी का इजाफा किया है। इसका सीधा असर भारत में दवा की कीमतों पर दिखाई दे सकता है। अगले एक से दो महीने के भीतर जब KSM की नई खेप आएगी तो उसकी कीमत ज्यादा होगी, जिसके कारण मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ जाएगी और दवा की कीमत भी बढ़ानी पड़ेगी। उद्योग जगत का कहना है कि चीन का मकसद इस तरह की हरकतों से आत्मनिर्भरत भारत अभियान को धक्का पहुंचाना है।
KSM से एंटी बॉडी मेडिसिन तैयार होती है
भारत API का बड़े पैमाने पर आयात करता रहा है। API को बेसिक फार्म इंग्रीडिएंट कहते हैं। इसकी मदद से दवा तैयार होती है। एपीआई की कीमत अब प्री-कोविड लेवल पर पहुंच चुकी है। भारत जरूरत का 70–80 फीसदी चीन से आयात करता है। KSM की मदद से भारतीय कंपनियां एंटीबॉडी तैयार मेडिसिन तैयार करती हैं। इसकी कीमत में तेजी के कारण दवा की कीमत में भी तेजी आएगी। इसकी कीमत में 15 फीसदी तक की तेजी आई है।