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Monday, 27 December 2021

04:03

हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव की प्रस्तुति काशी फिल्म महोत्सव में शामिल होने वाले लोगों के पेट में मचाएगी गुदगुदी

रामजी पांडे

वाराणसी। उत्तर भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में पहचानी जानी वाली काशी नगरी में पहली बार होने वाला काशी फिल्म महोत्सव दुनिया में अपनी पहचान बनाने जा रहा है। भगवान शिव की नगरी में 27 से 29 दिसम्बर तक होने वाले इस 03 दिवसीय आयोजन में हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत और नृत्य के दर्शन तो होंगे ही साथ में यहां रहकर देश में विख्यात हुए दार्शनिक कवि, लेखक, संगीतज्ञों और बनारस घराने की यादें भी ताजा होंगी। मंदिरों के शहर में हंसी से गुदगुदाने के लिए महशूर हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव भी मौजूद रहेंगे, तो शाम को यादगार बनाने के लिए ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी की प्रस्तुतियां भी दर्शकों के लिए यादगार बन जाएंगी।

       भगवान शिव की नगरी में फिल्म बंधु, उत्तर प्रदेश सरकार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से पहली बार काशी फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। दीपों के शहर के रूप में विख्यात काशी नगरी में 27 दिसम्बर को शाम 04 बजे महोत्सव का शुभारंभ मुख्य अतिथि पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य, प्रोटोकॉल राज्य मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी और विशिष्ट अतिथि के रूप में भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा करेंगे। इस दौरान वाराणसी के इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर में मनोज जोशी की प्रस्तुति आकर्षण का केन्द्र बनेगी। शाम छह बजे से डॉ. सम्पूर्णानन्द स्पोट्स स्टेडियम, सिगरा में हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव और गायक कैलाश खेर के लाइव शो शाम को खुशनुमा बना देंगे। 

       ज्ञान नगरी के रूप में भी मशहूर वाराणसी में 28 दिसम्बर को होने वाले काशी फिल्म महोत्सव के मुख्य अतिथि भारत सरकार के केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर रहेंगे। इस दौरान 10:30 बजे से 12 बजे तक “वाराणसी- एक सांस्कृतिक, पौराणिक और एतिहासिक विरासत से एक आधुनिक शहर की यात्रा” विषय पर पैनल चर्चा का आयोजन होगा। दूसरी पैनल की चर्चा का विषय ‘संगीत और गीत-बनारस की विरासत’ पर होगी जिसका समय दोपहर 12:30 बजे से दोपहर 02 बजे तक रहेगा। शाम 04 बजे समापन समारोह के साथ ही सब्सीडी का वितरण होगा। गुरुवार की शाम मशहूर फिल्म अभिनेत्री और भारतीय जनता पार्टी की सांसद हेमा मालिनी के नाम रहेगी। इस दौरान उनकी ओर से पेश की जाने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुति सबका दिल मोह लेगी। यह कार्यक्रम वाराणसी के इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर में ही होंगे। 29 दिसम्बर को “फिल्म निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में उत्तर प्रदेश और क्षेत्रीय सिनेमा की संभावनाएं” विषय पर पैनल चर्चा आयोजित होगी। और इस दिन की शाम गायक रवि त्रिपाठी, अभिनेता रवि किशन की पेशकश के रूप में पहली बार काशी में हो रहे फिल्म महोत्सव को यादगार बना देगी।

         27 दिसंबर को काशी फिल्म समारोह में एक्टर अनुपम खेर, गीतकार मनोज मुन्तशिर, एक्टर राजपाल यादव, प्रोड्यूसर राहुल मित्रा, भोजपुरी एक्टर श्रुति राव, भोजपुरी एक्टर अंजना सिंह, अभिनेता विनोद बच्चन, अभिनेता सतीश कौशिक, अभिनेत्री कंचन अवस्थी के साथ ही इंडियन फिल्म एंड टेलिविजन डायरेक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक पंडित, फेडरेशन आफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्पलाइज के जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे आदि लोग प्रमुख रूप से प्रतिभाग करेंगे। 27 दिसंबर को काशी फिल्म समारोह के उद्घाटन अवसर पर रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में उद्घाटन पश्चात शाम 5:00 बजे से टॉयलेट एक प्रेम कथा फिल्म का प्रदर्शन होगा। जिस के मुख्य कलाकार अक्षय कुमार है। रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में ही 28 फरवरी को भोजपुरी फिल्म "हमके दिशा मिल गई" व 29 दिसंबर को"मणिकर्णिका" फिल्म प्रदर्शित की जाएगी।

 

Tuesday, 14 December 2021

05:05

प्रधानमंत्री ने वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया TNI


वाराणसी:प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया। उन्होंने काशी के काल भैरव मंदिर और काशी विश्वनाथ धाम में पूजा-अर्चना की।  प्रधानमंत्री ने पावन गंगा नदी में पवित्र स्नान भी किया।

 

'नगर कोतवाल' (भगवान काल भैरव) के चरणों में प्रणाम के साथ अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके आशीर्वाद के बिना कुछ विशेष नहीं होता है। प्रधानमंत्री ने देशवासियों के लिए भगवान का आशीर्वाद मांगा। प्रधानमंत्री ने पुराणों का हवाला दिया, जो कहते हैं कि जैसे ही कोई काशी में प्रवेश करता है, वह सभी बंधनों से मुक्त हो जाता है। "भगवान विश्वेश्वर का आशीर्वाद, एक अलौकिक ऊर्जा हमारे यहां आते ही हमारी अंतर-आत्मा को जागृत कर देता है"। उन्होंने कहा कि विश्वनाथ धाम का यह पूरा नया परिसर एक भव्य भवन भर नहीं है। यह हमारे भारत की सनातन संस्कृति का प्रतीक है। यह हमारी आध्यात्मिक आत्मा का प्रतीक है। यह भारत की प्राचीनता का, परंपराओं का, भारत की ऊर्जा और गतिशीलता का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने कहा, 'जब कोई यहां आएगा तो यहां न केवल आस्था बल्कि अतीत के गौरव को भी महसूस करेगा।‘ उन्होंने आगे कहा कि ‘प्राचीनता और नवीनता एक साथ कैसे जीवंत हो उठी है। प्राचीन की प्रेरणा भविष्य को कैसे दिशा दे रही है,  इसके साक्षात दर्शन हम विश्वनाथ धाम परिसर में कर रहे हैं।’

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले मंदिर का क्षेत्रफल केवल 3,000 वर्ग फीट तक सीमित था जो अब बढ़कर लगभग 5 लाख वर्ग फीट हो गया है। अब 50,000 – 75,000 श्रद्धालु मंदिर और मंदिर परिसर में दर्शन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब पहले मां गंगा के दर्शन और स्नान करें और वहां से सीधे विश्वनाथ धाम पहुंच जाएं।

 

Friday, 5 March 2021

16:56

वाराणसी में व्हीलचेयर पर मैदान में उतरकर दिव्यांग खिलाड़ियों ने जमकर लगाए शॉट्स

tap news India deepak tiwari 
वाराणसी. इंडिया और इंग्लैंड के बीच अहमदाबाद में सीरीज का आखरी चौथा टेस्ट मैच खेला जा रहा हैं। वही काशी के सिगरा स्टेडियम में पहली बार राजर्षि राजित प्रसाद यादव मेमोरियल व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन शुक्रवार को किया गया। पूर्वांचल भर के दिव्यांग खिलाड़ी इसमें भाग ले रहे हैं। दो टीमों में संभव पैरा स्पोर्ट्स एकेडमी और किंग ऑफ मिर्जापुर के बीच सिगरा स्टेडियम में 16 - 16 ओवर का मैच खेला जा रहा हैं। उत्तर प्रदेश दिव्यांग क्रिकेट एसोसिएशन इसका आयोजन कर रहा हैं। व्हीलचेयर पर बैठ कर खिलाड़ी गेंद को स्विंग करा रहे हैं तो बल्लेबाज चौका, सिंगल और डबल दौड़ कर पूरा कर रहे हैं।
दिव्यांगों ने कहा हम किसी से कम नही हैं, हमे भी मौका मिलना चाहिए
सदस्य, केंद्रीय दिव्यांगजन सलाहकार बोर्ड ( भारत सरकार ) डॉ उत्तम ओझा ने बताया हमारा छोटा सा प्रयास जिला स्तर पर किया गया हैं। दिव्यंगता मन से होती हैं। मन मजबूत होगा तो कुछ भी किया जा सकता हैं। अटल जी ने कहा था छोटे मन से कोई बड़ा नही होता, टूटे मन से कोई खड़ा नही होता। आगे राज्य और अखिल भारतीय स्तर पर टूर्नामेंट कराया जायेगा। समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की पहल हैं।
खेल का जोश हर दर्द को भूला देता हैं, हम भी दौड़ सकते हैं
दवा व्यवसायी खिलाड़ी संतोष पांडेय ने बताया उनको स्पाइनल में दिक्कत हैं। लेकिन जब मैदान में कप्तानी के लिए उतरा तो जिंदगी का जोश दुगना हो गया। गिरने का डर होगा तो इंसान जरूर गिर जाता हैं। खेल में गिरना भी एक हिस्सा हैं, बस मन मे खड़ा होने का जोश और हिम्मत होना चाहिए। हमारा पूरा गेम नार्मल फॉर्मेट पर ही होता हैं।

Sunday, 27 September 2020

10:25

वाराणसी में महामारी के बीच हुई बड़ी लापरवाही :tap news india

वाराणसी.उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) अस्पताल में एक बार फिर लापरवाही का मामला सामने आया है। कोविड वार्ड से एक मरीज के लापता होने की सूचना लंका थाने पर बीएचयू प्रशासन ने दिया है। इससे पहले भी मरीजों के साथ कोविड अस्पताल में लापरवाही के मामले सामने आ चुके हैं।
बताया जा रहा है कि मऊ जनपद के भटकौल गांव के रहने वाले एक शख्स को कोविड वार्ड में 23 तारीख को भर्ती किया गया था। लेकिन 26 को वो व्यक्ति वहां से गायब हो गया। जिसकी सूचना बीएचयू अस्पताल द्वारा लिखित तौर पर स्थानीय थाने को दी गई है। अभी बीएचयू की ओर से कोई आधिकारिक बयान नही आया है। रविवार को यह मामला मीडिया में सामने आने के बाद प्रशासन ने चुप्पी साध ली है।
बीएचयू में कोरोना काल में लगातार लापरवाही के मामले
पहला मामला
12 अगस्त कोरोना की वजह से एडिशनल सीएमओ डाक्टर जंगबहादुर की मौत हो गई थी। कोरोना संक्रमित होने के कारण शव को देखने की इजाजत परिजनों को नहीं थी। परिजन डेडबॉडी लेकर दाह संस्कार करने हरिश्चंद्र घाट पहुंचे। दाह संस्कार के दौरान एक और परिवार पहुंचा और लाश की अदलाबदली की बात बताई। परिवार ने जब अधजली लाश का चेहरा देखा तो होश उड़ गए। पिता समझकर युद्धवीर दाह संस्कार कर रहा था, लेकिन वह कोरोना से संक्रमित गाजीपुर के केशव श्रीवास्तव का डेडबॉडी थी।
दूसरा मामला
कोरोना मरीज को चोट लगने के बाद 12 अगस्त को परिजनों ने ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था।15 अगस्त को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद सुपर स्पेशियलिटी कॉम्प्लेक्स के कोविड वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। जहां दूसरे तल पर बेड नंबर 26 में भर्ती था। कुछ दिनों बाद अस्पताल स्टॉफ ने परिजन को मरीज के गायब होने की सूचना दी। इसके बाद लंका पुलिस को तहरीर भी दी गई। इसके बाद मरीज का शव कैम्पस में ही मिला।
तीसरा मामला
फूलपुर थाने के बाबतपुर क्षेत्र के कैथोली गांव निवासी युवक को मानसिक बीमारी को लेकर 16 अगस्त को बीएचयू के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया था। इस दौरान युवक की कोविड-19 जांच रिपोर्ट में उसके संक्रमित होने का पता चला। जिसके बाद कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने 23 अगस्त को देर रात चौथी मंजिल से कूद के आत्महत्या कर लिया। कई परिजनों ने तोड़फोड़ किया और चोरी का भी आरोप लगाया।

Monday, 21 September 2020

18:11

6 महीने बाद खुला सारनाथ म्यूजियम:deepak tiwari

वाराणसी.भगवान बुद्ध की तपोस्थली और काशी में पर्यटन की लाइफ लाइन कहा जाने वाला सारनाथ म्यूजियम सोमवार से पर्यटकों के लिए खुल गया। यह संग्रहालय कोरोनावायरस के चलते 17 मार्च से बंद था। सुबह 10 बजे से थर्मल स्क्रीनिंग के बाद पर्यटकों को एंट्री दी गई। हालांकि पहले दिन कम पर्यटक रहे, लेकिन आने वाले दिनों में यहां पर्यटकों की संख्या में उछाल की उम्मीद लोग लगा रहे हैं। कोरोना संकट से पहले तक यह संग्रहालय श्रीलंका, थाईलैंड, बैंकाक, मलेशिया, नेपाल, यूएस, जापान समेत कई देशों के पर्यटकों से गुलजार रहता था। यहां मिले अशोक स्तंभ से ही सिंहों को लेकर राज चिन्ह और अशोक चक्र से तिरंगे को सुशोभित किया गया है।
ऑनलाइन टिकट से इंट्री, थर्मल स्कैनिंग और मास्क होने पर ही प्रवेश
सारनाथ पुरातात्विक खंडहर परिसर को बीते सात सितंबर को खोल दिया गया था। तय किया गया था चरणबद्ध तरीके से स्मारकों को खोला जाएगा। इसी क्रम में संग्रहालय को आज से खोला गया, लेकिन अंदर प्रवेश के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है, साथ ही सुरक्षाकर्मी सभी का थर्मल स्कैनिंग करने के बाद ही अंदर जाने दे रहे हैं। दोपहर में 1 से 2 बजे के बीच परिसर को बंद करके सैनिटाइज किया जाएगा। अंदर किसी को कुछ भी छूने की इजाजत नही हैं।
पर्यटकों ने कहा ताजमहल की तरह ये भी ऐतिहासिक है
चंदौली के रहने वाले मनोज सिंह दिल्ली में जॉब करते हैं। लेकिन कोरोना संकट काल में जॉब छूट गई। अब वे अपने गांव पर ही रहते हैं। मनोज कहते हैं कि नौकरी जाने के कारण तनाव में था। तनाव को दूर करने के लिए सारनाथ घूमने आया है। सारनाथ पूर्वांचल का सबसे बड़ा टूरिस्ट प्लेस हैं, जो ताजमहल की तरह ही ऐतिहासिक है। बिहार से आए धनंजय सिंह ने बताया कि सम्राट अशोक से जुड़े तमाम स्तंभ और पुरातात्विक चीजों को देखने का मौका 6 महीने बाद मिला है।
18वीं शताब्दी में अशोक स्तंभ सिंह शीर्ष मिला था
इतिहासकार एसके सिंह ने बताया कि 18वीं सदी में अलेक्जेंडर कनिंघम के समय खुदाई हुई थी। जिसमें अशोक स्तंभ सिंह शीर्ष मिला था। जो मूल रूप से 15.25 मीटर का था। वास्तविक स्थान पर 2.3 मीटर ही है, बाकी का पार्ट संग्रहालय में रखा है। इसी के ऊपरी सतह पर चारों दिशाओं में चार सिंह हैं, जो 1947 में राजचिन्ह के रूप में अपनाया गया था। इसी स्तंभ पर बने 24 तीलियों का चक्र बना है, जिसे तिरंगे में सुशोभित किया गया है। संग्रहालय में भगवान बुद्ध की ज्ञान मुद्रा की मूर्ति के साथ ही पहली शताब्दी से लेकर 15वीं शताब्दी से जुड़ी तमाम चीजें देखने लायक हैं।

Sunday, 10 November 2019

16:49

विधान परिषद सदस्य वाराणसी क्षेत्र के मतदाता बनने हेतु 20 नवंबर तक की तिथि निश्चित


(दुद्धी)सोनभद्र- विधानपरिषद सदस्य वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता बनने हेतु 20 नवम्बर तक तिथि बढ़ा दी गई है ।इसके लिए 2016 तक स्नातक उत्तीर्ण पुरुष, महिला कोई भी व्यक्ति अपना फार्म भर सकता है ।आवेदन पत्र के साथ स्नातक अन्तिम वर्ष उत्तीर्ण अंकपत्र की छायाप्रति ,आधार कार्ड या पहचान पत्र व एक पासपोर्ट साइज फ़ोटो की जरूरत होगी।जो भी व्यक्ति इस आवेदन से छूट गए हो वे अपना आवेदन पत्र भर सकते है ।भाजपा नेता डीसीएफ चेयरमैन सुरेन्द्र अग्रहरि ने बताया कि सोनभद्र जिले में 13 स्थानों पर फार्म भरने का स्थान बनाया गया है जिसमे घोरावल में घोरावल ब्लॉक कार्यालय, रॉबर्ट्सगंज में राजा शारदा महेश इण्टर कालेज , सीमेंट फैक्ट्री इण्टर कॉलेज चुर्क, विकास खण्ड कार्यालय चतरा,  चोपन में विकास खण्ड कार्यालय चोपन, ओबरा इण्टर कालेज ओबरा ,दुद्धी में विकास खण्ड कार्यालय दुद्धी, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रेनुकूट, राजकीय इण्टर कालेज पिपरी, राजकीय इण्टर कालेज अनपरा, प्राथमिक विद्यालय बीना व म्योरपुर में विकास खण्ड कार्यालय म्योरपुर, बभनी में विकास खण्ड कार्यालय बभनी को आवेदन पत्र जमा करने हेतु केन्द्र बनाया गया है ।स्नातक डिग्री हासिल किए हुए सभी लोग इस फार्म को अवश्य भर कर 20 तारीख तक जमा कर दे । पूरे जिले में लगभग 2 लाख स्नातक उत्तीर्ण लोग हैं लेकिन इच्छा शक्ति के अभाव के कारण मतदाता बनने में दिलचस्पी नहीं ले रहे है ।यह वर्ग ही जब आगे नही आएगा तो कौन आगे आएगा।इसलिए आवश्यक है कि हमसभी स्नातक डिग्रीधारी लोग आगे बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले ,जिससे प्रदेश में सोनभद्र जिले का नाम हो कि वाराणसी स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में सबसे ज्यादा मतदाता सोनभद्र में है ,ऐसा भाव होना चाहिये ।इसलिए हमसभी स्नातक उत्तीर्ण लोग मतदाता बने।किसी प्रकार की समस्या होने पर अपने तहसील के तहसीलदार या उपजिलाधिकारी महोदय से सम्पर्क कर सकते है।।।

Wednesday, 23 October 2019

09:40

मंगलवार को वाराणसी बना भारत का सबसे प्रदूषित शहर जिला प्रशासन का उदासीन रवैया इसका जिम्मेदार


के सी शर्मा की टिपोर्ट
दिनांक 23 अक्टूबर 2019 को शाम 4 बजे से 6 बजे तक क्लाइमेट एजेंडा द्वारा वाराणसी के सिगरा स्थित शहीद उद्यान में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर एक पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. ज्ञात हो कि मंगलवार, 22 अक्टूबर को वाराणसी भारत का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया था, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत जिला प्रशासन की ओर से प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोइ कवायद होती नहीं दिखी. ऐसे में, प्रशासन पर न्यायोचित कार्यवाही के लिए जन दबाव बना सकने के प्रयास में संस्था द्वारा इस पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया.
प्रदर्शनी के उद्देश्य को विस्तार से बताते हुए क्लाइमेट एजेंडा की मुख्य अभियानकर्ता एकता शेखर ने कहा: हर साल की तरह एक बार फिर इस अक्टूबर में भी वाराणसी की वायु गुणवत्ता खराब हो चुकी है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, बीते मंगलवार को यह शहर देश का सबसे प्रदूषित शहर पाया गया. यह अपने आप में कोई नई या चौकाने वाली खबर नहीं है. पिछले कई वर्षो से यह खबर निरंतर अखबारों और रिपोर्टों में बनी हुई है. लेकिन, जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की उदासीनता चौकाने वाली है. शहर में प्रदूषण नियंत्रण की कोई कवायद अब तक देखने को नहीं मिली. ऐसे में, यह समझना काफी मुश्किल है कि जिलाधिकारी महोदय और क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी महोदय का कार्यालय आखिर किन कार्यों में व्यस्त है, जबकि शहर की लगभग 30 लाख आबादी जहरीली हवा में किसी तरह जीवन जीने को अभिशप्त है?
क्लाइमेट एजेंडा की सचिवालय प्रबंधक सानिया अनवर ने बताया: “वायु प्रदूषण के कारण देश में प्रत्येक वर्ष लाखों लोगों की मौत हो रही है. जनता को कड़ी मशक्कत के बाद राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम हासिल हुआ था. लेकिन, उदासीन अधिकारियों के कारण यह कार्यक्रम भी फ्लॉप हो चुका है. इस प्रदर्शनी में लगे पोस्टर प्रदेश के विभिन्न जिलों के चित्रकारों द्वारा बनाने गए हैं, जो आम जनता को वायु प्रदूषण के मुद्दे पर जागृत करने और शासन व प्रशासन पर दबाव बनाने के उद्देश्य से यहाँ लगाए गए हैं. प्रदर्शनी अधिकारीगण को उनकी जिम्मेदारी की याद दिलाने और कार्यवाही करने के लिए जन दबाव बनाने के उद्देश्य से ही आयोजित की गयी है, इसे आने वाले दिनों में दूसरे स्थानों पर भी आयोजित किया जाएगा.”

प्रदर्शनी में कूल 100 पोस्टरों को शामिल किया गया. आयोजन में मुख्य रूप से सुनील सिंह धुरिया, ब्रिजेश पटेल, बब्बी शंकर पाठक, सचिन, श्वेता, मनु श्री, चन्दा, रवि राजन, आशीष पटेल, प्रतिमा निषाद, आशुतोष श्रीवास्तव, रवि शेखर आदि की रही.       
 
द्वारा,
एकता शेखर,
मुख्य अभियानकर्ता, क्लाइमेट एजेंडा
8090055505, 9795034908.