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Thursday, 9 September 2021

01:01

खाने के बाद टहलने से दिमागी सेहत के साथ मिलते है ये फायदे :Walking

रामजी पांडे

खाना खाने के बाद सबसे पहले हल्की गति से 5-6 मिनट तक टहलें. कुछ दिनों बाद आप समय को मध्यम गति पर 10 मिनट बढ़ा सकते हैं. अगर आप बाहर टहलना पसंद नहीं करते तो घर में या ऑफिस में ही पांच 7 मिनट टहल सकते हैं टहलना पाचन प्रक्रिया को तेज करता है, जो ब्लोटिंग और ज्यादा खाने जैसी समस्याओं से बचा सकता है. इसके अलावा खाना खाने के बाद यह थोड़ी दूरी आपके ब्लड ग्लूकोज या ब्लड शुगर लेवल सही करने में मदद कर सकती है क्योंकि  खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल में बढ़ोतरी होती है। डायबिटीज के मरीजों को 10 मिनट टहलने की सलाह दी जाती है. लेटने या बैठने से आपको पेट की परेशानी जैसे एसिड रिफ्लेक्स और गैस हो सकती है. टहलना दिमागी सेहत को सही करने का एक संभावित तरीका है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये कोर्टिसोल, एड्रेनालाईन समेत तनाव वाले हार्मोन्स कम करता है. जब एक शख्स टहलने के लिए जाता है, तब शरीर एंडोर्फिन जारी करता है जो प्राकृतिक पेन किलर के जैसा काम करता है. इसलिए थोड़ी देर ही सही खाना खाने के बाद टहले जरूर




Friday, 25 September 2020

07:22

जोड़ों में सूजन-दर्द एसिडिटी और गैस दूर करता है तांबे के बर्तन में रखा पानी deepak tiwari

जोड़ों में सूजन-दर्द,  deepak tiwari एसिडिटी और गैस दूर करता है तांबे के बर्तन में रखा पानी, ताम्रपात्र में 8 घंटे पानी रखने के बाद ही इसे पिएं तभी अधिक फायदे मिलते हैं
आयुर्वेद में कहा गया है कि तांबे के बर्तन में रखा गया पानी शरीर के तीनों दोषों- वात, कफ और पित्त को संतुलित करता है। ऐसे पानी को ‘ताम्रजल’ कहा जाता है। तांबे के बर्तन में कम से कम आठ घंटे रखने के बाद ही पीना चाहिए, तभी इसके अधिक फायदे मिलते हैं। दिन में दो या तीन बार भी इसका पानी पीता पर्याप्त है। बाक़ी समय सादा पानी पिया जा सकता है। कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल की क्लीनिकल डाइटीशियन डॉ. अदिति शर्मा बता रही हैं इसके क्या फायदे हैं...
तांबे के बर्तन में रखे पानी के 4 बड़े फायदे
1. डायरिया, पेचिस ओर पीलिया से बचाता है
तांबे में ओलिगो डायनेमिक गुण होते हैं, जिसके कारण यह बैक्टीरिया, ख़ासतौर पर ई-कोलाई और एस ऑरेस को नष्ट कर देता है। ये दोनों जीवाणु आमतौर पर पर्यावरण में पाए जाते हैं। ये डायरिया, पेचिश, पीलिया जैसी पानी से होने वाली बीमारियों की बड़ी वजह हैं। तांबे का पानी पीने से इनसे बचाव होता है।
2. जोड़ों में सूजन और दर्द से आराम दिलाता है
आर्थराइटिस और जोड़ों में सूजन तांबे में सूजनरोधी गुण भी होते हैं। यह अर्थराइटिस (गठिया वात) और रुमेटाइड अर्थराइटिस से होने वाले जोड़ों के दर्द और सूजन में आराम देता है। तांबा हड्डियों और इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाता है, इसलिए इन रोगों के मरीज़ों के लिए और भी फ़ायदेमंद है, जो हडि्डयों से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे हैं।
3. एसिडिटी, गैस दूर करता और किडनी स्वस्थ रखता है
एक ही जगह पर कई घंटों तक बैठे रहने से एसिडिटी, गैस और अपच आम दिक़्क़तें बन गई हैं। तांबा भोजन के हानिकारक बैक्टीरिया नष्ट करने और पेट की सूजन दूर करने में मदद करता है। यह पेट के अल्सर, अपच और संक्रमण से भी बचाता है और पेट साफ़ करता है। यह लिवर और किडनी के काम करने की क्षमता को बेहतर बनाता है। शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने और पोषक तत्वों को एब्जॉर्ब करने में मदद करता है।
4. यह गिरती मेमोरी को भी कंट्रोल करता है
आयुर्वेद कहता है, जो लोग घटती याददाश्त की समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना चाहिए। यह मस्तिष्क को उत्तेजित करता है और भूलने जैसी समस्याओं से बचाता है।
पानी में अवशोषित हो जाता है तांबा
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि रोज़ाना एक लीटर पानी में 2 मि.ग्रा. तक तांबे का सेवन शरीर के लिए अच्छा है। शोधकर्ताओं के अनुसार, तांबे के बर्तन में कई घंटों तक रखा गया पानी तांबे का एक हिस्सा अवशोषित कर लेता है। यह पानी कई तरह से फायदा पहुंचाता है।
कैसे चुनें असली तांबा
चुंबक की मदद से तांबे की शुद्धता की पहचान सकते हैं। तांबे के लोटे, गिलास या बोतल पर चुंबक लगाकर देखें। यदि यह चिपक जाता है तो तांबा मिलावटी है। असली तांबे का रंग गुलाबी-नारंगी होता है। यदि तांबे का लोटा या बोतल आपके पास पहले से है तो उस पर नींबू रगड़ें और फिर पानी से साफ़ कर लें। अगर इन पर गुलाबी और चमकीला रंग दिखता है तो तांबा शुद्ध है।
ऐसे करें तांबे के बर्तन की सफाई
ऐसे बर्तन के भीतरी हिस्से को स्क्रब से रगड़कर साफ करें। बेहतर तरीक़ा है कि इसे नींबू से रगड़कर साफ़ किया जाए। रगड़कर कुछ मिनट के लिए छोड़ दें और फिर सादे पानी से धो लेंं। तांबे के बर्तन को साफ़ करने के लिए बेकिंग सोडे का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

Wednesday, 22 January 2020

09:19

पहचानिये अपनी शक्ति को!*समझिये, हम कैसे कार्य करते हैं,*



*पहचानिये अपनी शक्ति को!*समझिये, हम कैसे कार्य करते हैं,*

हम एक आत्मा हैं,जिसके तीन प्रारूप मन, बुद्धि और संस्कार कार्य करते हैं,
तो ये कह सकते हैं कि आप ही मन ,बुद्धि और संस्कार का जोड़ हैं।
अब इस मन की शक्ति का कमाल देखिये कि ये कैसे जादू करती है।

मान लीजिए

आप अपनी खिड़की से दूर एक पेड़ को देखते हैं,आपने अगर उस पेड़ को कुछ देर देख लिया तो मन का जादू चुपचाप उसे आपके अंदर प्लांट कर देगा,फिर अगर बुद्धि के रूप में आपने उसको कुछ देर देख लिया तो उसकी जड़ें आपके अंदर ग़हरी उतर कर मज़बूत हो जाएंगी,और उसे automatically संस्कार खाद पानी देकर उस पर फूल,फल लगा देते हैं,अब आपकी memory पर इतना बड़ा पेड़ उग जायेगा तो आपके सिर को भारी करेगा ही,अब अगर इस पेड़ पर कांटे या ज़हरीले फूल फल लगेंगे तो आपके जीवन में तकलीफ़ लाएंगे ही।
हमारे अंदर कोई भी बात गहरे तभी उतरती है जब हम अपने चिंतन से उसे अपनी शक्तियां देते हैं,अगर हम उसे ख़ुराक़ ना दे तो कोई भी व्यर्थ या नकारात्मक बात एक पल भी मन में ठहर नहीं सकती।
तो कृपया ऐसे व्यर्थ की बातों के पेड़ को देखते ही मन की दृष्टि वहाँ से हटा लें तो फिर समस्या इतनी बढ़ेगी ही नहीं की उसकी जड़ काटने के लिए हमें बाद में परेशान होना पड़े।

बजाय इसके

मन की दृष्टि अगर सार्थक बातों,ज्ञान,सकारात्मकता,व् प्रभु की याद के बगीचे पर रखें तो यही बुद्धि व् संस्कार जब उसे खाद पानी देकर वटवृक्ष बनाएंगे तो हमें प्रभु शक्तियों की शीतल छाया भी मिलेगी,मन हल्का होकर उड़ता रहेगा और खुशियों की सुगंध से जीवन भी महकता रहेगा।

Friday, 8 November 2019

06:40

अपना डॉक्टर खुद बने जाने कैसे




1 =  केवल सेंधा नमक प्रयोग करे!थायराईड बी पी और पेट ठीक होगा!
2 = केवल स्टील का कुकर ही प्रयोग करें!अल्युमिनियम में मिले हुए लेड से होने वाले नुकसानों से बचेंगे!
3 = कोई भी रिफाइंड तेल ना खाकर केवल तिल! मूंगफली सरसों और नारियल का प्रयोग करें!रिफाइंड में बहुत केमिकल होते है!जो शरीर में कई तरह की बीमारियाँ पैदा करते है!
4 = सोयाबीन बड़ी को 2 घण्टे भिगो कर मसल कर ज़हरीली झाग निकल कर ही प्रयोग करे!
5 = रसोई में एग्जास्ट फैन जरूरी है!प्रदूषित हवा बाहर करे!
6 = काम करते समय स्वयं को अच्छा लगने वाला संगीत चलाएं। खाने में भी अच्छा प्रभाव आएगा और थकान कम होगी!
7 = देसी गाय के घी का प्रयोग बढ़ाएं। अनेक रोग दूर होंगे, वजन नहीं बढ़ता!
8 = ज्यादा से ज्यादा मीठा नीम/कढ़ी पत्ता खाने की चीजों में डालें सभी का स्वास्थ्य ठीक करेगा!
9 = ज्यादा से ज्यादा चीजें लोहे की कढ़ाई में ही बनाएं! आयरन की कमी किसी को नहीं होगी!
10 = भोजन का समय निश्चित करे!पेट ठीक रहेगा! भोजन के बीच बात न करें!भोजन ज्यादा पोषण देगा!
11 = नाश्ते में अंकुरित अन्न शामिल करें!पोषक विटामिन और फाइबर मिलेंगे!
12 = सुबह के खाने के साथ देशी गाय के दूध का बना ताजा दही लें पेट ठीक रहेगा!
13 = चीनी कम से कम प्रयोग करें!ज्यादा उम्र में हड्डियां ठीक रहेंगी!
14 = चीनी की जगह बिना मसले का गुड़ या देशी शक्कर ले!
15 = छौंक में राई के साथ कलौंजी का भी प्रयोग करे! फायदे इतने कि लिख ही नहीं सकते!
16 = चाय के समय आयुर्वेदिक पेय की आदत बनाएं व निरोग रहेंगे!
17 = एक डस्टबिन रसोई में और एक बाहर रखें!सोने से पहले रसोई का कचरा बाहर के डस्ट बिन में डालें!
18 = रसोई में घुसते ही नाक में घी या सरसों का तेल लगाएं सर और फेफड़े स्वस्थ रहेंगें!
19 = करेले मैथी और मूली यानि कड़वी सब्जियां भी खाएँ, रक्त शुद्ध रहेगा!
20 = पानी मटके वाले से ज्यादा ठंडा न पिएं, पाचन व दांत ठीक रहेंगे!
21 = प्लास्टिक और अल्युमिनियम रसोई से हटाएं दोनों केन्सर कारक है!
22‌ = माइक्रोवेव ओवन का प्रयोग कैंसर कारक है!
23 = खाने की ठंडी चीजें कम से कम खाएँ पेट और दांत को खराब करती हैं!
24 = बाहर का खाना बहुत हानिकारक है!खाने से सम्बंधित ग्रुप से जुड़कर सब घर पर ही बनाएं!
25 = तली चीजें छोड़ें वजन पेट एसिडिटी ठीक रहेंगी!
26 = मैदा बेसन छौले राजमां और उड़द कम खाएँ गैस की समस्या से बचेंगे!
27 = अदरक अजवायन का प्रयोग बढ़ाएं गैस और शरीर के दर्द कम होंगे!
28 = बिना कलौंजी वाला अचार हानिकारक होता है!
29 = पानी का फिल्टर R O वाला हानिकारक है!-U V वाला ही प्रयोग करे!सस्ता भी और बढ़िया भी!
30 = रसोई में ही बहुत से कॉस्मेटिक्स हैं!इस प्रकार के ग्रुप से जानकारी लें!
31 = रात को आधा चम्मच त्रिफला एक कप पानी में डाल कर रखें!सुबह कपड़े से छान कर इस जल से आंखें धोएं, चश्मा उतर जाएगा। छानने के बाद जो पाउडर बचे उसे फिर एक गिलास पानी में डाल कर रख दें!रात को पी जाएं!पेट साफ होगा कोई रोग एक साल में नहीं रहेगा
32 = सुबह रसोई में चप्पल न पहनें शुद्धता भी एक्यू प्रेशर भी!
33 = रात का भिगोया आधा चम्मच कच्चा जीरा सुबह खाली पेट चबा कर वही पानी पिएं एसिडिटी खतम!
34 = एक्यूप्रेशर वाले पिरामिड प्लेटफार्म पर खड़े होकर खाना बनाने की आदत बना लें तो भी सब बीमारियां शरीर से निकल जायेंगी!
35 = चौथाई चम्मच दालचीनी का कुल उपयोग दिन भर में किसी भी रूप में करने पर निरोगता अवश्य होगी!
36 = रसोई के मसालों से बनी चाय मसाला स्वास्थ्यवर्धक है!
37 = सर्दियों में नाखून के बराबर जावित्री कभी चूसने से सर्दी के असर से बचाव होगा!
38 = सर्दी में बाहर जाते समय 2 चुटकी अजवायन मुहं में रखकर निकलिए सर्दी से नुकसान नहीं होगा!
39 = रस निकले नीबू के चौथाई टुकड़े में जरा सी हल्दी! नमक फिटकरी रख कर दांत मलने से दांतों का कोई भी रोग नहीं रहेगा!
40 = कभी - कभी नमक - हल्दी में 2 बून्द सरसों का तेल डाल कर दांतों को उंगली से साफ करें दांतों का कोई रोग टिक नहीं सकता!
41 = बुखार में 1 लीटर पानी उबाल कर 250 ml कर लें, साधारण ताप पर आ जाने पर रोगी को थोड़ा थोड़ा दें, दवा का काम करेगा!
42 = सुबह के खाने के साथ घर का जमाया देशी गाय का ताजा दही जरूर शामिल करें! प्रोबायोटिक का काम करेगा!

     *हृदय की बीमारी के आयुर्वेदिक इलाज!*

हमारे देश भारत मे 3000 साल पहले एक बहुत बड़े ऋषि हुये थे!उनका नाम था महाऋषि वागवट जी!!

उन्होने एक पुस्तक लिखी थी!जिसका नाम है अष्टांग हृदयम!-(Astang Hridayam)

इस पुस्तक मे उन्होने बीमारियो को ठीक करने के लिए 7000 सूत्र लिखे थे!
              यह उनमे से ही एक सूत्र है !!

वागवट जी लिखते है!कि कभी भी हृदय को घात हो रहा है!मतलब दिल की नलियों मे Blockage होना शुरू हो रहा है तो इसका मतलब है कि रक्त (Blood) मे Acidity (अम्लता) बढ़ी हुई है!

अम्लता आप समझते है!जिसको अँग्रेजी में Acidity भी कहते हैं और यह अम्लता दो तरह की होती है !

एक होती है पेट कि अम्लता !
और
एक होती है रक्त (Blood) की अम्लता !

आपके पेट मे अम्लता जब बढ़ती है तो आप कहेंगे पेट मे जलन सी हो रही है!खट्टी खट्टी डकार आ रही है!मुंह से पानी निकल रहा है!और अगर ये अम्लता (Acidity) और बढ़ जाये तो इसे Hyperacidity कहते हैं!

फिर यही पेट की अम्लता बढ़ते - बढ़ते जब रक्त मे आती है!तो रक्त अम्लता-(Blood Acidity) होती है!और जब Blood मे Acidity बढ़ती है तो ये अम्लीय रक्त दिल की नलियों में से निकल नहीं पाता और नलियों में Blockage कर देता है और तभी Heart Attack होता है!इसके बिना Heart Attack नहीं होता और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है!जिसको कोई डाक्टर आपको बताता नहीं!क्योंकि इसका इलाज सबसे सरल है !!
           एसीडिटी का इलाज क्या है!
वागबट जी आगे लिखते है कि जब रक्त (Blood) में अम्लता (Acidity) बढ़ गई है!तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करें जो क्षारीय है!

आप जानते है!दो तरह की चीजे होती है!

अम्लीय (Acidic)
और
क्षारीय (Alkaline)

अब अम्ल और क्षार (Acid and Alkaline) को मिला दें तो क्या होता है!

हम सब जानते है!Neutral होता है!

तो वागबट जी लिखते है!कि रक्त की अम्लता बढ़ी हुई है! तो क्षारीय (Alkaline) चीजे खाओ!तो रक्त की अम्लता (Acidity) Neutral हो जाएगी और जब रक्त मे अम्लता Neutral हो गई तो Heart Attack की जिंदगी मे कभी संभावना ही नहीं होगी!

ये है सारी कहानी!

अब आप पूछोगे जी ऐसे कौन सी चीजे है जो क्षारीय है! और हम खाये!

आपके रसोई घर मे ऐसी बहुत सी चीजे है जो क्षारीय है! जिन्हें अगर आप खायें तो कभी Heart Attack न आयेगा और अगर आ गया तो दुबारा नहीं आएगा!

आपके घर में जो सबसे ज्यादा क्षारीय चीज है वह है! लौकी जिसे हम दुधी भी कहते है!और English मे इसे Bottle Gourd भी कहते हैं जिसे आप सब्जी के रूप मे खाते है!

इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज ही नहीं है!इसलिये आप हर रोज़ लौकी का रस निकाल कर पियें या अगर खा सकते है!तो कच्ची लौकी खायें!

वागवतट जी के अनुसार रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा ताकत लौकी में ही है!इसलिए आप लौकी के रस का सेवन करें!

कितना मात्रा में सेवन करें!

रोज 200 से 300 ग्राम लौकी का रस ग्राम पियें!

कब पिये!

सुबह खाली पेट (Toilet) शौच जाने के बाद पी सकते है!या फिर नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते हैं!

इस लौकी के रस को आप और ज्यादा क्षारीय भी बना सकते हैं!जिसके लिए इसमें 7 से 10 पत्ते के तुलसी के डाल लें क्योंकि तुलसी बहुत क्षारीय है!

इसके साथ आप पुदीने के 7 से 10 पत्ते भी मिला सकते है!क्योंकि पुदीना भी बहुत क्षारीय होता है!

इसके साथ आप इसमें काला नमक या सेंधा नमक भी जरूर डाले!ये भी बहुत क्षारीय है!याद रखे नमक काला या सेंधा ही डालें दूसरा आयोडीन युक्त नमक कभी न डालें!

ये आओडीन युक्त नमक अम्लीय है!

तो मित्रों आप इस लौकी के जूस का सेवन जरूर करे 2 से 3 महीने आपकी सारी Heart की Blockage ठीक कर देगा!-21 वे दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा और फिर आपको कोई आपरेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी!

घर मे ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा और आपका अनमोल शरीर और लाखों रुपए आपरेशन के बच जाएँगे और जो पैसे बच जायें उसे अगर इच्छा हो किसी गौशाला मे दान कर दें क्योंकि डाक्टर को देने से अच्छा है किसी गौशाला दान दे!

हमारी गौ माता बचेगी तो भारत बचेगा....!!

*हल्दी का पानी*
   
पानी में हल्दी मिलाकर पीने से यह 7 फायदें होते है...!!

1. गुनगुना हल्दी वाला पानी पीने से दिमाग तेज होता है! सुबह के समय हल्दी का गुनगुना पानी पीने से दिमाग तेज और उर्जावान बनता है!

2.‌ आप यदि रोज़ हल्दी का पानी पीते हैं!तो इससे खून में होने वाली गंदगी साफ होती है!और खून जमता भी नहीं है!यह खून साफ करता है!और दिल को बीमारियों से भी बचाता है!

3. लीवर की समस्या से परेशान लोगों के लिए हल्दी का पानी किसी औषधि से कम नही है!क्योंकि हल्दी का पानी टाॅक्सिस लीवर के सेल्स को फिर से ठीक करता है! इसके अलावा हल्दी और पानी के मिले हुए गुण लीवर को संक्रमण से भी बचाते हैं!

4. हार्ट की समस्या से परेशान लोगों को हल्दी वाला पानी पीना चाहिए क्योंकि हल्दी खून को गाढ़ा होने से बचाती है जिससे हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है...!!

5. जब हल्दी के पानी में शहद और नींबू मिलाया जाता है!तब यह शरीर के अंदर जमे हुए विषैले पदार्थों को निकाल देता है!जिसे पीने से शरीर पर बढ़ती हुई उम्र का असर नहीं पड़ता है!हल्दी में फ्री रेडिकल्स होते हैं जो सेहत और सौंदर्य को बढ़ाते है...!!

6. शरीर में किसी भी तरह की सूजन हो और वह किसी दवाई से ना ठीक हो रही हो तो आप हल्दी वाला पानी का सेवन करें!हल्दी में करक्यूमिन तत्व होता है!जो सूजन और जोड़ों में होने वाले असहय दर्द को ठीक कर देता है! सूजन की अचूक दवा है हल्दी का पानी!

7. कैंसर खत्म करती है हल्दी!हल्दी कैंसर से लड़ती है! और उसे बढ़ने से भी रोक देती है!क्योंकि हल्दी एंटी - कैंसर युक्त होती है!और यदि आप सप्ताह में तीन दिन हल्दी वाला पानी पीएगें तो आपको भविष्य में कैंसर से हमेशा बचे रहेगे!

*हमारे वेदों के अनुसार स्वस्थ रहने के १५ नियम हैं...!!*

१ - खाना खाने के १.३० घंटे बाद ही पानी पीना चाहिए!

२ - पानी घूँट घूँट करके पीना है!जिससे अपनी मुँह की लार पानी के साथ मिलकर पेट में जा सके पेट में Acid बनता है और मुँह में छार दोनो पेट में बराबर मिल जाए तो कोई रोग पास नहीं आएगा!

३ - पानी कभी भी ठंडा (फ़्रिज़ का) नहीं पीना है!

४ - सुबह उठते ही बिना क़ुल्ला किए २ ग्लास पानी पीना चाहिए!रात भर जो अपने मुँह में लार है!वो अमूल्य है! उसको पेट में ही जाना ही  चाहिए!

५ - खाना जितने आपके मुँह में दाँत है!उतनी बार ही चबाना है!

६ - खाना ज़मीन में पलोथी मुद्रा में बैठकर या उखड़ूँ बैठकर ही खाना चाहिए!

७ - खाने के मेन्यू में एक दूसरे के विरोधी भोजन एक साथ ना करे जैसे दूध के साथ दही प्याज़ के साथ दूध दही के साथ उड़द की दlल!

८ - समुद्री नमक की जगह सेंधा नमक या काला नमक खाना चाहिए!

९ - रीफ़ाइन तेल डालडा ज़हर है!इसकी जगह अपने इलाक़े के अनुसार सरसों तिल मूँगफली या नारियल का तेल उपयोग में लाए!सोयाबीन के कोई भी प्रोडक्ट खाने में ना ले इसके प्रोडक्ट को केवल सुअर पचा सकते है! आदमी में इसके पचाने के एंज़िम नहीं बनते हैं!

१० - दोपहर के भोजन के बाद कम से कम ३० मिनट आराम करना चाहिए और शाम के भोजन बाद ५०० क़दम पैदल चलना चाहिए!

११ - घर में चीनी (शुगर) का उपयोग नहीं होना चाहिए क्योंकि चीनी को सफ़ेद करने में १७ तरह के ज़हर (केमिकल ) मिलाने पड़ते है!इसकी जगह गुड़ का उपयोग करना चाहिए और आज कल गुड़ बनाने में कॉस्टिक सोडा (ज़हर) मिलाकर गुड को सफ़ेद किया जाता है!इसलिए सफ़ेद गुड़ ना खाए!प्राकृतिक गुड़ ही खाये!प्राकृतिक गुड़ चाकलेट कलर का होता है!

१२ - सोते समय आपका सिर पूर्व या दक्षिण की तरफ़ होना चाहिए!

१३ - घर में कोई भी अलूमिनियम के बर्तन या कुकर नहीं होना चाहिए!हमारे बर्तन मिट्टी पीतल लोहा और काँसा के होने चाहिए!

१४ - दोपहर का भोजन ११ बजे तक अवश्य और शाम का भोजन सूर्यास्त तक हो जाना चाहिए!

१५ - सुबह भोर के समय तक आपको देशी गाय के दूध से बनी छाछ (सेंधl नमक और ज़ीरा बिना भुना हुआ मिलाकर) पीना चाहिए!

यदि आपने ये नियम अपने जीवन में लागू कर लिए तो आपको डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और देश के ८ लाख करोड़ की बचत होगी!यदि आप बीमार है!तो ये नियमों का पालन करने से आपके शरीर के सभी रोग (BP, शुगर ) अगले ३ माह से लेकर १२ माह में ख़त्म हो जाएँगे!

सर्दियों में उठायें मेथी दानों से भरपूर लाभ
      मेथीदाना उष्ण वात व कफनाशक पित्तवर्धक पाचनशक्ति व बलवर्धक एवं ह्रदय के लिए हितकर है! यह पुष्टिकारक शक्ति स्फूर्तिदायक टॉनिक की तरह कार्य करता है!सुबह–शाम इसे पानी के साथ निगलने से पेट को निरोग बनाता है!कब्ज व गैस को दूर करता है!इसकी मूँग के साथ सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं!यह मधुमेह के रोगियों के लिए खूब लाभदायी है!

 अपनी आयु के जितने वर्ष व्यतीत हो चुके हैं!उतनी संख्या में मेथीदाने रोज धीरे–धीरे चबाना या चूसने से वृद्धावस्था में पैदा होने वाली व्याधियों जैसे घुटनों व जोड़ों का दर्द भूख न लगना हाथों का सुन्न पड़ जाना सायटिका मांसपेशियों का खिंचाव बार -बार मूत्र आना, चक्कर आना आदि में लाभ होता है!गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भुने मेथी दानों का चूर्ण आटे के साथ मिला के लड्डू बना के खाना लाभकारी है!
        मेथी दाने से शक्तिवर्धक पेय
दो चम्मच मेथीदाने एक गिलास पानी में ४ – ५ घंटे भिगोकर रखें फिर इतना उबालें कि पानी चौथाई रह जाय इसे छानकर २ चम्मच शहद मिला के पियें!
      औषधीय प्रयोग

1. कब्ज : २० ग्राम मेथीदाने को २०० ग्राम ताजे पानी में भिगो दें. ५-६ घंटे बाद मसल के पीने से मल साफ़ आने लगता है!भूख अच्छी लगने लगती है और पाचन भी ठीक होने लगता है!

2. जोड़ों का दर्द : १०० ग्राम मेथीदाने अधकच्चे भून के दरदरा कूट लें!इसमें २५ ग्राम काला नमक मिलाकर रख लें!-२ चम्मच यह मिश्रण सुबह-शाम गुनगुने पानी से फाँकने से जोड़ों कमर व घुटनों का दर्द आमवात (गठिया) का दर्द आदि में लाभ होता है!इससे पेट में गैस भी नहीं बनेगी!

3. पेट के रोगों में :१ से ३ ग्राम मेथी दानों का चूर्ण सुबह दोपहर व शाम को पानी के साथ लेने से अपच दस्त भूख न लगना अफरा दर्द आदि तकलीफों में बहुत लाभ होता है!

4. दुर्बलता : १ चम्मच मेथीदानों को घी में भून के सुबह - शाम लेने से रोगजन्य शारीरिक एवं तंत्रिका दुर्बलता दूर होती है!

5. मासिक धर्म में रुकावट : ४ चम्मच मेथीदाने १ गिलास पानी में उबालें!आधा पानी रह जाने पर छानकर गर्म–गर्म ही लेने से मासिक धर्म खुल के होने लगता है!

6. अंगों की जकड़न :भुनी मेथी के आटे में गुड़ की चाशनी मिला के लड्डू बना लें-१–१ लड्डू रोज सुबह खाने से वायु के कारण जकड़े हुए अंग १ सप्ताह में ठीक हो जाते हैं तथा हाथ–पैरों में होने वाला दर्द भी दूर होता है!

7. विशेष : सर्दियों में मेथीपाक मेथी के लड्डू मेथीदानों व मूँग–दाल की सब्जी आदि के रूप में इसका सेवन खूब लाभदायी हैं!
                 IMPORTANT
HEART ATTACK और गर्म पानी पीना!

यह भोजन के बाद गर्म पानी पीने के बारे में ही नहीं Heart Attack के बारे में भी एक अच्छा लेख है!

चीनी और जापानी अपने भोजन के बाद गर्म चाय पीते हैं!ठंडा पानी नहीं!अब हमें भी उनकी यह आदत अपना लेनी चाहिए!जो लोग भोजन के बाद ठंडा पानी पीना पसन्द करते हैं!यह लेख उनके लिए ही है!

भोजन के साथ कोई ठंडा पेय या पानी पीना बहुत हानिकारक है!क्योंकि ठंडा पानी आपके भोजन के तैलीय पदार्थों को जो आपने अभी अभी खाये हैं!ठोस रूप में बदल देता है!

इससे पाचन बहुत धीमा हो जाता है!जब यह अम्ल के साथ क्रिया करता है!तो यह टूट जाता है!और जल्दी ही यह ठोस भोजन से भी अधिक तेज़ी से आँतों द्वारा सोख लिया जाता है!यह आँतों में एकत्र हो जाता है!फिर जल्दी ही यह चरबी में बदल जाता है!और कैंसर के पैदा होने का कारण बनता है!

इसलिए सबसे अच्छा यह है!कि भोजन के बाद गर्म सूप या गुनगुना पानी पिया जाये!एक गिलास गुनगुना पानी सोने से ठीक पहले पीना चाहिए!इससे खून के थक्के नहीं बनेंगे और आप हृदयाघात से बचे
रहेंगे!

Wednesday, 23 October 2019

07:08

जाने कैसे सिगरेट पीने की आदत नपुंसकता की ओर ढकेल देती है

 

पीने की आदत नपुंसकता के खतरे को बढ़ा देती*


वैसे तो हर कोई जानता है स्मोकिंग स्वास्थ्य के लिए नुक्सानदायक होती है लेकिन एक रिपोर्ट में कई ऐसे खुलासे किए गए हैं जो शायद ही किसी को पता हों।
 रिपोर्ट की मानें तो सिगरेट की आदत से न सिर्फ हमारी सेहत खराब हो सकती है बल्कि हमारी जान भी जा सकती है। सिगरेट की आदत से दिल के दौरे, लकवा, दमा, कैंसर और खासकर फेफ ड़ों का कैंसर होने का खतरा कहीं अधिक बढ़ जाता है।मर्दों की यही आदत उनकी मर्दानगी पर सवाल खड़े कर सकती है क्योंकि सिगरेट पीने की लत उन्हें नपुंसक भी बना सकती है।सिगरेट पीने की वजह से हमारे शरीर में रक्त के प्रवाह में बाधा आने लगती है जिससे हमारे अंगों तक ऑक्सीजन काफी मुश्किल से पहुंच पाती है।

सिगरेट पीने

की  वजह से व्यक्ति की उत्तेजन क्षमता में कमी आती है। जरूरत से ज्यादा सिगरेट पीने की आदत नपुंसकता के खतरे को बढ़ा देती है और गर्भधारण दौरान या उससे पहले जो माता-पिता सिगरेट पीते हैं उन्हें लड़की पैदा होने की संभावना ज्यादा होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक सिगरेट की आदत पुरुषों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती है क्योंकि लगातार सिगरेट पीने की वजह से पुरुषों की मर्दानगी कम होने लगती है।
सिगरेट पीने से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या में कमी आ सकती है और शुक्राणुओं का डी.एन.ए. तक पूरी तरह से नष्ट हो सकता है।

Saturday, 19 October 2019

09:01

जाने ब्रेन हेमरेज के लक्षण और उसके बचाव

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जाने ब्रेन हेमरेज के लक्षण

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में  मानसिक परेशानियां  और  दिमाग का दवाव जब अत्यधिक बढ़ जाता है तो  दिमाग  काम करना बंद कर देता है और यही कारण है कि इससे  ब्रेन हेमरेज जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है लेकिन  आखिर हम ब्रेन हेमरेज के लक्षण को  पहचानने के कैसे यह एक गंभीर प्रश्न है  क्योंकि आम तौर पर आम लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती है जिस कारण से किसी की जान भी जा सकती है तो आइए एक कहानी के माध्यम से  हम जानते हैं हम  कि किस प्रकार ब्रेन हेमरेज की  स्थिति को लेकर जागरूक होकर हम  एक दूसरे की जिंदगी को बचा सकते हैं 
ब्रेन हेमरेज के लक्षण
एक पार्टी चल रही थी, एक महिला को थोड़ी ठोकर सी लगी और वह गिरते गिरते संभल गई, मगर उसने अपने आसपास के लोगों को यह कह कर आश्वस्त कर दिया कि -"सब कुछ ठीक है, बस नये बूट की वजह से एक ईंट से थोड़ी ठोकर लग गई थी" 

साथ में खड़े मित्रों ने उन्हें साफ़ होने में मदद की और एक नई प्लेट भी आ गई! ऐसा लग रहा था कि महिला थोड़ा अपने आप में सहज नहीं है! उस समय तो वह पूरी शाम पार्टी एन्जॉय करती रहीं, पर बाद में उसके पति का लोगों के पास फोन आया कि उसे अस्पताल में ले जाया गया जहाँ उसने उसी शाम दम तोड़ दिया!!
दरअसल उस पार्टी के दौरान महिला को

 ब्रेन-हैमरेज के लक्षण


अगर वहाँ पर मौजूद लोगों में से कोई इस अवस्था की पहचान कर पाता तो आज वो महिला हमारे बीच जीवित होती..!!
माना कि ब्रेन-हैमरेज से कुछ लोग मरते नहीं है, लेकिन वे सारी उम्र के लिये अपाहिज़ और बेबसी वाला जीवन जीने पर मजबूर तो हो ही जाते हैं!!
स्ट्रोक की पहचान-
बामुश्किल एक मिनट का समय लगेगा, आईए जानते हैं-
न्यूरोलॉजिस्ट कहते हैं- 
अगर कोई व्यक्ति ब्रेन में स्ट्रोक लगने के, तीन घंटे के अंदर, अगर उनके पास पहुँच जाए तो स्ट्रोक के प्रभाव को पूरी तरह से समाप्त (reverse) किया जा सकता है। 
उनका मानना है कि सारी की सारी ट्रिक बस यही है कि कैसे भी स्ट्रोक के लक्षणों की तुरंत पहचान होकर, मरीज़ को जल्द से जल्द (यानि तीन घंटे के अंदर-अंदर) डाक्टरी चिकित्सा मुहैया हो सके, और बस दुःख इस बात का ही है कि अज्ञानतावश यह सब ही execute नहीं हो पाता है!!!
मस्तिष्क के चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार स्ट्रोक के मरीज़ की पहचान के लिए तीन अतिमहत्वपूर्ण बातें जिन्हें वे STR कहते हैं, सदैव ध्यान में रखनी चाहिए। अगर STR नामक ये तीन बातें हमें मालूम हों तो मरीज़ के बहुमूल्य जीवन को बचाया जा सकता है।
ये 3 बातें इस प्रकार हैं-
1) S = Smile अर्थात उस व्यक्ति को मुस्कुराने के लिये कहिए।
2) T = Talk यानि उस व्यक्ति को कोई भी सीधा सा एक वाक्य बोलने के लिये कहें, जैसे- 'आज मौसम बहुत अच्छा है' आदि।
और तीसरा...
3) R = Raise अर्थात उस व्यक्ति को उसके दोनों बाजू ऊपर उठाने के लिए कहें।
अगर उस व्यक्ति को उपरोक्त तीन कामों में से एक भी काम करने में दिक्कत है, तो तुरंत ऐम्बुलैंस बुलाकर उसे न्यूरो-चिकित्सक के अस्पताल में शिफ्ट करें और जो आदमी साथ जा रहा है उसे ।

इन ब्रेन हेमरेज के लक्षणों 


के बारे में बता देंताकि वह पहले से ही डाक्टर को इस बाबत खुलासा कर सके।इनके अलावा स्ट्रोक का एक लक्षण यह भी है-उस आदमी को अपनी जीभ बाहर निकालने को कहें। अगर उसकी जीभ सीधी बाहर नहीं आकर, एक तरफ़ मुड़ सी रही है, तो यह भी ब्रेन-स्ट्रोक का एक प्रमुख लक्षण है।
एक सुप्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि अगर इस मैसेज़ को पढ़ने वाला, इसे ज्यादा नही तो आगे, कम से कम अगर दस लोगों को भी भेजे, तो निश्चित तौर पर, कुछ न कुछ बेशकीमती "जानें" तो बचाई ही जा सकती है तो आइए आज ही पहचानते हैं इनके लक्षणों को और अपने साथियों और जानने वालों को या अनजान लोगों को इस ब्रेन हेमरेज की स्थिति से बचाने की कोशिश करते हैं इसके लिए हमें जागरूक होना बेहद आवश्यक है।

Saturday, 12 October 2019

09:01

जाने कब और क्यों जरूरी होता है हाथ धोना





यदि बगैर हाथ धोए हम भोजन करें तथा आंखों या नाक को छुए तो इन्फेक्शन तथा बीमारियां हो सकती हैं इसी के साथ हाथों की सफाई पर लगाए कुछ सेकेंड भी आप को डॉक्टर के पास जाने से आप को बचाते रहते हैं आप जितना स्वस्थ रहेंगे बीमारियां भी आपसे उतनी ही कोसों दूर रहेगी हमेशा भोजन करने से पहले या बाद में हाथ जरूर धोएं यदि आप खाना बनाने जा रहे हैं या किसी को खाना परोस रही है दो आज जरूर धूल ले इसके अलावा किसी के या खुद के घाव पर पट्टी करने से पहले या बाद में आपको जरूर धोना चाहिए इसके बाद जानवरों को छूने के बाद हाथ को जरूर धोएं नहीं तो उनसे आपको इंफेक्शन हो सकता है नाक और मुंह साफ करने के का बाद भी हाथ को जरूर होना चाहिए इसके अलावा अगर आप डस्ट बीन को छूते हैं तो उसको छोड़ने के बाद भी हाथ को अवश्य साफ कर ले जिसके बाद टॉयलेट जाने के बाद वासरूम के इस्तेमाल के बाद भी हाथ को जरूर धोना चाहिए एक बात और दवा खाने से पहले हाथ को जरूर धुल ले बच्चे को गोद में लेने से पहले हाथ धोएं क्योंकि आपके हाथों की गंदगी से छोटे बच्चों को इंफेक्शन होने का खतरा रहता है इसके अलावा अगर आप को सर्दी जुखाम है तो  नाक साफ करने के बाद भी हाथ को अच्छी तरीके से धोना चाहिए नहीं तो इंफेक्शन फैलने का खतरा रहता है सैनिटाइजर या साबुन में हाथ को कम से कम 20 सेकंड तक अच्छी तरह से दोनों हाथों की हथेलियों के साथ-साथ के पिछले भाग उंगलियों के बीच और नाखूनों को भी पानी से अच्छी तरह से धो लें ऐसा करने से कीटाणु निकल जाते है इसके बाद नल को बंद करने के लिए इस्तेमाल करें हाथों को सूखे तौलिये से साफ करें ध्यान रखें हमेशा अपना तौलिया या रुमाल ही इस्तेमाल करें और दूसरों के रुमाल से परहेज करें इससे भी आपको इंफेक्शन फैलने का खतरा रहता है

Wednesday, 9 October 2019

06:34

रोज सुबह सो कर ऐसे उठे कि दिन बन जाए






रामजी पांडेय*
इसमें कोई दो राय नहीं है यह सुबह की अच्छी शुरुआत का व्यक्ति पर सारा दिन एक सकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है आपने सुना भी होगा कि आज तो सुबह ही खराब हो गई इसलिए पूरा दिन खराब हो गया आज की सुबह बहुत अच्छी हुई इसलिए आज का दिन बहुत बढ़िया गुजरात इसलिए कहते भी हैं कि सुबह की ऊर्जा और उमंग सारे दिन हमारे दिलों दिमाग में बनी रहती है जिससे हमारा शरीर ऊर्जा से भरा रहता है ऐसी सुबह जीवन में उल्लास भरती हैऔर आपको लक्ष्यों को पाने के लिए प्रेरित करती है सारे दिन जिंदादिल बने रहने के लिए आपको सुबह की शुरुआत बिंदास तरीके से करनी होगी जब आप सो रहे होते हैं तो आपकी मांसपेशियां हैं भी उसी मन स्थिति में होती हैं और ऐसे में सवेरे बिस्तर से उठने पर आपके कदम लड़खड़ाते हैं सुबह उठने के बाद सीधे खड़े हो और एक लंबी गहरी सांस लीजिये इसके बाद शरीर के साथ ही दिमाग को भी प्रेरित करने के लिए अपने जीवन लक्ष्यों की एक सूची बनाकर अपने बिस्तर के पास वाली मेज पर जरूर रखें सुबह उठकर इन लक्ष्यों को जोर-जोर से पढ़ें लेकिन केवल पढ़ने से ही नहीं बल्कि असली एहसासों के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की कल्पना करें सोचे कि प्रत्येक लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद आप कैसा महसूस करेंगे खुद के अंदर दिन की शुरुआत अच्छे से करने की ऊर्जा पैदा करने के लिए सुबह उठते ही ईमेल और मैसेज को अनदेखा करने की आदत डालें अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिनके दिमाग में घूमता रहता है कि सोने के दौरान किसी का मैसेज तो नहीं आया या किसी का फोन तो नहीं आया और आप फोन चेक करने के लिए उतावले रहते हैं तो इस आदत को भी अलविदा कहिए अगर आप काफी पीने जा रहे हैं तो बाहर की काफी की जगह घर की काफी यूज़ करें और काफी के बीज को बाजार से खरीदकर उन्हें पीसकर अच्छी तरीके से काफी बनाकर पिये क्योंकि आपका नाश्ता आपके पूरे दिन की शारीरिक स्थिति की व्याख्या करता है रिफाइंड शुगर मीट जैसे खाद्य पदार्थ में दिक्कत करते हैं उसकी तुलना में नाश्ते में फल सब्जियां और प्रोटीन से आप कई घंटों तक आराम और चुस्त-दुरुस्त रहते हैं आप ऑफिस निकलने के दौरान रोजाना अपने सफर में कोई प्रेरित गीत या संगीत जरूर सुने क्योंकि जब आपका पहला कदम जोश के शुरू होगा और जोश के साथ आप अपने ऑफिस में पहुंचेंगे तो एक नई उमंग पैदा हो जाएगी अपनी कुर्सी मेज टेबल पर बैठते समय सबसे पहले उस काम को शुरू करें जो सबसे अधिक महत्वपूर्ण हो इन सब कामों को करने के बाद आपको अच्छा फील होगा और जब आपका दिन अच्छा होगा तब आपका स्वास्थ्य अपने आप ही अच्छा होने लगेगा इसलिए व्यस्त रहने के साथ मस्त भी रहे

Monday, 7 October 2019

13:54

बच्चों में तनाव है तो इंसानों और खिलौनों पर उतार देंगे अपना गुस्सा







आज की भागदौड़ भरी तन आयुक्त जिंदगी इंसान कहीं ना कहीं तनाव का शिकार हो ही जाता है जिसके बाद वह घर पर अपने बच्चों का भी ध्यान नहीं दे पाता और इस कारण से उनके बच्चे भी कहीं ना कहीं तलाब का शिकार हो जाते हैं जिससे वह खुद का और अपनों का नुकसान कर बैठता है आज के दौर में कोई एक इंसान ही ऐसा होगा जो तनाव से मुक्त हो इसलिए विशेषज्ञों की यह सलाह है कि तनाव जितना कम है उतना ही बेहतर है इसलिए तनाव से बचने के कुछ टिप्स हम आपको बता रहे हैं जिनको अपनाकर आप अपने तनाव को थोड़ा कम कर सकते हैं।
तनाव से पीड़ित बच्चों का आप ऐसे करें प्रबंधन
दिन में कुछ देर हंसे जरूर हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा ने लोगों को चुटीले अंदाज में यह बताया कि हंसने और हंसाने की आदत किस तरह तनाव को दूर भगाने और अवसाद से लड़ने के लिए कारगर साबित होती है इसके अलावा आप धैर्य बनाए बेहतर कार्यों के लिए अपने बच्चों को पुरस्कार और इनाम के जरिए उत्साहित करें बच्चों के व्यवहार पर आप बारीकी से नजर रखे तनाव महसूस करने पर अतिरिक्त गतिविधियों या खेलकूद में उन्हें व्यस्त करा दें जिससे वहां तनाव से बच सके
बच्चा जब घबराए तो  मनोचिकित्सक को दिखाएं
गंगाराम अस्पताल के बाल मनोचिकित्सक डॉ अजय गुप्ता ने बोलिंग के शिकार बच्चों से संबंधित जानकारी साझा की है उन्होंने कहा है कि अगर बच्चा स्कूल जाने और दोस्तों से मिलने से घबराता है तो यह लक्षण पुलिंग के हो सकते हैं ऐसे में उसकी तत्काल काउंसलिंग करनी चाहिए और उसके बाद उसका उपचार भी कराना चाहिए उन्होंने बताया कि 5 से 12% बच्चों में ए डी एच डी की समस्या पाई गई है इसलिए आप अपने बच्चों पर नियमित ध्यान रखें उन्हें खुश और मस्त रखें जिम्मेदारियों का बोझ थोड़ा कम करें और खेलने के लिए समय ज्यादा दे

Monday, 30 September 2019

07:21

गैस की समस्या को हल्के में लेना युवक को पड़ा भारी पड़ा दिल का दौरा




आज की व्यस्त जीवनशैली  अवस्थित खानपान पेट से गैस की समस्या लगभग हर दूसरे व्यक्ति को है इसलिए ज्यादातर लोग इस समस्या को छोटी समझकर उसे नजरअंदाज कर देते हैं और गैस्टिक की समस्या होने पर जल्दी अस्पताल नहीं जाते हैं लेकिन शायद उन्हें पता नहीं होता कि उनकी यह छोटी सी लापरवाही उनकी जान के साथ खिलवाड़ कर सकती है मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली के एम्स में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट अटैक को गैस्टिक को हल्के में लेना 35 वर्षीय युवक को भारी पड़ गया हालांकि उसकी जान बचा ली गई है लेकिन वह हार्ट फैलियर का मरीज हो गया है इसलिए अगर काफी देर तक पेट के ऊपरी हिस्से में गैस की समस्या से आप पीड़ित है तो उसको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह गैस आपकी जिंदगी से खिलवाड़ कर सकती है एम्स अस्पताल के प्रोफेसर डॉक्टर अंबुज राय ने कहा कि उस युवक के पेट में गैस्टिक जैसा महसूस हो रहा था स्थानीय डॉक्टर भी यही समझते थे जब हालात ज्यादा खराब हो गए तब उसे एम्स लाया गया तब तक काफी देर हो चुकी थी हालांकि युवक की जान बचा ली गई है  लेकिन इलाज में देरी के कारण दिल की मांसपेशियां कमजोर हो गई हैं
उन्होंने बताया कि मरीज अक्सर देर से अस्पताल पहुंचते हैं इसलिए उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है पेट में गैस महसूस होने पर यदि पेट के ऊपरी हिस्से में वह चेस्ट मे आधे घंटे से अधिक समय तक दर्द होता है तो यह हार्ड अटैक का कारण भी बन सकता है इसलिए तुरंत अस्पताल जाना चाहिए और ईसीजी जांच करानी चाहिए जिससे आने वाले किसी भी खतरे से तत्काल निपटा जा सके ।

Saturday, 28 September 2019

09:41

सीने का सामान्य दर्द भी बन सकता है आर्ट अटैक का कारक



आज के दौर की व्यस्त जीवनशैली और काम के प्रेशर की वजह से जिंदगी में स्टेज में आना कोई बड़ी बात नहीं है इसकी वजह से बदलते लाइफस्टाइल के चलते अब हार्ड अटैक के मरीजों की संख्या में काफी तेजी से इजाफा हो रहा है दरअसल सीने में हो रहे हल्के दर्द को भी इग्नोर करना नहीं चाहिए और चाहे आपको कोई बीमारी भले ही ना हो लेकिन अपने शरीर का नियमित चेकअप करवाते रहना चाहिए लापरवाही के कारण ही हम अक्सर सीने के हलके दर्द को इग्नोर कर देते हैं जो हार्ट अटैक का कारण बनता है आइए आज हम आपको बताते हैं इसके लक्षण क्या होते हैं ।
लक्षण
हार्ड अटैक होने का सबसे नॉर्मल सिंप्टम सीने में दर्द या बेचैनी है देखा गया है कि महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों के मुकाबले बिल्कुल अलग होते हैं सुबह
1,उठते ही दर्द होना
2, नींद कम आना भले ही कितनी थकावट हो लेकिन
ऐसी स्थिति में नींद नहीं आती है।
3, पेट दर्द पेट में ऐंठन डाइजेशन की समस्या।
4, सीढ़ी चढ़ने या रूटीन वर्क करने में सांस फूलती है।
इससे बचाव
अगर आपको डायबिटीज है तो उसे कंट्रोल करना बेहद जरूरी है आपका फास्टिंग ब्लड शुगर 100एमजी /डीएल से नीचे होना चाहिए और खाने के 2 घंटे बाद उसे 140 एमजी के नीचे होना चाहिए इसके लिए रेगुलर एक्सरसाइज करें और डाइट में फाइबर को शामिल करें इसके अलावा आप नियमित सलाद हरी सब्जियों और फलों का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करें यह आपको फाइबर देंगे और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मददगार साबित होंगे इसके अलावा रोज प्रतिदिन कम से कम आधा घंटा एक्सरसाइज जरूर करें और नियमित सुबह टहलने के लिए जरूर जाएं इसके अलावा आप की बॉडी मास इंडेक्स यानी बीएमआई 25 से नीचे रहनी चाहिए जिससे आप इस परेशानी से बच सकते हैं।

Sunday, 22 September 2019

07:14

मोटापा बढ़ाती हैं हमारी यह आदतें



हमारी बढ़ती हुई क्रय शक्ति में हमें खाने पीने का बेहद शौकीन बना दिया है ऑफिस हो या घर हम सब कभी ना कभी मीठे का सेवन करते रहते हैं और इसके अलावा भी कुछ ऐसी चीजें खाते हैं जिससे जाने अनजाने हमारे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है और हम बीमारियों का शिकार होने लगते हैं जिससे हमारे शरीर में मोटापा आने लगता है मोटापा यानी बीमारी का घर यही वजह है कि हर कोई इससे दूर रहना चाहता है लेकिन क्या हम जानते हैं कि दिन भर में हम ऐसी बहुत सी मासूम गलतियां करते हैं जिस कारण से मोटापा में जकड़ लेता है तो आइए हम बताते हैं कुछ ऐसे टिप्स जिन को आजमा कर आप इस बीमारी से दूर रह सकते हैं।



सुबह देर तक सोना


 सर्दी हो या गर्मी एक बार अगर हम बिस्तर में अपने घुस गए तो उससे बाहर निकलने के लिए तैयार ही नहीं होते हैं सर्दी में बिस्तर की गर्माहट बिस्तर से बाहर आने की कल्पना से परेशानी का कारण बनती है तो गर्मी में एसी की कूलिंग में दिल नहीं करता कि बिस्तर से निकलकर बाहर गर्मी में जाएं इस बात में कोई शक नहीं है कि स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त नींद लेना हमारी जरूरत है लेकिन ऐसे में देर तक सुबह सोना हमारे शरीर के लिए नुकसान देती  है इसलिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठे और उसके बाद जिम या योगा करें।

बार-बार वजन देखना



लोगों को या पता ही नहीं होता कि भला वजन नापने से मोटापे का क्या संबंध है दरअसल जब हम नियमित अपना वजन देखते हैं और इसमें अगर जरा सा भी बदलाव ना महसूस करें तो हमें तनाव होने लगता है तनाव हमारे  हार्मोन के लिए जिम्मेदार होता है यही नहीं तनाव के कारण मोटापा भी बढ़ने लगता है इसलिए हमें रोज रोज अपने वजन को चेक नहीं करना चाहिए लेकिन हां कभी-कभार हम अपने वजन को चेक करके यह जानकारी जुटा सकते हैं कि हमारा शरीर किस स्थिति में है।


हर रिसर्च पर हमें अमल करना चाहिए


हम अक्सर अलग-अलग समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में छपने वाले शोध को चाव से पढ़ते है जिनका संबंध हमारे खान-पान और स्वास्थ्य से होता है उसको पढ़ते हैं जिसको पढ़ने से हम समझने की कोशिश करते हैं कि हमारे शरीर के लिए क्या फायदेमंद है क्या नुकसान लेकिन यह हम भूल जाते हैं कि हर पढ़े हुए लेख या किसी भी रिसर्च को फॉलो कितना करते हैं क्योंकि इसे फॉलो करने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत होती है आप काफी को ही ले लीजिए इस बात में कोई शक की गुंजाइश नहीं है कि कॉफी से हमें शरीर के कई तरीके के फायदे होते हैं काफी हमें चुस्ती और ताजगी देती है यह टाइप टू डायबिटीज से भी बचाती है लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि आप एक ही दिन में कई कप काफी पी जाए बार-बार काफी पीना यानी मोटापे को गले लगाना है इसके अलावा जब हम समूह में अपने दोस्तों के साथ बैठकर खाना खाते हैं तो हम अच्छी चीजें ही खाते हैं अच्छी का मतलब है है तो और ज्यादा कैलोरी वाली चीजें दूसरों के साथ खाने के समय हमें पता ही नहीं चलता कि हम भूख से ज्यादा खाना खा रहे हैं समूह में अक्सर हम बातों बातों में 35 से 40 फ़ीसदी ज्यादा खाना खा जाते हैं जो मोटापे का कारण बनता है।

कभी भी फास्ट फूड नहीं खाना चाहिए




फास्ट फूड देखते ही हमारे दिल करने लगता है कि हम इसे जरूर खाएं क्योंकि हमारा जी ललचा ने लगता है बच्चों से लेकर जवान और वृद्ध तक फास्ट फूड के स्वाद के दीवाने होते हैं इसलिए शायद उन्हें इसके नुकसान के बारे में सोचने तक की फुर्सत नहीं होती यह हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है फास्ट फूड से शरीर में अतिरिक्त वसा जमा हो जाता है कारण हमारे शरीर में मोटापा दिन प्रतिदिन बढ़ता जाता है इसके अलावा हमें ऑफिस में जीतने वाली सड़कों में मिठाई का काफी शौक होता है ऑफिस हो या घर हम इसके सेवन को लालायित रहते हैं मीठे का जुबान पर जादू इस कदर हावी हो जाता है कि एक बार बिठा खाने के बाद बार-बार खाने का जी करता है और हमें यह पता ही नहीं होता कि मीठा खाने से हम ज्यादा कैलोरीज कंज्यूम करते हैं लेकिन मीठे के बारे में तो दिल है कि मानता ही नहीं जो हमारे मोटापे को दावत देता है।

इससे बचाव



नियमित सुबह जल्दी उठें उसके बाद एक से दो गिलास गुनगुना पानी पिए और फ्रेश होने के बाद कम से कम आधा घंटा योगा या जिम अवश्य करें या मॉर्निंग वॉक पर जाकर लंबी चाल में चले जिससे आपके शरीर से पसीना निकले प्रतिदिन इन चीजों को करने से आप मोटापे से दूर तो रहेंगे ही इसके अलावा शारीरिक चुस्ती फुर्ती भी बनी रहेगी

Saturday, 21 September 2019

22:17

बच्चे के जन्म के बाद मां के लिए डेढ़ महीना होता है बेहद खास



हर महिला की यह स्वाभाविक इच्छा होती है कि वह मां बने लेकिन या उसके लिए दूसरा जन्म लेने जैसा होता है इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि प्रवास के बाद शुरुआती 40 दिन तक किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए प्रवास के बाद मां को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए सिजेरियन हो या नॉर्मल डिलीवरी दोनों में मां जितने एक्टिव रहे उतना अच्छा रहता है सिजेरियन वाली मां को बस इतना परहेज करना है कि वह कोई भी मारी सामान ना उठाएं पर्वत के बाद एक्टिव रहने से आप प्रेगनेंसी के दौरान बढ़े हुए वजन को कम कर सकती हैं इसलिए 10 या 15 दिन बाद आप अपने बच्चे को लेकर वाक कर सकती हैं दूसरी बात यह है कि आप देवी को अपने पास ही सुनाएं ताकि जब बच्चा रोए तो आपको बार-बार उठना ना पड़े और आप उसको बेस्ट फीडिंग करा सके कोशिश करेगी जब हो तभी आप भी नींद को पूरी करने की कोशिश करें क्योंकि आपके लिए नींद की लेना जरूरी है इसके अलावा खानपान का विशेष ध्यान रखें उसके बाद अपने खान-पान में 500 कैलोरी ज्यादा होती है और अपने खाने में शामिल कर सकते हैं लेकिन इन सबके अलावा सबसे जरूरी होता है इसके बाद मां का शरीर कमजोर हो जाता है इसलिए जितना हो सके उतना उन्हें आराम करना चाहिए हालांकि नवजात शिशु के चलते ऐसा करना मुश्किल होता है इसलिए जब बच्चा सो जाए तो आप आराम कर सकते हैं इसके अलावा बच्चे को जन्म देने के बाद मां का शरीर कमजोर हो जाता है इसके शरीर की मालिश बहुत जरूरी है मालिश से मां को मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत आराम मिलता है इसके अलावा आप अपने पास पर्याप्त मथुरा में बच्चों को पहनाने वाला लंगोट और पानी सोखने वाली चादर रखें ताकि आपको बार-बार उन्हें धोने की चिंता ना करनी पड़े दिन में एक बार कुछ कपड़ों को धोने का नियम बनाए ताकि अगले दिन के लिए आपके पास पर्याप्त कपड़े हो अपने बिस्तर के पास या कमरे के किसी किनारे पर एक साइड टेबल रखें और उस पर उन सभी चीजों को रखने की कोशिश करें जिसकी आपको बार-बार झूठ पड़ती है जैसे सापला को बेबी वाइप्स बेब्स एंड टावर है कि सैनिटाइजर और भी जरूरी सामान जिनकी आपको बार-बार आवश्यकता पड़ती है इसके अलावा आपको ध्यान रखने की जरूरत है कि प्रवास के बाद आपको हरी सब्जियां फल अंडे चिकन सूप और दूध का सेवन करना चाहिए साथी पंजीरी का सेवन आपके लिए रामबाण साबित होगा माना जाता है कि इसके सेवन से मां का शरीर तेजी से रिकवर होता है और अच्छे वक्ता में दूध भी बनता है


डॉक्टर पूजा
20:44

आपके सोने का तरीका बताता है आपकी सेहत का राज




अच्छी नींद मतलब अच्छी सेहत यदि हम 7 से 8 घंटे आराम से सोते हैं तो हम अपने आपको रिलैक्स और तरोताजा महसूस करते हैं लेकिन कई बार अच्छी नींद के बावजूद भी हमारे सुबह चिड़चिड़ापन के साथ शुरू होती है क्योंकि हम सुबह कितने प्लस होंगे या सिर्फ हमारी नींद पर ही नहीं बल्कि हमारी सोने की पोजीशन पर भी निर्भर करता है तो आइए आज हम आपको बताते हैं आप की सोने की पोजीशन में छिपे आपके सेहत के राज।


सिकुड़ कर सोना


अक्सर देखने में आता है कि कई लोग हाथ पैर को शिरोडकर बिल्कुल गर्भस्थ शिशु की तरह होते हैं इस पोजीशन में सोने से ऑस्टियोपोरोसिस व अर्थराइटिस की समस्या से राहत मिलती है जिन लोगों के पैर में खिंचाव की समस्या होती है उन्हें इस पोजीशन में सोने से फायदा मिलता है।

करवट के बल सोना


इस पोजीशन में सोने से सभी अवस्थाओं में इस को श्रेष्ठ माना गया है अधिकतर लोग इस अवस्था में सोते हैं करवट में सोने से खर्राटे भरने की आदत में सुधार होता है और करवट में सोने वाली महिला पुत्रवती होती है तथा वहां अनेक लोगों से बची रहती है लेकिन कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए अगर रात में आपका खाना हजम नहीं होता है तो आपको बाय करवट लेटना चाहिए लेकिन अगर आपको एसिडिटी गैस की समस्या रहती है तो आपको दाहिने करवट लेटना चाहिए आपको कई फायदे देखने को मिल सकते हैं।

पेट के बल सोने से


इस अवस्था में सोने से पाचन तंत्र के लिए अच्छा माना गया है लेकिन इस पोजीशन में के साइड इफेक्ट की बात करें तो पीठ पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है अगर आप पहले से पीठ दर्द से परेशान हैं तो वह और भी गंभीर हो सकता है इससे बैक पेन की शिकायत बढ़ सकती है पेट के बल सोने वाली औरतों को गर्भधारण करने में दिक्कतें आती हैं लेकिन पाचन क्रिया को दुरुस्त करने के लिए याद सबसे अच्छी क्रिया है।

स्लीपिंग डिसऑर्डर


इस पोजीशन में सोने से यह पोजीशन शरीर के लिए बहुत मायने रखता है आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अधिकतर स्लीपिंग डिसऑर्डर में से परेशान हैं इस शिकायत की वजह से 24:00 तक नींद नहीं आती है दूसरे दिन सुस्ती बनी रहती है इस बीमारी से ग्रस्त इंसान की सेहत बिगड़ती चली जाती है इससे बचने के लिए आवश्यक है कि हम निम्न बातों का ध्यान रखें अक्सर देखने को मिलता है कि घरेलू महिलाएं दिन के वक्त अपना कामकाज निपटा कर 3000 घंटे सो जाती हैं इससे उन्हें रात में पूरी नींद नहीं आती दिन में ना सो कर यूं ही आराम करने में कोई हर्ज नहीं है इससे आपको रात में अच्छी नींद आएगी सोने से कुछ घंटे पहले चाय काफी नहीं पीनी चाहिए कि नींद प्रभावित होती है सुबह जल्दी उठकर देर तक व्यायाम करने से न केवल हमारा पूरा दिन अच्छा रहता है बल्कि रात में नींद भी आती है सोने से पहले कभी भी व्यायाम नहीं करना चाहिए धूम्रपान तथा खुली हवा में कुछ देर घूमते रहने से रात में नींद आती है।

Friday, 20 September 2019

19:00

नोयडा में डेंगू मलेरिया के बाद अब स्क्रब टायफस की एंट्री ऐसे करें बचाव





मौसम के रुख बदलते ही डेंगू मलेरिया जैसी बीमारी पैर पसारने लगती है लेकिन उससे भी दो कदम आगे इस बार स्क्रब टायफस ने अपनी दस्तक देनी शुरू कर दी है स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिला अस्पताल के 2 मरीजों में स्क्रब टायफस से ग्रसित होने की पुष्टि की गई है मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अनुराग भार्गव ने बताया कि बरसात के मौसम में तेज बुखार से पीड़ित रोगियों की संख्या बढ़ जाती है इसके बाद स्क्रब टायफस फैलाने वाला टिशु शरीर के खुले भागों को काटता है इसलिए घरों के आसपास सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए और इस मामले में हमें सतर्क रहना चाहिए क्योंकि यह डेंगू और मलेरिया से भी दो कदम आगे है यह रोग संक्रमित टिशू के काटने से फैलता है जो खेतों झाड़ियों व घास में रहने वाले चूहों से पनपता है इसलिए बाहर जाते समय पूरी बाजू के कपड़े हाथों में दस्ताने और पैरों को ढकने वाले जूते पहन कर ही घर से बाहर निकले स्क्रब टाइफास से बचाव करने के लिए शरीर की नियमित साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए और घर के चारों ओर घास उगने से रोकने चाहिए उसकी भी साफ सफाई नियमित करते रहना चाहिए या एक जीवाणु जनित संक्रमण है जिसके लक्षण कुछ-कुछ चिकनगुनिया जैसे ही देखने को मिलते हैं यदि किसी भी व्यक्ति में यह रोग के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे जल्द से जल्द डॉक्टर की परामर्श लेनी चाहिए जिससे वह सही समय पर सही इलाज पा सके और मरीज की जान बचाई जा सके सभी सरकारी अस्पतालों में स्क्रब टायफस की दवाइयां मुफ्त में उपलब्ध है अगर किसी को इसके लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें आइए हम बताते हैं इसके लक्षण किस तरीके के होते हैं स्क्रब टायफस होने पर तेज बुखार 104 105 डिग्री तक आता है और जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है शरीर भी टूटने लगता है और गर्दन में बाजू के नीचे कूल्हों  पर गिल्टी होनी शुरू हो जाती है जिसके बाद हमें तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए और अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए नहीं तो यह छोटी सी लापरवाही आपके जान की आफत कर सकती है।

Thursday, 19 September 2019

17:47

लंबी उम्र तक जीने के लिए प्रतिदिन खाने में करें इन चीजों का प्रयोग



आयुर्वेद में कहा गया है कि व्यक्ति अपने खान-पान और आचरण से 100 साल तक जीने की चाहत पूरी कर सकता है तो आइए हम आपको हम प्रकृति के द्वारा प्रदान किए गए कुछ आहार के बारे में जानकारी देते हैं जिनसे उम्र बढ़ने के  एजिंग की प्रक्रिया को धीमा कर देते है जो हमारे स्वास्थ्य और सौंदर्य दोनों की दृष्टि से या काफी महत्वपूर्ण है।

इस लिए प्रतिदिन सुबह खाली पेट अंकुरित अनाज का सेवन करें यहां बढ़ती उम्र की गति को कम करने के लिए एक अच्छा विकल्प है अंकुरित अनाज के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कई प्रकार के रोगों से बचाव होता है और इसके सेवन से त्वचा में कसाव भी आता है इसके अलावा आप ब्रोकोली भी खा सकते हैं इसमे कई ऐसी चीजें होती हैं जो कैंसर से लड़ने में मदद करती हैं और एंटी एजिंग की प्रक्रिया में सहायक भी होती है इसके अलावा विटामिन सी युक्त फल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं एलर्जी से बचाव तथा त्वचा में कसाव लाने के लिए प्रतिदिन संतरा मौसमी नींबू आदि विटामिन सी के उत्तम स्रोत का प्रयोग करें इससे कैंसर से लड़ने की क्षमता बढ़ती है हिमोग्लोबिन का साथी है अनार इसलिए एनीमिया अर्थात शरीर में खून की कमी होने पर रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने के लिए अनार और चुकंदर सबसे उत्तम माना जाता है इसमें पाए जाने वाले सोच में पोषक तत्व शरीर के आंतरिक अंगों को सशक्त बनाते हैं एक चीज और आपको पता ही होगा कि आपके लिए ग्रीन टी कितनी फायदेमंद है ग्रीन टी एंटी  ऑक्सीडेंट से भरपूर होती है जिस कारण यह कई प्रकार से आपके शरीर में लाभ पहुंचाती है यह बस सा पर प्रभाव डालने के कारण इस से वजन कम होता है बालों का झड़ना इंजिन प्रज्ञा का सूचक है ग्रीन टी के प्रयोग से बालों का गिरना कम होता है ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है या ग्रीन टी कोलेस्ट्रॉल को भी संतुलित अवस्था में रखने में सहायक होती है ग्रीन टी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी सहायक होती है इसके अलावा पेट साफ करने के लिए ओट्स का प्रयोग करें स्वास्थ्य की दृष्टि से इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है इस कारण जो लोग कब्ज की समस्या से व्यस्त हैं उनकी समस्या दूर होती है और पाचन तंत्र मजबूत होता है इसके अलावा आप प्रतिदिन एक या दो जवां लहसुन का भी प्रयोग कर सकते हैं ना सुन गुणों की खान है इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है इस कारण व्यक्ति का कई रोगों से बचाव होता है लहसुन हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी सहायक है या एंटी एजिंग प्रक्रिया में भी सहायक होता है इसके अलावा दिल और दिमाग को मजबूत रखने के लिए नर्स खाएं मूंगफली छुहारा काजू किसमिस अखरोट आदि यह आर प्रकार से सौंदर्य और जीवन दोनों की वृद्धि करता है अखरोट में उपस्थित विटामिन ई उसको तो फिर के रूप में पाया जाता है जो हृदय के लिए अत्यंत लाभदायक है बादाम मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाने में सहायक है और आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद है मूंगफली में विटामिन बी विटामिन पाई जाती है इसके अलावा मशरूम भी एक जीवन वर्धक औषधि के समान है इसलिए वह भी आपके शरीर को फायदा पहुंचाता है।



विवेक सुक्ला

Wednesday, 18 September 2019

12:33

नियमित व्यायाम से घटाएं अपने जोड़ों का दर्द



उम्र के एक पड़ाव पर आपको कई रोगों के होने का खतरा बढ़  हो जाता है लेकिन अगर खानपान पर ध्यान दिया जाए तो उस उम्र के दौर में होने वाले कई रोगों से बचा जा सकता है सुपोषण का मार्ग आहार-विहार तथा जीवन शैली मे सुपोषण का मार्ग आहार-विहार तथा जीवन शैली में सकारात्मक परिवर्तन द्वारा प्रशस्त किया जा सकता है तो आइए हम एक-एक कर आपको देते हैं कुछ खास टिप्स जो आपके जीवन में आपके काम आने वाले हैं।



ओस्टियोआर्थराइटिस


यह जोड़ों की एक बीमारी है जो खासकर घुटनों पर अपना प्रभाव डालती है अर्थराइटिस की पीड़ा असहनीय होती है और रोगी सहज महसूस करता है घुटने को सामान्य रूप से मोड़ने में पीड़ित व्यक्ति असफल रहता है और घुटनों में दर्द एवं सूजन भी आ जाती है अर्थराइटिस में जोड़ों के कार्टिलेज घिस जाते हैं और उनमें सायनोवियल फ्लुएड की कमी हो जाती है जिसके कारण इंसान परेशान हो जाता है तो आइए हम आपको बताते हैं कुछ खास टिप्स और कुछ खास इलाज।

इलाज


ओस्टियोआर्थराइटिस में सुपोषण के लिए कैल्शियम की अधिक मात्रा वाले आहार लेने चाहिए जैसे दूध और उससे निर्मित उत्पादों को शामिल किया जा सकता है कुछ लोगों को दूध और इससे निर्मित उत्पादों से एलर्जी होती है तो उन्हें वैकल्पिक रूप से अपने आहार में अन्य कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों जैसे राजमा ब्रोकली पालक मूंगफली बादाम और टोफू का प्रयोग करना चाहिए  विटामिन सी और डी जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है विटामिन डी अर्थराइटिस को शुरू होने से रोक शक्ति है सूर्य का प्रकाश विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है विटामिन डी कैल्शियम को हड्डियों और शरीफ द्वारा अवशोषित करने में भी मदद करता है संतरे का जूस दूध दही हंडी आदि का सेवन रोगी को बचाने का काम करता है मोटा अनाज हरी पत्तेदार सब्जियां डाइट में फलों को प्राथमिकता दे वजन पर काबू पाया जा सकता है जिससे इस बीमारी की संभावना कम हो जाती है।

नियमित व्यायाम करें और बीमारी से दूर रहे


निष्क्रिय जीवन शैली उम्र बढ़ने के साथ-साथ अर्थराइटिस होने का जोखिम बढ़ाती है इसलिए सप्ताह में 3 से 5 बार 20 से 30 मिनट का व्यायाम जरूर करना चाहिए महिलाओं के जीवन काल में रजोनिवृत्ति मोनू 540 से 50 के मध्य होना एक सामान्य कुदरती प्रक्रिया है इस प्रक्रिया में हार्मोन से संबंधित परिवर्तनों के कारण दिक्कतें बढ़ जाती है जिसके फलस्वरूप हड्डियां कमजोर हो जाती है और उनकी डेंसिटी कम हो जाती है इस स्थिति को ऑस्टियोपोरोसिस नामक मर्ज कहते हैं मोनोपॉज के दौरान डिप्रेशन की समस्या चिड़चिड़ापन में सूखापन आदि समस्याएं उत्पन्न होती है जिनका समुचित पोषण के द्वारा इलाज किया जा सकता है मेनोपॉज के दौरान एनीमिया या शरीर में खून की कमी आहार में आयरन की कमी के कारण हो जाती है इस स्थिति में महिलाओं को अधिक मात्रा में आयरन युक्त आहार हरीश द्वारा आदि का सेवन करना चाहिए।
लेखक डॉ अर्पिता सी राज
एम डी आयुर्वेद
12:09

उम्र के साथ शरीर में बदलती है सुपोषण की जरूरतें जाने कैसे रखें अपने शरीर का ध्यान




सुपोषण का महत्व उम्र के हर पड़ाव पर है आयु और शारीरिक मानसिक परिश्रम के मुताबिक पोषण तत्वों की मात्रा में बदलाव करना बेहद जरूरी होता है जाने की बदलती उम्र के साथ कैसा होना चाहिए 18 साल की आयु के बाद उम्र के अनुसार आपके आहार में परिवर्तन की आवश्यकता होती है हमारा मेटाबॉलिजम भी उम्र के साथ घटता है और हमारे शरीर में पोषक तत्वों की जरूरतें भी समय के साथ बदलती रहती हैं आयोजक में तीन चरणों में प्रारंभिक मध्य आयु और पोड अवस्था को शुमार किया गया है जब पोषण की बात आती है तब इस में से प्रत्येक चरण की आवश्यकता थोड़ी भिन्न भिन्न हो जाती है हालांकि कुछ आवश्यकता है जो सामान्य रहती है जो सभी उम्र में एक समान ही रहती है लेकिन कुछ आवश्यकता है समय के साथ बदलती रहती है उम्र के साथ आहार हमारे शरीर की संरचना और गतिविधियों के स्तर पर निर्भर करता है एक स्वस्थ आहार की सलाह पुरुषों और महिलाओं के लिए लगभग एक समान है अधिक फल सब्जियां साबुत अनाज फलियां और न खाएं परंतु कुछ पोषक तत्वों की आवश्यकता महिलाओं में और पुरुषों के हार्मोन में अंतर की वजह से बढ़ जाती है हमारा भोजन प्रमुख पोषण तत्वों की दैनिक जरूरतों को पूरा करें जिससे हमारे शरीर का रोग प्रतिरोधक तंत्र मजबूत बना रहे आइए जानते हैं कि आपका खान-पान उम्र के मुताबिक कैसा होना चाहिए


20 से 30 की उम्र में


यह उम्र जीवन की सबसे महत्वपूर्ण और चुनौती भरी डगर होती है जब अनेक लोग अपनी पहली नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे होते हैं और कुछ वक्त शिक्षा प्राप्त कर रहे होते हैं शोध में यह पता चला है कि इस उम्र के लोगों के भोजन में मुख्यतः प्रोटीन आयरन कैल्शियम और फोलिक एसिड की कमी होती है इस समय के दौरान आपकी हड्डियों का घनत्व बन रहा होता है इसी वजह से कैल्शियम आहार का महत्वपूर्ण भाग होना चाहिए 20 हरि पत्तेदार सब्जियां और फल यादी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करती हैं फोलेट डीएनए को बढ़ाने और इसे दुरुस्त करने के लिए जरूरी है पुरुषों और महिलाओं को प्रतिदिन 0.4 मिलीग्राम फोलेस की जरूरत पड़ती है इसके अलावा कुछ विटामिन भी जरूरी होते हैं जिसमें से जरूरी है विटामिन बी जो महिलाएं गर्भवती होना चाहती हैं उन्हें भी विटामिन बी पर अधिक ध्यान देना चाहिए इसके अलावा उन्हें दलिया पालक ब्रोकोली बीज और दालों को अपने आहार में वरीयता देनी चाहिए प्रवेश की महिलाओं को एक मल्टी विटामिन डी लेना चाहिए जो 04 से एक मिलेगा फोलिक एसिड की आपूर्ति करें इसके लिए आयरन भी आवश्यक होता है आयरन अच्छे मोटापा लेज के लिए जरूरी है आयरन शरीर में रक्त को बढ़ाता है दाल सोयाबीन किसमिस आयरन के अच्छे स्रोत हैं 30 साल की उम्र में मांस पेशियों में उम्र से संबंधित क्षति की शुरुआत होने लगती है और मेटाबॉलिक धीमा होने लगता है इस वजह से कैलोरी की आवश्यकता कम होने लगती है अगर हम संतुलित आहार नहीं लेंगे तो वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।

30 से 40 के बीच की उम्र


इस उम्र के मध्य में अत्यधिक चिकनाई युक्त खाद्य पदार्थ स्टार्च युक्त खाद्य पदार्थ नामक मिठाई मीठे पेय पदार्थ अत्यधिक वसा और बहुत ज्यादा कैलोरी वाली वस्तुओं को कभी-कभार ही लेना चाहिए इसको ज्यादा नहीं खाना चाहिए फाइबर युक्त भोजन ले सब्जियों में फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है खाद्य पदार्थों के ऊपर से नमक ना डाले प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं प्रतिदिन 50 से 60 ग्राम प्रोटीन ले अधिक वसा मैदा मीठा और ज्यादा नमकीन खाद्य पदार्थ खाने से आगे चलकर हाई ब्लड प्रेशर डायबिटीज और आज भी से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

40 से 50 के बीच


40 से 50 की उम्र के बीच अधिकतर लोगों के वजन बढ़ने हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग होने का जोखिम बढ़ जाता है अपने वजन को संतुलित करने के लिए और हड्डियों को मजबूत रखने के लिए प्रतिदिन व्यायाम करें भोजन की मात्रा को कम करके उसके गुणवत्ता पर अधिक ध्यान दें तला हुआ खाना और ज्यादा मिर्च मसाले वाला खाना कम करें भोजन समय से करें अगर शराब या सिगरेट का सेवन करते हैं तो इन लोगों को बंद कर दें खाने में तेल और नमक का इस्तेमाल कम से कम करें जिससे आपका शरीर स्वस्थ और मजबूत रहेगा और आने वाली बीमारियों से लड़ने में मदद मिलेगी।

लेखक -सुभदा भनोत

Saturday, 14 September 2019

23:30

जाने क्या है हार्ट अटैक और पैनिक अटैक के लक्षण और उनसे बचाव






आज की व्यस्त जीवनशैली और भागमभाग जिंदगी के बीच इंसान को इतनी फुर्सत ही नहीं होती कि वह अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान दे ले और उसकी यही लापरवाही एक बड़ी समस्या को जन्म दे सकती है इसलिए समय से अपने शरीर के हावभाव को पहचाने और सुरक्षित रहें क्या घबराहट बेचैनी या तनाव आपको परेशान कर रहा है तो सावधान हो जाइए और इनको हद पार मत करने दीजिये क्योंकि यह पैनिक अटैक का रूप ले सकते हैं पैनिक अटैक दरअसल अचानक किसी बात को लेकर डर हावी हो जाने या लंबे समय से चिंता ग्रस्त रहने से आता है कई मामलों में तो लोग पैनिक अटैक को ही हार्ट अटैक मान कर डर जाते हैं जबकि पैनिक अटैक में जान जाने का खतरा बहुत कम होता है और यह अटैक 10 से 20 मिनट तक ही रहता है।

कैसे पहचाने इसके लक्षण


पैनिक अटैक आते ही आपके दिल की धड़कन काफी तेज हो जाती हैं और हाथ पैर कांपने लगते हैं इसके साथ ही आपको पसीना भी आने लगता है और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है गला सूखने लगता है आंखों के सामने अंधेरा छाने लगता है और चक्कर आते हैं कई मामलों में व्यक्ति खुद को ही नहीं पहचान पाता और उसे मर जाने का भय सताने लगता है जबकि ऐसा कुछ भी नहीं होता है हमें उस समय थोड़ा संयम और होशियारी से काम लेना चाहिए।

पैनिक अटैक से बचाव और उसके उपाय


जब भी आपको पैनिक अटैक का एहसास हो तो शांति से बैठकर गहरी सांस लें इससे शरीर और दिल की धड़कन सामान्य हो जाएंगी जब भी इस तरीके की समस्या आपको हो तो सबसे पहले एक गिलास ठंडा पानी पीना चाहिए इससे शरीर सामान्य स्थिति में आ जाता है पैनिक अटैक में आपके दिमाग में नकारात्मक विचार आने लगते हैं ऐसे में आप ऐसे विचारों को खुद से दूर रखें पैनिक अटैक के दौरान लोगों को लगता है कि वह बेहोश हो जाएंगे जबकि ऐसा नहीं होता है वह निकट एक में ब्लड प्रेशर लो नहीं हाई होता है उस समय जब आपको लगे कि आप अपने ऊपर नियंत्रण हो रहे हैं तो सबसे पहले यह सोचना बंद कर दें कुछ देर आराम से नीचे बैठ जाएं और खुद को शांत करें पैनिक अटैक की समस्या का कारण आपकी अव्यवस्थित जीवनशैली भी होती है इसलिए नियमित रूप से मानिक बाग और योगाभ्यास करते रहे जिससे आपका शरीर स्वस्थ और चुस्त दूर रहे इससे बचने के लिए कम से कम 8 घंटे की नींद अवश्य लें जिससे आपका तनाव कम होगा और शारीरिक और मानसिक स्वस्थ रहेंगे इस पर डॉक्टर गजेंद्र गोयल का कहना है कि पैनिक अटैक हार्ट अटैक नहीं होता है यह ज्यादातर 25 से 40 साल की उम्र के लोगों में होता है इसका मुख्य कारण काम का अत्यधिक दबाव या अचानक कोई जिम्मेदारी पर जाना भी हो सकता है हार्ड अटैक में पसीना ज्यादा आता है और सांस लेने में दिक्कत होती है जबकि पैनिक अटैक में ऐसा नहीं होता इसमें एंजायटी और रिस्टलेसनेस ज्यादा होती है और ज्यादातर हार्ड अटैक 40 वर्ष की आय के बाद ही आता है।

Tuesday, 10 September 2019

14:10

ऐप के जरिए ग्रामीण स्वच्छता मिशन कार्यक्रम की होगी रैंकिंग



राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन ग्रामीण के अंतर्गत समस्त ग्रामों में स्वच्छता कार्यक्रम को प्रमुखता के साथ संचालित करने के उद्देश्य से वर्तमान में सरकार के द्वारा एसएसजी 2019 अभियान संचालित किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत ऐप के माध्यम से ग्रामीणों में चल रहे स्वच्छता कार्यक्रम की रैंकिंग की मैपिंग की जा रही है। जिलाधिकारी बीएन सिंह के निर्देशन में सरकार के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को सफल बनाने के उद्देश्य से जिला पंचायत राज अधिकारी कुंवर सिंह यादव तथा उनके सहयोगी अधिकारियों द्वारा जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं ताकि जनपद की रैंकिंग प्रदेश नहीं पूरे देश में अच्छी बन सके। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए आज जिला पंचायत राज अधिकारी कुंवर सिंह यादव के द्वारा ग्राम चांगली, राजापुर कला तथा जमालपुर में पहुंचकर कार्यक्रम का स्थलीय निरीक्षण करते हुए इस संबंध में अधीनस्थ अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए गए और उनके द्वारा सभी ग्रामीणों का आह्वान किया गया कि सभी ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम से जुड़ते हुए अधिक से अधिक रैंकिंग बढ़ाने के लिए ऐप का प्रयोग करते हुए अपने स्तर पर कार्यवाही सुनिश्चित करें।