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Saturday, 22 October 2022

04:29

विशेष अभियान 2.0 के तहत रिकॉर्ड प्रबंधन, स्वच्छता/सफाई अभियान, रद्दी माल का निपटारा और गैरजरूरी फाइलों को हटाना आदि शामिल


जयपुर।कार्यालय वरिष्ठ उप महानिदेशक, राजस्थान लाइसेंस सेवा क्षेत्र, दूरसंचार विभाग, झालाना डूंगरी, जयपुर में 2 से 31 अक्टूबर 2022 तक विशेष अभियान 2.0 का आयोजन किया जा रहा है। विशेष अभियान 2.0 के तहत रिकॉर्ड प्रबंधन, स्वच्छतासफाई अभियान, रद्दी माल का निपटारा और गैरजरूरी फाइलों को हटाना आदि शामिल है।

अधिकारियों को संवेदनशील बनाने, अभियान के लिए जमीनी कार्यकर्ताओं को जुटाने, अभियान स्थलों को अंतिम रूप देने, रद्दी माल और अनावश्यक सामग्री की पहचान करने के लिए विशेष अभियान 2.0 का प्रारंभिक चरण 14.09.2022 से 30.09.2022 तक आयोजित किया गया था।

2 से 31 अक्टूबर 2022 तक कार्यान्वयन चरण के दौरान अभियान को प्रभावी बनाने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। अभियान के हिस्से के रूप में, कार्यालय वरिष्ठ उप महानिदेशक, राजस्थान लाइसेंस सेवा क्षेत्र, दूरसंचार विभाग को प्लास्टिक मुक्त एवं कचरा मुक्त बनाने का फैसला किया और कार्यालय एवं भवन परिसर के आसपास कूड़े-कचरे को साफ करने के लिए सफाई गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।

 

पहले

बाद में

  

Friday, 29 April 2022

04:33

सामुदायिक भागीदारी और सशक्तिकरण ही जल जीवन मिशन की आत्मा है जो उसे सफलता की ओर ले जाएगी


जयपुर: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज जयपुर में राजस्थान के 17 सांसदों और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी (पीएचईडी) के अधिकारियों के साथ जल जीवन मिशन (जेजेएम) पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक का उद्देश्य राज्य में मिशन के क्रियान्वयन को गति देना था। सभी एक्जीक्यूटिव इंजीनियर/सुपरिंटेंडेन्ट इंजीनियर वर्चुअल  माध्यम से हिस्सा ले रहे थे। बैठक राजस्थान पीएचईडी के एसीएस के स्वागत भाषण से शुरू हुई। उसके बाद अपर सचिव और राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के निदेशक ने एक संक्षिप्त प्रस्तुतिकरण दिया, जिसमें मिशन का परिचय तथा राष्ट्रीय औसत के मद्देनजर राजस्थान के विभिन्न जिलों में क्रियान्वयन की स्थिति के बारे में बताया गया। उन्होंने योजना की स्थिति तथा मिशन के क्रियान्वयन में सांसदों की भूमिका के बारे में भी जानकारी दी।

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दिन भर चलने वाली समीक्षा बैठक में सक्रिय भागीदारी करने पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने राजस्थान के सभी संसदों को धन्यवाद दिया। उन्होंने उनकी चिंताओं और मूल्यवान सुझावों की भी प्रशंसा की, जो सांसदों ने मिशन के क्रियान्वयन को तेज करने के लिये दिये थे। उन्होंने सबको कार्य की गुणवत्ता के प्रति आश्वस्त किया। जीवन में आमूल बदलाव लाने के लिये केंद्र सरकार द्वारा किये जाने वाले कामों का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि गरीबों और वंचितों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है तथा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि ‘कोई भी पीछे न छूट जाये।’ उन्होंने राजस्थान जैसे राज्य के संदर्भ में जल जीवन मिशन के महत्‍व को रेखांकित किया। श्री शेखावत ने कहा कि सामुदायिक भागीदारी और सशक्तिकरण ही जल जीवन मिशन की आत्मा है, जो उसे सफलता की ओर ले जायेगी। इसलिये, राज्य को स्थानीय ग्रामीण समुदायों को मिशन कार्य में संलग्न करना चाहिये तथा जल जीवन मिशन को ‘जन आंदोलन’ बनाने के लिये सांसदों की सक्रिय भूमिका भी सुनिश्चित करना चाहिये।

श्री शेखावत ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों से अपील की कि वे नियमित निगरानी और खामियों को दूर करने के उपायों के जरिये काम की गुणवत्ता सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दें। उन्होंने आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार द्वारा निधि की कमी नहीं होगी और केंद्र राज्य को पूरा सहयोग देगा, ताकि तय समय सीमा में ‘हर घर जल’ का लक्ष्य पूरा हो जाये। उन्होंने राज्य पीएचईडी मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों से आग्रह किया कि राज्य में पेयजल आपूर्ति से जुड़े किसी भी मुद्दे पर वे लोग कभी भी उनसे संपर्क कर सकते हैं।

अंत में उन्होंने पेयजल स्रोत में सुधार की बात की, ताकि ग्रामीण घरों में जलापूर्ति में व्यवधान न आने पाये। उन्होंने एमजीएनआरईजीएस, 15वें वित्त आयोग समर्थित अनुदान, डीएमडीएफ आदि, जैसे स्रोतों को मद्देनजर रखते हुये ग्रामीण स्तर पर विभिन्न योजनाओं की पड़ताल करने पर जोर दिया।

राजस्थान के पीएचईडी मंत्री ने कहा कि नल से जल सुविधा कायम रखने और ‘ढाणी’ नामक दूर-दराज की तमाम छोटी-छोटी बस्तियों तक पानी पहुंचाने में राज्य को भौगोलिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि राज्य के लिये मिशन के कार्यान्वयन को तेज करने की जरूरत है और साथ में काम की गुणवत्ता भी सुनिश्चित करनी है।

अगस्त, 2019 में मिशन की शुरुआत के बाद से राज्य के 105.69 लाख ग्रामीण घरों में से केवल 11.74 लाख घरों तक ही नल से जल पहुंचा था, जो अब तक 25.61 लाख घर (24.23 प्रतिशत) हो गया है। राज्य को केंद्रीय अनुदान के रूप में लगभग 11,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये हैं, जो 15वें वित्त आयोग की पेयजल तथा स्वच्छता सम्बंधी सिफारिशों पर दिये गये हैं। यह अनुदान आरएलबी/पीआरआई के सम्बंध में है। राज्य की योजना है कि 2022-23 में 32.64 लाख ग्रामीण घरों तक नल से जल पहुंचा दिया जाये। इसके लिये वार्षिक कार्य योजना को जल शक्ति मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है।

Wednesday, 10 November 2021

17:37

बस के शीशे तोड़कर 22 जिंदगियां बचाईं

योगेंद्र
बाड़मेर हमें बहुत दुख है कि हम लोगों को बचा नहीं पाए। हमारी आंखों के सामने ही लोग जिंदा जल रहे थे। इतना भयावह हादसा मैंने मेरी 45 साल की उम्र में कभी नहीं देखा। लोग चिल्ला रहे थे, लेकिन आग लगातार फैल रही थी।' जोधपुर नेशनल हाईवे पर बुधवार की सुबह हुए भीषण हादसे के प्रत्यक्षदर्शी उस मंजर को बयां करते-करते रो पड़े। उन्होंने 12 सवारियों को अपनी आंखों के सामने जिंदा जलते देखा। कई लोगों की जान बचाने में कामयाब भी हुए।
प्रत्यक्षदर्शी किशनाराम ने बताया कि वे और उनके कई साथी नेशनल हाईवे के पास करीब 100 मीटर की दूरी पर ही खेतों में काम रहे थे। सुबह करीब 10 बजे के आसपास का वक्त था। हमने देखा कि दो ट्रेलर एक-दूसरे को ओवरटेक कर रहे थे। दोनों की स्पीड काफी तेज थी। एक ट्रेलर तो ओवरटेक करके निकल गया, लेकिन दूसरा ट्रेलर सामने से आ रही बस से भिड़ गया। भिड़ंत होते ही दोनों में आग लग गई। तब आसपास के लोग मौके के लिए दौड़े और बस के कांच तोड़कर फंसे लोगों को बाहर निकालने में मदद की। आग बस के अगले हिस्से में पहले लगी थी। ऐसे में दो लोग बस का कांच तोड़ अंदर घुसे। और सवारियों को खिड़की से बाहर निकालने में जुट गए।

भिड़ंत के बाद बेहोश हो गई थी कई सवारियां

सवारियों को बचाने के लिए आग की लपटों से घिरी बस में घुसने वाले भांडियावास निवासी चेनाराम ने बताया कि कई लोग तो बेहोश पड़े थे। पहले तो आग की लपटें देखकर हम भी सहम गए, लेकिन किसी तरीके से बस के पिछले हिस्से में पहुंचे। हिम्मत कर बेहोश पड़ी सवारियों को खिड़की से बाहर फेंका। करीब 20 से 22 लोगों को बाहर निकालने में हम कामयाब रहे। उन लोगों को बाहर मौजूद अन्य लोगों ने निजी वाहनों से नाहटा अस्पताल पहुंचाया।

अफसोस कि बचा नहीं पाए

चेनाराम बताते हैं बस के अंदर मौजूद सवारियों को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। वे लगातार बचाओ-बचाओ चिल्ला रहे थे। मेरी आंखों के सामने ही दो लोग जिंदा जल गए। मुझे बड़ा अफसोस है, मैं उन्हें बचा नहीं सका। उन्होंने कहा मैंने मेरी 45 साल की उम्र में आज तक ऐसा भयानक हादसा नहीं देखा। भांडियावास के ही रहने वाले घीसूलाल के मुताबिक, दो ट्रेलर के ओवर टेक के चक्कर में इतना बड़ा हादसा हुआ। ट्रेलर गलत साइड में जाकर बस में घुस गया। हमारी आंखो के सामने कई लोग जिंदा जल गए। लाख कोशिशों के बावजूद भी बचा नहीं पाए। क्योंकि आग की लपटें हमारे तक पहुंचने लगीं थी, तब हम भी बाहर कूदे।

देरी से पहुंची एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पचपदरा थाना वहां से करीब 6-7 किलोमीटर दूरी पर ही है। पुलिस और फायर ब्रिगेड दोनों ही आधे घंटे बाद पहुंची, अगर समय पर पहुंचती तो समय पर रेस्क्यू कर कई जानें बचाई जा सकती थीं। एंबुलेंस के पहुंचने से पहले ही घायलों को निजी वाहनों से अस्पताल भिजवाया गया था।

करीब चार घंटे लगा रहा जाम

हादसा करीब 10 बजे हुआ। इसके बाद दोनों तरफ नेशनल हाईवे पर दोनों तरफ जाम लगा गया है। शव को बाहर निकालने के लिए करीब दो घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। उसके बाद करीब 2 बजे नेशनल हाईवे जाम खुलवाया गया।
नेशनल हाईवे 25 गुजरात की ओर जाता है। अक्सर इस रूट पर बसें अहमदाबाद से आती-जाती रहती हैं।

बुधवार की सुबह भांडियावास गांव में संस्कार स्कूल के पास नेशनल हाईवे-25 पर हुई आमने-सामने की टक्कर के बाद बस और ट्रेलर में आग लग गई। इसमें 12 लोग जिंदा जल गए। हादसे की वजह दो ट्रेलर ओवरटेक कर रहे थे। जानकारी में सामने आया है कि बस गुजरात के अहमदाबाद से आ रही थी, जिसमें जालौर और बीकानेर के साथ-साथ बाड़मेर जिले के बालोतरा, सिवाणा और आस-पास की सवारियां भी थी। बस में सवार लोगों की संख्या 30 से उपर बताई जा रही है।
17:35

पति की हत्या कर 2 दिन सूटकेस में रखी लाश


जयपुर जयपुर में निवारु रोड पर शाम को एक बोरे में मिली लाश का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। हत्या की यह वारदात पत्नी ने अपने मुंहबोले भाई के साथ मिलकर की। धनतेरस की रात को पति के शराब के नशे में होने पर पत्नी ने अपने मुंहबोले भाई को घर पर बुलाया। इसके बाद पत्नी ने रस्सी से पति के हाथ पैर बांध दिए और भाई ने गला घोंटकर जीजा की हत्या कर दी। वारदात के बाद दोनों आरोपियों ने मृतक के शव को एक बड़े सूटकेस में डालकर घर में ही छिपाकर रखा।
दीपावली के दिन पत्नी व उसके भाई ने शव को घर में बनी दुकान में जला दिया और जली हुई लाश को बोरे में डाला और स्कूटी पर रखकर ले गए। दोनों लाश को निवारू रोड पर गोविंद नगर 11 में टीबावाली ढाणी में फेंककर भाग निकले। मंगलवार शाम 6 बजे कुत्तों ने बोरे को नोंचा तब पैर बाहर आए। बोरे में सड़ी गली लाश मिली तो जांच के लिए पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले।
सीसीटीवी में पुलिस को एक महिला और पुरुष स्कूटी पर बोरा ले जाते हुए नजर आए। स्कूटी नंबर के आधार पर पुलिस ने आरोपी पत्नी मंजू राठौड़ को उसके घर से और वारदात में शामिल मुंहबोले भाई पंकज शर्मा को पकड़ा। पूछताछ में हत्या का खुलासा होने पर करधनी थाना पुलिस ने दोनों आरोपियों को बुधवार शाम को गिरफ्तार कर लिया।


चरित्र पर संदेह कर रोजाना मारपीट करता था पति, परेशान होकर पत्नी ने रची साजिश

जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में डीसीपी (वेस्ट) ऋचा तोमर ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी मंजू राठौड़ है। वह खातीपुरा पुलिया के पास सत्य नगर, झोटवाड़ा में रहती है। वहीं उसका मुंहबोला भाई पंकज कुमार शर्मा (36) जोधपुर में वीर मोहल्ला का रहने वाला है।
पूछताछ में सामने आया कि मंजू राठौड़ का पति शक्ति सिंह शेखावत (45) उसके चरित्र पर संदेह करता था। शक्ति सिंह शेखावत अपनी पत्नी मंजू राठौड़ से मारपीट भी करता था। इससे परेशान होकर मंजू करीब एक महीने पहले पति की हत्या की साजिश रचने लगी। उसकी अकेले की हिम्मत नहीं हुई तब उसने अपने मुंहबोले भाई पंकज शर्मा को बुलाया।
दोनों ने 2 नवंबर को धनतेरस की रात को हत्या कर दी। मंजू ने जिस दिन पति शक्ति की हत्या की। उसी दिन बेटी का जन्मदिन था। पुलिस जांच में सामने आया कि जोधपुर निवासी पंकज शर्मा पर कपड़ों के व्यापार में काफी कर्ज हो गया था। इस पर वह जोधपुर छोड़कर जयपुर आ गया। यहां मंजू राठौड़ के पास 8 हजार रुपए प्रति माह पर नौकरी करने लगा।

Friday, 5 March 2021

17:03

उत्तरी भारत में सक्रिय होते पश्चिमी विक्षोभ ने बढ़ाई राजस्थान में गर्मी बाड़मेर में पारा 38 डिग्री पर पहुंचा

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जयपुर. मार्च का महीना अभी शुरू ही हुआ है, लेकिन गर्मी के जो तेवर हैं, वह अभी से अप्रैल-मई का अहसास दिलाने लगे हैं। राजस्थान में बीते दो-चार दिनों से लगातार गर्मी का असर तेज हो रहा है। अधिकांश शहरों में पारा 33 डिग्री के पार चला गया है। आज सबसे ज्यादा गर्मी बाड़मेर जिले में रही, यहां दिन में तापमान 38.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। मौसम विभाग की माने तो तापमान बढ़ने की उत्तर भारत में सक्रिय होता एक पश्चिमी विक्षोभ है।
जयपुर की बात करें तो आज दिन का तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। साफ आसमान और तेज धूप के कारण लोग गर्मी से परेशान रहे। खुले आसमान में खड़ी गाड़ियां भी अंदर से तपने लगी। गर्मी का यही हाल प्रदेश में अन्य शहरों में रहा। जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, टोंक सहित अन्य शहरों में तापमान 34 डिग्री से भी ऊपर दर्ज किया गया।
मौसम विभाग जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि उत्तरी भारत में एक नया पश्चिमी विक्षोभ का आने वाला है, जो 6-7 मार्च को ज्यादा एक्टिव रहेगा। इसी का प्रभाव है कि राजस्थान में गर्मी का असर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस विक्षोभ के प्रभाव के कारण आगामी 2 दिनों में तापमान में और बढ़ोतरी होगी। साथ ही उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के जिलों में अपेक्षाकृत तेज हवाएं (20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटा तक) चलने की संभावना है।
16:59

जयपुर में बॉर्डर मूवी की कास्ट का जमावड़ा सुनील शेट्‌टी अनु मलिक समेत कई सेलिब्रिटी पहुंचे

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जयपुर. बॉलीवुड डायरेक्टर जेपी दत्ता की बेटी निधि की शादी जयपुर के रामबाग पैलेस होटल में होनी है। 6 और 7 मार्च को होने वाले वेडिंग प्रोग्राम्स की तैयारी शुरू हो चुकी है। शुक्रवार को कई बॉलीवुड सेलिब्रिटीज जयपुर पहुंचे। दोपहर 1 बजे की फ्लाइट से बॉलीवुड एक्टर सुनील शेट्टी अपनी पत्नी के साथ उतरे तो उनके साथ संगीतकार अनु मलिक और उनका पूरा परिवार भी शादी में शामिल होने के लिए जयपुर पहुंचे। इसी फ्लाइट से बॉर्डर मूवी में काम कर चुके जेपी दत्ता के साथी कुलभूषण खरबंदा भी जयपुर आए।
अनु मलिक ने 'आई लव जयपुर' कहकर किया फैंस का अभिवादन
इन सभी सेलेब्स के अलावा बॉलीवुड में म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़ी सेलिब्रिटी भी जयपुर आए। इन सभी ने दोपहर व शाम को रामबाग में हुए शादी इवेंट में शिरकत की। अनु मलिक जयपुर आकर बहुत खुश नजर आए और उन्होंने आई लव जयपुर कहकर फैंस का अभिनंदन किया। उनके साथ उनकी दोनों बेटियां और पत्नी भी थी। सिंगर रूप कुमार राठौड़ भी शादी में शामिल होने आए हैं। गौरतलब है कि राठौड़ ने ही बॉर्डर मूवी का फेमस सांग संदेशे आते हैं.... गाया था।

Wednesday, 3 March 2021

17:18

राजस्थान में 38 दिन बाद संक्रमण के केस 200एक दिन में मिले 50 मरीज

जयपुर.tap news India deepak tiwari राज्य में भले ही वैक्सीनेशन शुरू हो गया हो, लेकिन आमजन की लापरवाही प्रदेश में भारी पड़ती दिख रही है। राजस्थान में आज 215 कोरोना के नये केस मिले है। 38 दिनों के लंबे अंतराल के बाद ऐसा हुआ है, जब कोरोना केसों की संख्या 200 के पार गई है। डूंगरपुर जिले में तो आज कोरोना का विस्फोट हुआ है, यहां एक दिन में 50 केस सामने आने से प्रशासन में हड़कंप मच गया है। कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए डूंगरपुर प्रशासन ने सागवाड़ा इलाके में सख्ती करते हुए कंटेंनमेंट जोन बना दिया है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से जारी रिपोर्ट को देखें तो आज जयपुर में भी 40 नए केस मिले है। यह 23 जनवरी के बाद सबसे ज्यादा केस है। कोरोना केसों के बढ़ने के साथ ही प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। आज डूंगरपुर, जयपुर के अलावा जोधपुर में 19, उदयपुर में 18, राजसमंद में 16, अजमेर में 14 और कोटा में 11 केस मिले है। हालांकि, आज कोरोना से कोई व्यक्ति की मौत की रिपोर्ट नहीं आई है।
एक्टिव केस का ग्राफ भी बढ़ने लगा
राज्य में कोरोना केसों की संख्या पिछले 10 दिनों से धीरे-धीरे बढ़ रही है। इसी कारण एक्टिव केसों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। 20 फरवरी तक राज्य में एक्टिव केसों की संख्या 1300 थी, जो 3 मार्च तक बढ़कर 1470 पर पहुंच गई। राजस्थान की बात करें तो 21 फरवरी से आज दिन तक कुल 1311 केस आ चुके है।
मुख्यमंत्री ने चेताया था, सावधानी बरतें
महाराष्ट्र, केरल, मध्य प्रदेश और पंजाब में बढ़ते केसों को देखते हुए राज्य में बीते दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश की जनता को सतर्क रहने के लिए कहा था। महाराष्ट्र और केरल से आने वालों लोगों के लिए सरकार ने कोरोना की रिपोर्ट लाना भी अनिवार्य कर दिया है।

Sunday, 21 February 2021

17:27

जयपुर :कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन

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जयपुर.कृषि कानूनों के खिलाफ जयपुर सहित प्रदेशभर में शनिवार को कांग्रेस का पैदल मार्च आयोजित किया गया। परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास की अगुवाई में चला तो पैदल मार्च, लेकिन विधायक डॉ. महेश जोशी ऊंट पर सवार थे। आदर्श नगर विधायक रफीक खान व किशनपोल विधायक अमीन कागजी हाथी। कुछ विधायक और कांग्रेस नेता ट्रैक्टरों पर सवार दिखे, कारें और बाइक भी इस मार्च का हिस्सा रहीं। यानी पैदल कम, वाहनों पर ज्यादा।
इस मार्च में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भी शामिल होना था, लेकिन ऐनवक्त पर दोनों शामिल नहीं हुए। बताया जा रहा है कि सीएम नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक के कारण नहीं आ पाए, वहीं डोटासरा स्वास्थ्य खराब होने की वजह से नहीं आए। प्रदेश कांग्रेस के आह्वान पर इसी तरह का मार्च हर जिला मुख्यालय पर पार्टी की ओर से आयोजित किया गया।
कांग्रेस के झंडे और कानूनों के खिलाफ तख्तियां
मार्च में कार्यकर्ता कांग्रेस के झंडे और हाथ में तख्तियां लिए हुए थे। इन पर कृषि कानून को वापस लेने के नारे लिखे हुए थे। यह मार्च चांदपोल बाजार से छोटी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, बड़ी चौपड़, रामगंज चौपड़, सूरजपोल अनाज मंडी होकर गलता गेट तक पहुंचा।
मार्च की तैयारियों के लिए कल बैठक की, लेकिन अनुशासन और रणनीति की कमी दिखी
पैदल मार्च की तैयारियों के लिए एक दिन पहले यानी शुक्रवार को कांग्रेस ने बैठक कर रणनीति बनाई थी। परिवहन मंत्री खाचरियावास और मुख्य सचेतक महेश जोशी ने जयपुर के विधायकों और नेताओं के साथ बैठक कर स्थानीय नेताओं को भी इसमें जिम्मेदारियां दी थी। मार्च के दौरान अनुशासन और रणनीति की कमी साफ दिखाई दी। जयपुर के बड़े नेता अपने-अपने समूहों में छितराए हुए से चलते रहे, पूरा मार्च शुरु से लेकर अंत तक तीन- चार टुकड़ों में बंटकर चला, इस वजह से बड़ा मार्च दिखाई नहीं दिया।
मास्क गायब, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं
सत्ताधारी पार्टी की ओर से अधिकृत रूप से भले ही प्रदेश की जनता को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग सहित सभी प्रकार के नियमों की पालना की दुहाई दी जाती रहे, लेकिन उसी पार्टी के कार्यक्रम में कोई नियम नहीं, कोई कानून नहीं। न तो किसी नेता या कार्यकर्ता ने मास्क पहना और न ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की गई। शनिवार को ही सीएम अशोक गहलोत ने देश के एक-दो राज्यों में बढ़े कोरोना केस को देखते हुए प्रदेशवासियों से कहा है कि वे नियमों का पालन गंभीरता से करें, इसके बावजूद कांग्रेस की रैली में उनकी अपील का कोई असर दिखाई नहीं दिया।
सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद कृषि कानून थोपना चाहता है केंद्र
मंत्री खाचरियावास ने कहा कि किसान आंदोलन में अब तक 200 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। दो दर्जन से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या कर ली है। सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर रोक लगा दी है, इसके बावजूद भाजपा की मोदी सरकार देश के किसानों पर ये कानून थोपना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा पेट्रोल-डीजल महंगा करके, गैस सिलेंडर की सब्सिडी खत्म करके, गैस सिलेंडर को 200 रुपए बढ़ाकर देश की जनता की पीठ में खंजर घोंप चुकी है।

Sunday, 14 February 2021

17:40

मैराथन में दौड़ा जयपुर:tap news India deepak tiwari

जयपुर.फरवरी में सुबह 4 बजे के अंधेरे के साथ सर्द हवाओं के बीच जयपुराइट्स के उत्साह ने ऐसा माहौल बनाया कि 63 साल की सरला भदौरिया हों या 13 साल का ऋषभ, मैराथन की दूरी पार करने में उम्र किसी के रास्ते नहीं आई। रविवार को वैलेंटाइन डे के मौके पर एयू बैंक जयपुर मैराथन में ‘सेलिब्रेटिंग लव फॉर लाइफ’की सोच के साथ शहर की सड़कें जयपुराइट्स के कदमों के साथ गुलजार हुईं। हजारों रनर्स ने शहर के अलग-अलग हिस्सों में रनिंग के इस उत्सव को जमकर सेलीब्रेट किया।
इस बार की मैराथन कई मायनों में खास रही। विश्व में पहली बार मैराथन स्टेडियम में आयोजित की गई। इसमें 63 साल की सरला भदौरिया पहली महिला बनीं जिन्होंने स्टेडियम में होने वाली मैराथन में 42 किमी की दौड़ पूरी की। हालांकि, सड़क या अन्य ट्रैक पर होने वाले मैराथन में इससे भी ज्यादा उम्र के लोग रिकॉर्ड बना चुके हैं,वहीं 13 साल के ऋषभ ने भी फुल मैराथन पूरी की। 80 साल के दामोदर शर्मा का इस उम्र में भी रनिंग को लेकर उत्साह कम नहीं हुआ और उन्होंने 21 किमी कैटेगिरी की दौड़ पूरी की। वहीं छह साल की खुशी ने भी अपने नन्हें-नन्हें कदमों से 2 किमी की दौड़ लगाई।
शरीर ने भले ही छोड़ा साथ लेकिन कायम रहा रनिंग का जज्बा
एयू बैंक जयपुर मैराथन में कुछ ऐसे रनर्स भी जिनके शरीर ने भले ही उनका साथ छोड़ दिया है लेकिन दौड़ने को लेकर उनके जज्बे ने दूसरे लोगों साथ कदम से कदम मिलाया। तरुण कुमार ने व्हील चेयर से रनिंग की वहीं पैरालिसिस से पीड़ित उदय सिंह राठौड़ ने अपने सधे हुए कदमों से दूसरों के साथ रेस पूरी की।
4 कैटेगिरी में आयोजित मैराथन में दौड़े शहरी
एयू बैंक जयपुर मैराथन के सीईओ मुकेश मिश्रा ने बताया कि स्टेडियम में अलग-अलग कैटेगिरी 42, 21 और 10 किमी में 100 से अधिक रनर्स ने दौड़ लगाई। इसके अलावा, जयपुर में बनाए गए 250 पाइंट्स में हजारों लोगों ने अलग-अलग ग्रुप्स में वर्चुअल हिस्सा लिया। रेस पूरी करने वाले रनर्स को उनके पॉइंट्स पर ही मेडल और सर्टिफिकेट दिए गए।
150 शहरों और 100 देशों के रनर्स ने लिया हिस्सा
सीईओ मिश्रा के मुताबिक इस मैराथन में भारत के 150 शहरों और 100 देशों जैसे लंदन, कनाडा, अमेरिका, फ्रांस, श्रीलंका, नेपाल, केन्या, इथियोपिया के रनर्स अपने टाइम जोन के हिसाब से मिडनाइट तक अपनी-अपनी लोकेशन पर वर्चुअली रनिंग की।

Tuesday, 1 December 2020

07:05

जयपुर के आराध्य ने दिए दर्शन:deepak tiwari

जयपुर.कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के बीच जयपुरवासियों की आस्था का केंद्र और शहर के आराध्य भगवान श्री राधा गोविंद देव जी का दरबार आज से खुला। आठ महीनों के इंतजार के बाद गोविंद देव जी के दर्शनों के लिए यहां श्रद्धालुओं की सुबह से ही लंबी लाइनें लग गई। इनमें कई श्रद्धालु ऐसे भी थे जो कि मंदिर परिसर में पहुंचते ही गोविंददेव जी के मुखारविंद के दर्शनों के बाद भावुक हो गए।
हाथ जोड़कर खड़े श्रद्धालुओं की पहली प्रार्थना यही थी कि जल्द ही कोरोना से मिल रहे कष्ट दूर हों। फिर से खुशियां मुस्कुराए। सब पहले जैसा ही हो। इसी भाव के साथ मंदिर में गोविंद देव जी की जयकार होती रही। इस बीच वहां मौजूद मंदिर के सेवादार और कार्यकर्ता माणकचौक पुलिस के साथ मिलकर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को दिशा निर्देश देते नजर आए।
मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर हाथ सेनेटाइज कर ही अंदर दर्शनों के लिए भेजा गया
वे कह रहे थे कि सभी लोग कोरोना की गाइडलाइन की पालना करें। मास्क को ठीक से लगाकर रखें। हाथ सेनेटाइज करें और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें।
पूरे परिसर में इसके लिए गोले भी बनाकर रखे गए थे। दर्शनों के लिए एक जगह नहीं ठहरे। खुद सेवादारों ने मास्क और ग्लव्स लगा रखे थे। वहीं, सुरक्षा व्यस्था के लिहाज से भी पुलिस का जाब्ता लगा रखा था।
गर्भगृह और मुख्य पांडाल में जाने की अनुमति नहीं मिली
मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को गर्भगृह और इसके सामने बने मुख्य पांडाल में जाने की अनुमति नहीं दी गई। मंदिर प्रबंधन ने मुख्य पांडाल के बाहर दर्शनों के लिए बैरिकेट लगाए है, वहीं से श्रद्धालुओं को दर्शन कर भेजा गया। बिना मास्क मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं दिया गया। सुबह पौने 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक मंदिर में दर्शनों को खोला गया। इस दौरान करीब करीब पांच हजार से ज्यादा लोग मंदिर पहुंचे। शाम को अब 4 बजे से साढ़े 6 बजे तक मंदिर खोला जाएगा।
मंदिर परिसर प्रवेश करने के बाद लोगों को जूते-चप्पल खोलने की जरूरत नहीं पड़ी, इस दौरान सामान्य दिनों की तरह लड्डू, प्रसाद भंडार, तुलसी-चंदन वितरण और मंदिर की परिक्रमा को बंद रखा गया।
मंगलवार से आमजन के लिए गोविंद देव मंदिर खुलने के बाद परिसर में बनी श्रृंगार और पूजा पाठ के सामान की दुकानें फिर से सजी गई। यहां मौजूद दुकानदारों का यही कहना था कि जल्द ही कोरोना दूर हो। आम जनजीवन और व्यापार पहले की तरह पटरी पर आ जाए।

Monday, 23 November 2020

19:56

शर्दी का असर आबू में जमी बर्फ:deepak tiwari

जयपुर.प्रदेश में सर्दी का जोर पकड़ती जा रही है। माउंट आबू में सोमवार को पारा शून्य पर पहुंच गया, जो पहाड़ी इलाके में सर्दी के लिए मशहूर कुल्लू-मनाली से भी ज्यादा ठंडा रहा। तेज सर्दी के कारण सुबह माउंट आबू के मैदानी क्षेत्रों में सुबह हल्की बर्फ की परत भी जम गई।
मौसम विभाग से मिली रिपोर्ट को देखे तो लगातार दो दिन से माउंट आबू में तापमान 1 डिग्री पर था, जो आज एक डिग्री गिरकर शून्य पर पहुंच गया। तापमान शून्य पर पहुंचने से वहां मैदानों, खेतों में हल्की बर्फ की परत जमी दिखी। आबू में सर्दी की बात करें तो ये आज हिमाचल प्रदेश के कुल्लू-मनाली से भी ठंडा रहा, जहां आज का न्यूनतम तापमान 7 और 6.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है।
फिर सक्रिय होगा पश्चिमी विक्षोभ, बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने आगामी 24-25 नवंबर को प्रदेश के मौसम में एक बार फिर से बदलाव की संभावना जताई है। जयपुर मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि 24-25 नवंबर को एक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है, जिसका प्रभाव पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, नागौर, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू जिलों देखने को मिल सकता है। इन जिलों में 25 नवंबर को बादल छाने के साथ ही कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
11 शहरों में तापमान आया 10 से नीचे
प्रदेश के अन्य शहरों की बात करें तो कल के मुकाबले आज तापमान में मामूली बढ़ोतरी हुई। जयपुर में रविवार का तापमान 9.9 डिग्री से बढ़कर 10.3 डिग्री पर पहुंच गया। वहीं प्रदेश के 11 शहर ऐसे है, जहां का तापमान 10 डिग्री से नीचे रहा। इसमें अजमेर, भीलवाड़ा, पिलानी, सीकर, कोटा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, पाली, चूरू और श्रीगंगानगर शामिल है। मौसम विभाग से मिली रिपोर्ट के मुताबिक इस साल नवंबर में पड़ रही सर्दी सामान्य के मुकाबले इस बार ज्यादा है।
ये रहा प्रदेश के शहरों का तापमान
अजमेर 9.2, भीलवाड़ा 7, अलवर 11.8, जयपुर 10.3, पिलानी 7.1, सीकर 7.4, कोटा 9.3, सवाई माधोपुर 10, बूंदी 9.5, चित्तौड़गढ़ 7.6, उदयपुर 7.3, बाड़मेर 12.4, पाली 9, जैसलमेर 13.5, जोधपुर 11.7, बीकानेर 13.6, चूरू 5.8 और श्रीगंगानगर में आज का न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

Saturday, 31 October 2020

12:57

गुर्जर फिर आंदोलन की राह पर जाने क्योंdeepak tiwari

जयपुर.एमबीसी को बैकलॉग व प्रक्रियाधीन भर्तियों में पूरे पांच प्रतिशत आरक्षण सहित 6 सूत्रीय मांगों को लेकर एक नवम्बर से प्रस्तावित गुर्जर आंदोलन को लेकर सरकार की हार्ट-बीट बढ़ गई है। गुर्जरों ने अब सरकार का वार्ता प्रस्ताव ठुकरा दिया है और आंदोलन की राह थाम ली है। उधर, भरतपुर जिला कलेक्टर ने अगले आदेश तक जिले के सभी कर्मचारियों-अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। राज्य सरकार ने 23 आरएएस अधिकारियों की अलग-अलग जिलों में तैनाती की है, वहीं पांच तहसीलों में इंटरनेट सेवा आज शाम से बंद करने का आदेश दिया है।
गुर्जर आरक्षण आंदोलन से निपटने के लिए सरकार ने की तैयारियां
राज्य सरकार ने 23 आरएएस अधिकारियों की अलग-अलग जिलों में तैनाती की है। वहीं जयपुर जिले की पांच तहसीलों में भी इंटरनेट सेवा को आज शाम पांच बजे से बंद करने का आदेश दिया है। जानकारी के मुताबिक एचएम ढाका, जगदीश प्रसाद बुनकर, औंकारमल, राजेंद्र कुमार वर्मा, श्याम सिंह शेखावत की करौली में लगाई ड्यूटी है। इनकी सेवाएं करौली कलेक्टर को सौंपी गई है। इसके अलावा 4 आरएएस अखिलेश कुमार पीपल, रामस्वरूप चौहान, संजय शर्मा रामानंद शर्मा को लगाया अलवर लगाया है,वहीं जगदीश आर्य, बालकृष्ण तिवाड़ी, कैलाश गुर्जर, राजेंद्र शर्मा को भरतपुर, जगदीश सिंह मोंगा, सेवाराम स्वामी, सोहनलाल चौधरी और कृष्ण कुमार गोयल को धौलपुर, महेंद्र खींची, सत्तार खान को दौसा, गोविंद सिंह राणावत की बूंदी और मुकेश मीणा, मुनीदेव यादव, प्रवीण लेखरा की ड्यूटी सवाई माधोपुर लगाई है।
पांच तहसीलों में इंटरनेट सेवा आज शाम
जिला संभागीय आयुक्त ने एक आदेश जारी कर जमवारामगढ, पावटा, शाहपुरा, विराटनगर और कोटपूतली तहसील क्षेत्र में प्रशासन ने आज शाम 6 बजे शनिवार शाम 6 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश जारी किया है। ये सभी तहसील के क्षेत्र गुर्जर समाज के आंदोलन से प्रभावित माने जाते हैं।
गुर्जरों ने सरकार के वार्ता प्रस्ताव का न्यौता ठुकराया
करौली जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने गुरुवार को गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के किरोड़ी सिंह बैंसला एवं विजय बैंसला सहित अन्य सदस्यों से मिलकर उन्हें राज्य सराकार द्वारा निर्धारित की गई समझौता वार्ता में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। समिति ने इस आमंत्रण को अस्वीकार कर दिया। हालांकि सरकार ने गुर्जर आरक्षण संबंधी मंत्रीमण्डलीय समिति की बैठक में तीन प्रमुख मांगों पर सकारात्मक फैसला किया है।
ये किए फैसले
1. गुर्जर आन्दोलन के दौरान घायल हुए व्यक्तियों में से कैलाश गुर्जर, मानसिंह गुर्जर एवं बद्री गुर्जर की कुछ वर्षों बाद मृत्यु हो गई थी। इनके परिवार को सामाजिक स्तर पर सहायता जुटाकर युवा एवं खेल मामलात राज्यमंत्री अशोक चांदना द्वारा 5 लाख रुपए प्रत्येक परिवार को सहायता के रूप में दिए जाएंगे।
2. अति पिछड़ा वर्ग के जिन 12.2 अभ्यर्थियों का परिवीक्षाकाल पूर्ण हो चुका है, उन सभी अभ्यर्थियों को राज्य सरकार द्वारा परिवीक्षावधि पूर्ण होने पर रेगुलर पे स्केल दी जाएगी।
3. राज्य सरकार (कार्मिक विभाग) द्वारा अति पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण से संबंधित प्रावधान को नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए पूर्व में भारत सरकार को 22 फरवरी 2019 एवं 21 अक्टूबर 2020 को लिखा गया है। इसके लिए पुनः भारत सरकार को उक्त आरक्षण प्रावधान को नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा तत्काल लिखा जाएगा।
गुर्जरों की ये हैं प्रमुख मांगें
आरक्षण को केन्द्र की 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाए।
बैकलॉग की भर्तियां निकालनी जाएं। भर्ती में गुर्जरों को 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए।
एमबीसी कोटे से भर्ती हुए 1200 कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
आंदोलन के सभी शहीदों के परिजन को सरकार के वादे के मुताबिक नौकरी, मुआवजा दी जाए।
आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमों को वापस लिया जाए।
गुर्जर कर रहे नुक्कड़ नाटक
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्यों ने गुर्जर नेता भूरा भगत के नेतृत्व में तहसील इलाके के एक दर्जन गुर्जर बाहुल्य गांवों का दौरा कर समाज के लोगों से एक नवम्बर को भरतपुर जिले में पीलूपुरा-कारबारी स्मारक स्थल पर पहुंचने का आव्हान किया है।
सभाओं को संबोधित करते हुए भूरा भगत ने आंदोलन को समाज के अस्तित्व की लड़ाई बताते हुए लोगों से अपने बच्चों के भविष्य के लिए एक नवम्बर को हर हाल में अपने मित्रों व रिश्तेदारों के साथ स्मारक स्थल पर पहुंचने को कहा है। गुर्जरों का आरोप है कह सरकार दोहरी नीति अपना कर समाज की आवाज को दबाना चाह रही है।

Wednesday, 28 October 2020

20:34

जब 1 रुपए वाले मटर के पैकेट का बिजनेस शुरू किया तो लोगों ने बनाया मजाक दूसरे महीने कमाई 50 हजार पहुंची अब खुद की फैक्ट्री deepak tiwari

जयपुर.राजस्थान के टोंक जिले में रहने वाले अंशुल गोयल ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, लेकिन काम स्नैक्स बेचने का कर रहे हैं। कॉलेज में एंटरप्रेन्योरशिप के एक प्रोजेक्ट के दौरान ही उन्होंने सोच लिया था कि बिजनेस ही करना है।
घरवालों के कहने पर डेढ़ साल सरकारी नौकरी की तैयारी भी, लेकिन मन नहीं लगा तो बंद कर दी। तीन साल में अपने पार्टनर के साथ मिलकर एक से डेढ़ लाख रुपए तक की मंथली इनकम पर पहुंच चुके हैं। वही बता रहे हैं, उन्होंने ये सब कैसे किया।
एक सैलरी पर बंधकर काम नहीं करना चाहता था
अंशुल कहते हैं- इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान मुझे महसूस हुआ कि नौकरी के बजाए मुझे बिजनेस में जाना चाहिए। मैं एक सैलरी पर बंधकर काम नहीं करना चाहता था, बल्कि खुद अपने काम का बॉस बनना चाहता था। कॉलेज में थर्ड ईयर में एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम में पार्टिसिपेट किया।
एक बिजनेस प्रोजेक्ट पर काम किया। तब दिमाग में ये बात घर कर गई कि बिजनेस ही करना है। घरवाले चाहते थे कि मैं पढ़ाई करके नौकरी करूं। सरकारी नौकरी की तैयारी भी की, लेकिन कुछ दिन बाद मन नहीं लगा और बिजनेस के बारे में सोचने लगा।
वो बताते हैं, "मैं मार्केट में बिजनेस सर्च कर रहा था कि आखिर क्या कर सकता हूं। मेरे ज्यादातर रिश्तेदार बिजनेसमैन ही हैं। उनसे भी कंसल्ट कर रहा था। मुसीबत ये थी कि बिजनेस शुरू करने के लिए बहुत पैसा नहीं था। जो भी करना था, छोटे बजट में ही करना था। मैं देख रहा था कि कोई प्रोडक्ट कितना बिक सकता है। उसकी मार्केट में क्रेडिट कितने दिनों की होती है। सबसे ज्यादा कौन लोग उसे खरीदते हैं। कई चीजें देखने के बाद मुझे हरे मटर का काम समझ में आया।"
अंशुल कहते हैं- मैंने देखा कि एक रुपए में फ्राई मटर बेचे जाते हैं। ये पैकेट खासतौर पर बच्चों को टारगेट कर मार्केट में उतारे जाते हैं। रिसर्च करने पर मुझे पता चला कि इस काम में बहुत ज्यादा इंवेस्टमेंट भी नहीं था और रिटर्न आने की संभावना पूरी थी। 2017 में मैंने जयपुर से ही डेढ़ लाख रुपए में ये काम शुरू किया। मेरे करीब 60 से 70 हजार रुपए प्रिंटिंग में खर्च हुए, क्योंकि प्रिंटिंग का ऑर्डर बल्क में देना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि पचास हजार रुपए में पैकिंग की एक सेकंड हैंड मशीन खरीदी। इसके अलावा मंडी से दौ सो किलो सूखी मटर खरीदी। शुरू के एक महीने काफी दिक्कतें आईं। अनुभव न होने के चलती कभी हमारी मटर पूरी तरह फ्राई नहीं हो पाती थी। कभी क्रिस्पी नहीं होती थी।
कभी तेल ज्यादा हो जाता था तो कभी मसाला अच्छे से लग नहीं पाता था। मैंने अपने जानने वाले दुकानदारों को सैम्पलिंग के लिए पैकेट दिए थे। सभी ने फीडबैक दिया। फिर पता चला कि तेल सुखाने के लिए भी मशीन आती है। मसाला लगाने के लिए भी मशीन आती है और भी कई छोटी-छोटी बातें पता चलीं।
डेढ़ महीने में ही शुरू हो गई कमाई
वो कहते हैं- एक महीने की लर्निंग के बाद मैं जान गया था कि बढ़िया क्रिस्पी मटर कैसे तैयार किए जाते हैं। हम अच्छा माल तैयार करने लगे। महीनेभर बाद ही ऑर्डर बढ़ना शुरू हो गया। पहले टोंक जिले के गांव में ही मैं पैकेट पहुंचा रहा था। दूसरे महीन से ही मेरी 45 से 50 हजार रुपए की बचत होने लगी। ये काम 6 महीने तक चलता रहा।
फिर दुकानदारों ने ही बोला कि इसके साथ जो स्नैक्स के दूसरे प्रोडक्ट आते हैं, वो भी बढ़ाओ। उन प्रोडक्ट्स की भी काफी डिमांड होती है। मैंने भी सोचा कि प्रोडक्ट्स बढ़ाऊंगा नहीं तो काम कैसे फैलेगा। मटर के काम में मैंने एक बंदा मटर फ्राई करने के लिए रखा था और दूसरा पैकिंग के लिए था। मार्केटिंग का काम मैं खुद देख रहा था।
मार्केट से 50 लाख उठाए, आधे चुका भी दिए
अंशुल ने बताया कि मेरे पास बहुत से प्रोडक्ट्स लॉन्च करने के लिए पैसा नहीं था। फिर अपने साथ एक पार्टनर को जोड़ा। हमने सबसे पहले फर्म रजिस्टर्ड करवाई। मार्केट और बैंक से करीब 50 लाख रुपए उठाए और एक साथ 11 प्रोडक्ट लॉन्च कर दिए। टोंक के साथ ही जयपुर और दूसरे एरिया में भी हम डिस्ट्रीब्यूशन के जरिए प्रोडक्ट्स पहुंचाने लगे।
उन्होंने कहा- कोरोना के पहले हमारी मंथली इनकम एक से डेढ़ लाख थी। मार्केट से जो पैसा उठाया था, उसका 50% चुका भी दिया। कोरोना के चलते 6 महीने का ब्रेक लग गया था। अब फैक्ट्री फिर से शुरू कर दी है। आज मेरे पास करीब 30 लाख रुपए की मशीनें हैं। आठ से दस वर्कर हैं। पैकिंग से लेकर ड्राय करने तक की मशीनें हैं।
अब हम दिवाली के बाद चिप्स लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं। जो लोग अपना काम शुरू करना चाहते हैं, उन्हें यही कहना चाहता हूं कि जो भी काम करो, पहले उसके बारे में रिसर्च करो। उस प्रोडक्ट के मार्केट को समझो। कॉम्पीटिशन बहुत हाई है, यदि सही प्लानिंग से नहीं गए तो नुकसान हो सकता है। अंशुल यूट्यूब पर कामकाजी चैनल के जरिए लोगों को बिजनेस एडवाइज भी देते हैं।

Thursday, 15 October 2020

02:34

कुमार विश्वास की पत्नी बनीं लोक सेवा आयोग की सदस्य deepak tiwari



जयपुर राज्य में जनीतिक नियुक्तियां होने लगीं है.
सबसे चौंकाने वाला नाम आया है कवि कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा का. मंजू शर्मा को राज्य सरकार ने राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य बनाने का फैसला लिया है.

बता दें कि कवि कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा अजमेर की रहने वाली हैं. अजमेर के सिविल लाइंस में भौंपो का बड़ा की रहने वाली मंजू शर्मा 1994-95 में हिंदी की प्राध्यापक नियुक्त हुई थीं.

राजस्थान में प्रोफेसर की नौकरी करने के दौरान उनकी मुलाकात कवि कुमार विश्वास से हुई और दोनों ने शादी कर ली थी

Sunday, 4 October 2020

18:33

दीपावली पर लगी पटाखों पर रोक:deepak tiwari

जयपुर.कोरोना वायरस लंग्स को खराब कर रहा है। दीपावली पर पटाखे चलेंगे और अस्थमा सहित अन्य मरीजों को और भी अधिक प्रभावित करेंगे। ऐसे में दीपावली पर पटाखों पर पूरी तरह बैन लगना चाहिए। यह कहना है एसएमएस मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग का। विभाग के सीनियर डॉक्टर्स ने मेडिकल कॉलेज प्रिंसीपल को पत्र लिखकर यह मांग की है। मामला मीडिया में सामने आने के बाद राज्य मानवाधिकार आयोग ने रविवार को प्रसंज्ञान लेते हुए कहा कि राजस्थान राज्य के चिकित्सकों की राय से सहमति व्यक्त की।
इस संबंध में मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस महेशचंद्र शर्मा ने प्रदेश के मुख्य सचिव एवं राज्य के सभी जिला कलेक्टर्स एवं राज्य के सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया कि वह मानव मूल्यों की रक्षा करें एवं पटाखों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण से वातावरण को प्रदूषित होने से रोकें तथा इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करें ताकि अस्थमा, सीओपीडी इत्यादि मरीजों को किसी भी प्रकार की कोई क्षति नहीं पहुंचे एवं कोविड 19 की रोकथाम कर सकें। साथ ही, इस संबंध में 12 अक्टूबर तक जवाब मांगा है।
यह है मामला
एसएमएस अस्पताल के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. एस.बनर्जी, वरिष्ठ आचार्य डॉ. रमन शर्मा, डॉ. अभिषेक और डॉ. सुनील महावर ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल को कल एक पत्र लिखा था। जिसमें पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग की है। पत्र में कहा गया था कि अन्य सालों में पटाखों की वजह से निकलने वाले धुएं की वजह से वातावरण दूषित हो जाता है और लोग लंबे समय तक अस्थमा, सीओपीडी जैसी बीमारियों से परेशान होते हैं। यदि इस बार भी ऐसा हुआ तो खतरा काफी बढ़ सकता है और कोरोना पीड़ित लोगों को लंग्स सम्बन्धी बीमारियां तेजी से हो सकती हैं।
18:30

दिवाली पर मिल सकती है जयपुर को नई सौगात:deepak tiwari

जयपुर.लंबे इंतजार के बाद अब जयपुर जंक्शन पर भी दिल्ली-मुंबई की तर्ज पर बिजली से संचालित होने वाली ट्रेनें दौड़ती नजर आएंगी। यह सौगात दिवाली तक आमजन के लिए शुरू हो सकती है। वर्तमान में जयपुर मंडल में विद्युतीकरण का काम अंतिम चरण में चल रहा है। नवंबर के अंतिम सप्ताह में पूरा हो जाएगा। रेलवे अफसरों का दावा है कि इसके शुरू होने से बाद यात्रा का समय 20 मिनट कम हो जाएगा।
1814 किमी रूट पर बिछाया बिजली का जाल
केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (कोर) के चीफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीआर मीना ने बताया कि अब तक जयपुर प्रोजेक्ट में करीब 1814 किलोमीटर रेलवे लाइन का विद्युतीकरण कर लिया है। इसके अंतर्गत कनकपुरा से मदार, गांधीनगर से बांदीकुई, बांदीकुई से भरतपुर समेत कई ट्रैक का काम पूरा हो गया है,वहीं बस्सी से जयपुर यार्ड और कनकपुरा के बीच बीस प्रतिशत काम अंतिम दौर में चल रहा है। यह काम अगले महीने पूरा हो जाएगा। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक जयपुर जंक्शन पर बीते साल यार्ड के री-मॉडलिंग के कारण विद्युतीकरण का काम अटका था फिर लॉकडाउन हो गया जिससे देरी हो गई।
कनकपुरा से मदार (अजमेर), बांदीकुई से बस्सी पर सीआरएस निरीक्षण भी हो चुका है। यहां काम पूरा होने के बाद महज सीआरएस निरीक्षण ही बाकी है जो नवंबर के पहले सप्ताह तक होने के संकेत है। ऐसे में दिवाली तक जयपुर जंक्शन से दिल्ली, अजमेर, कोटा, रींगस-सीकर के लिए इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें संचालित होंगी।
विद्युतीकरण की वर्तमान स्थिति
जयपुर- दिल्ली रेलमार्ग: बस्सी-जयपुर-कनकपुरा (40 किमी) अक्टूबर में पूरा हो जाएगा। केवल तारों काम ही शेष है।
जयपुर-अहमदाबाद- मुंबई
मदार से दोराई (बायपास) (53 किमी) में फाउंडेशन का काम चल रहा है। यह नवंबर में पूरा होगा।
स्वरूपगंज-मावली (40 किमी) में महज तार खींचने का काम चल रहा है। अक्टूबर में काम पूरा होगा।
जयपुर- सवाई माधोपुर रेलमार्ग
शिवदासपुरा से जयपुर जंक्शन (29 किमी) में तार का काम शेष है। अक्टूबर में हो जाएगा़।
जयपुर-रींगस रेलमार्ग (57 किमी) में विद्युतीकऱण का काम चल रहा है। अक्टूबर अंत या नवंबर पहले सप्ताह में पूरा होगा।

Monday, 21 September 2020

17:53

6 महीने बाद स्कूल खुलने पर ग्राउंड रिपोर्ट:deepak tiwari की कलम से

6 महीने बाद स्कूल खुलने पर ग्राउंड रिपोर्ट:deepak tiwari 6 राज्यों में ज्यादातर प्राइवेट स्कूल बंद; जो खुले, वहां भी गिने-चुने बच्चे पहुंचे; जयपुर में पेरेंट्स से पेपर साइन कराने के बाद बच्चों को एंट्री
अनलॉक-4 में 21 सितंबर से स्कूल खुले। कुछ राज्यों ने स्कूल खुलने की अनुमति दी है तो कई राज्यों ने अभी स्कूल बंद रखने का फैसला लिया है। अभी सिर्फ 9वीं से 12 वीं तक के बच्चों को गाइडेंस के लिए स्कूल आने को कहा गया है। करीब 6 महीने बाद स्कूल खुलने पर स्टूडेंट्स की संख्या बहुत कम दिखी। जयपुर में तो एक स्कूल ने परिजन से लेटर साइन कराकर बच्चों को स्कूल में एंट्री दी। जिन राज्यों में स्कूल खुले, वहां दैनिक भास्कर की टीम ने ग्राउंड पर पड़ताल की कि स्कूलों का माहौल कैसा रहा। 
मध्य प्रदेश
भोपाल: ज्यादातर प्राइवेट स्कूल बंद रहे। प्राइवेट स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कार्मल कान्वेंट, सागर पब्लिक स्कूल, आईपीएस, द संस्कार वैली और जवाहर लाल नेहरू हायर सेकंडरी स्कूल 21 सितंबर को नहीं खुले। इनका कहना है कि अभिभावकों से बातचीत करने के बाद तय किया है कि फिलहाल ऑनलाइन पढ़ाई ही कराई जाएगी, स्कूल नहीं खोले जाएंगे। शहर के कुछ सरकारी स्कूल खुले और वहां बच्चों को पूरे ऐहतियात के साथ प्रवेश दिया गया। लेकिन, बच्चों की संख्या काफी कम रही।
कार्मल कॉन्वेंट के प्रशासनिक अधिकारी संतोष बोस ने बताया कि फिलहाल स्कूल नहीं खोलेंगे। अभिभावक भी अभी तैयार नहीं हैं। वे ऑनलाइन पढ़ाई से खुश हैं। अगर अभिभावकों के साथ बातचीत में स्कूल खोलने की सहमति बनती है तो उसकी सूचना स्कूल की तरफ से दी जाएगी। भोपाल के जवाहर लाल नेहरू हायर सेकंडरी स्कूल के वाइस प्रिंसिपल सुनील पाठक ने बताया कि डाउट क्लीयरिंग में ये साफ नहीं है कि कितने बच्चे बुलाए जा सकते हैं। फिलहाल हमने स्कूल नहीं खोलने का निर्णय लिया है। इस संबंध में डीईओ से भी बात करेंगे। ऑनलाइन क्लासेस जारी हैं और बच्चों के डाउट भी क्लीयर हो रहे हैं।
भोपाल के कार्मल कॉन्वेंट स्कूल प्रबंधन ने फिलहाल स्कूल को बंद रखने का निर्णय लिया है।
इंदौर: सरकारी स्कूल सोमवार को आंशिक रूप से खुल गए। 9वीं से 12वीं तक बच्चे स्कूल में गाइडेंस के लिए आ सकते हैं। ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों ने स्टूडेंट्स को नहीं बुलाया। कैंब्रिज इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल प्रभा दिनोदरे ने बताया कि करीब 7 महीने बाद खुले स्कूल में सुबह सिर्फ 10 बच्चे पहुंचे। हम पेरेंट्स को मैसेज भेज रहे हैं। हो सकता है कल से कुछ और बच्चे स्कूल आएं। डाउट क्लीयर करने के लिए जिन बच्चों को बुलाया जाएगा, उसका अलग से टाइम टेबल तय किया जा रहा है। जिससे एक साथ बहुत सारे बच्चे न आएं।
चंडीगढ़: सोमवार को सिर्फ सरकारी स्कूल ही खुले। वहां बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठाया गया। निजी स्कूल नहीं खुले। इस बारे में निजी स्कूलों के संगठन का कहना है कि हमने पेरेंट्स के बीच सर्वे कराया था, जिसमें 80 से 90% पेरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजने को राजी नहीं थे, लिहाजा स्कूल नहीं खोले गए। निजी स्कूलों का कहना है कि ऑनलाइन स्टडी जारी रहेगी। समय-समय पर पेरेंट्स के फीडबैक लिए जाएंगे। अगर पेरेंट्स की बड़ी संख्या बच्चों को स्कूल भेजने को राजी हुई तभी स्कूल खोले जाएंगे।
चंडीगढ के सरकारी स्कूल में एंट्री देने से पहले छात्रों के हाथ सैनिटाइज कराते टीचर।
राजस्थान
जयपुर: कई बड़े निजी स्कूल 21 सितंबर को खुले,लेकिन छात्रों की संख्या न के बराबर रही। अमेरिकन स्कूल के प्रिंसिपल और स्कूल एजुकेशन परिवार के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि हमने पहले दिन 9वीं से 12वीं के 65 फीसदी बच्चों को ही बुलाया गया था, लेकिन बहुत कम बच्चे आए। पहले दिन ज्यादातर स्कूलों में स्टूडेंट्स नहीं पहुंचे। कुछ स्कूलों ने बच्चों के बैठने की व्यवस्था स्कूल के प्रेयर ग्राउंड में की थी।
जयपुर के आगरा रोड स्थित केशव ग्लोबल एकेडमी में बच्चों को परिवार से साइन करवाए गए लेटर के बाद ही एंट्री दी गई। जहां बच्चे को एक रजिस्टर, पेन, पानी की बोतल और सैनिटाइजर साथ लाने के लिए कहा गया है। साथ ही स्कूल में बच्चों को मास्क हटाने की भी अनुमति नहीं दी गई। ज्यादातर स्कूल प्रबंधनों का कहना है कि गार्जियन अभी बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं है। इसलिए ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर रहेगा। बहुत जरूरत पड़ने पर ही बच्चों को स्कूल बुलाया जाएगा। जोधपुर में भी ज्यादातर निजी स्कूल बंद रहे।
जयपुर के स्कूल में परिवार द्वारा साइन किए गए लेटर के बाद ही मिली बच्चों को एंट्री।
पंजाब
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अनलॉक के दिशा-निर्देशों में आंशिक संशोधन करते हुए पंजाब सरकार ने 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को अपने पेरेंट्स की लिखित इजाजत के साथ स्कूल जाने की परमिशन दी है। इसके साथ राज्य सरकार ने यह भी कहा कि जिलों में स्कूल खोलने का फैसला डीसी अपने स्तर पर ले सकते हैं। पंजाब में भी लुधियाना और जालंधर में निजी स्कूलों में स्टूडेंट्स नहीं पहुंचे। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि डाउट क्लीयरेंस के लिए बच्चों को बुलाया जाय या ऑनलाइन ही उनके डाउट क्लीयर किए जाएं, यह पेरेंट्स से बात करके ही यह तय किया जाएगा। सरकारी स्कूलों में भी ज्यादातर वही छात्र स्कूल आए, जिनके बोर्ड परीक्षा से जुड़े कुछ काम थे।
हरियाणा
हरियाणा में पानीपत, जींद, सोनीपत, हिसार, भिवानी, गुड़गांव, फरीदाबाद, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, चरखी दादरी, रोहतक समेत लगभग सभी 22 जिलों में सरकारी स्कूल खुल गए हैं। अभी स्कूलों में सिर्फ सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक ही एक-एक बच्चे का डाउट क्लीयर करवाया जाएगा। सरकारी स्कूलों में इक्का-दुक्का बच्चे नजर आए, लेकिन ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों में स्टूडेंट्स नहीं पहुंचे।
बिहार
बिहार में सोमवार को स्कूल नहीं खुले। 9वीं से 12वीं तक छात्र डाउट क्लीयर करने और प्रैक्टिकल क्लासेस के लिए कब से स्कूल आएं, यह तय करने के लिए 22 को शिक्षा विभाग की बैठक होगी। पटना के डीएम कुमार रवि ने कहा कि शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के बाद ही स्कूलों में गतिविधि की अनुमति दी जाएगी। बॉल्डविन एकेडमी के प्राचार्य राजीव रंजन ने बताया 9 से 12वीं तक के बच्चों के रिस्पॉन्स मांगे थे। 11वीं-12वीं के 400 में सिर्फ 8 के अभिभावकों ने स्कूल भेजने की बात कही। 9वीं-10वीं के 400 में 53 ने सहमति दी। संत जेवियर्स हाई स्कूल के प्राचार्य फादर क्रिस्टू ने बताया कि 9वीं-10वीं के 297 बच्चों में 151 ने हां कहा है। डॉन बॉस्को एकेडमी के उप प्राचार्य एरिक जॉन डी रोजैरियो ने बताया कि अधिकतर अभिभावक स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं है।
गुजरात, झारखंड और यूपी समेत कई राज्यों में अभी स्कूल नहीं खुलेंगे
उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, छत्तीसगढ़ और झारखंड समेत कई राज्यों ने फिलहाल स्कूल बंद रखने का फैसला लिया है।

Friday, 18 September 2020

15:00

एयरलाइंस ने कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी यात्रा कराई, दुबई एयरपोर्ट ने एयरलाइंस पर 15 दिन का प्रतिबंध लगाया

जयपुर.deepak tiwari एक तरफ जहां केंद्र और राज्य सरकारें कोविड 19 को लेकर रोजाना नए-नए नियम लागू कर रही हैं जिससे संक्रमण के बढ़ते स्तर को रोका जा सके लेकिन इसी बीच एक एयरलाइंस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इस मामले का खुलासा शुक्रवार को हुआ।
कोरोना पॉजिटिव को लेकर भरी उड़ान
दरसअल एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट संख्या आईएक्स-1135 4 सितंबर को जयपुर से दुबई के लिए रवाना हुई। इस फ्लाइट से एक करतार सिंह नाम का यात्री भी जयपुर से दुबई के लिए यात्रा कर रहा था। दो सितंबर को कोरोना टेस्ट कराने पर वह पॉजिटिव आया था।
यात्री के पास डायग्नोस्टिक सेंटर की पॉजिटिव रिपोर्ट भी थी। इसके बावजूद एयरलाइंस ने उसे यात्रा कराई। जिसके बाद इस मामले का पता चलने पर दुबई एयरपोर्ट प्रशासन ने एयरलाइंस के सभी ऑपरेशन्स पर तुरंत प्रभाव से 15 दिन तक रोक लगा दी। ऐसे में अब 2 अक्टूबर तक एयर इंडिया एक्सप्रेस की कोई भी फ्लाइट दुबई के लिए संचालित नहीं हो सकेगी। हालांकि अन्य किसी भी एयरलाइंस की फ्लाइट का संचालन इस निर्णय से प्रभावित नहीं होगा।

Thursday, 10 September 2020

18:10

राजस्थान में मानसून का रिपोर्टकार्ड:deepak tiwari

जयपुर.मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में इस मानसून सीजन अभी तक 10 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। पश्चिमी राजस्थान में 324.2 मिमी बारिश हुई है जो सामान्य से 30 प्रतिशत अधिक है। पूर्वी राजस्थान में 557.7 प्रतिशत बारिश हुई है जो सामान्य से एक प्रतिशत कम है, वहीं राजस्थान में 427.5 प्रतिशत बारिश हुई है जो सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक है।
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में जोधुपर में 65 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है जो प्रदेश में सबसे अधिक है। वहीं नौ जिलों जैसलमेर, बाड़मेर, नागौर, चूरू, पाली, जालौर, राजसमंद, उदयपुर, डूंगरपुर में भी सामान्य से अधिक बारिश हुई है, वहीं 19 जिलों श्रीगंगानगर, बीकानेर, हनुमानगढ़, झुंझुनूं, भीलवाड़ा, सिरोही, अजमेर, सीकर, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, कोटा, बारां, झालावाड़, सवाईमाधोपुर, करौली, दौसा, भरतपुर और जयपुर में सामान्य बारिश हुई है। चार जिलों टोंक, बूंदी, अलवर तथा धौलपुर में सामान्य से कम बारिश हुई है। सबसे कम बरसात धौलपुर जिले में हुई है। यहां 29 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
अगले दो सप्ताह कैसा रहेगा मौसम
मौसम विभाग के अनुसार मानसून ट्रफ लाइन का अमृतसर, करनाल, मेरठ, बरेली, वाराणसी, डाल्टनगंज, बांकुड़ा, दीघा से होकर पूर्व और उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी की ओर रुख है। मौसम विभाग के अनुसार 11 से 17 सितंबर तक बारिश में कमी आएगी।
इस दौरान तापमान बढ़ेगा और कुछ स्थानों पर सामान्य से अधिकतम तापमान रहेगा। सामान्य वहीं दूसरे सप्ताह यानी 18 से 24 सितंबर तक मानसून फिर एक्टिव होगा और सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान है। इस दौरान अधिकतम तापमान सामान्य के आस-पास रहेगा।

Wednesday, 9 September 2020

01:40

कोरोना पर राज्य में गहलोत सरकार के नए नियम जारी

जयपुर.राजस्थान सरकार ने कोरोना काल में मृतकों के अंतिम संस्कार पर नए दिशा निर्देश जारी किए। सभी कलेक्टरों, निकायों व अस्पतालों को इसकी पालना सुनिश्चित करनी होगी। अब किसी कोरोना संक्रमित की मौत पर उनकी बॉडी प्रोटोकॉल के अनुसार पैक करके परिजनों को सौंपी जा सकेगी। परिजन अपने पैतृक श्मशान या कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार कर सकेंगे।
रिसर्च; किसी पैक बॉडी से कोराेना नहीं फैला
रिसर्च में पता चला कि कोरोना संक्रमित मृतक की पैक बॉडी से अभी तक किसी को संक्रमण नहीं फैला है। परिजन पैतृक श्मशान स्थल में बॉडी ले जा सकेंगेे, पर जिला प्रशासन को बताना होगा।
परिजन बॉडी को अस्पताल से सीधे घर पर नहीं ले जा सकेंगे। {बॉडी अंतिम संस्कार के लिए सीधे श्मशान स्थल लाई जाएगी।
बॉडी खोलने व स्नान कराने पर पाबंदी होगी।
सामाजिक दूरी के साथ अंतिम दर्शन होंगे।
लिपटने, हाथ लगाने, चूमने की इजाजत नहीं होगी। पवित्र जल छिड़काव आदि की मंजूरी है।
अधिकतम 20 परिजन दूरी-मास्क के साथ अंतिम संस्कार में आ सकेंगे।