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Monday, 2 November 2020

21:32

बनना चाहती थी IAS और डिप्रेशन में बन गई कूड़ा बीनने वालीdeepak tiwari



वारंगल। आईएएस बनने का सपना संजोय हैदराबाद की युवती ने डिप्रेशन में मल्टीनेशनल कंपनी की एचआर मैनेजर की नौकरी छोड़ दी। दिमाग की बीमारी बढ़ती गई और वह ‘कूड़ा बीनने वाली’ बन गई। आठ महीने पहले घर छोड़ दिया। घर से निकलने के बाद मांगते-खाते और भटकते हुए करीब डेढ़ हजार किलोमीटर दूर वह हैदराबाद से गोरखपुर पहुंच गई।

वारंगल की रहने वाली रजनी टोपा 23 जुलाई को पागलों की हालत में गोरखपुर के तिवारीपुर थाने के पास मिली थी। वह कूड़ेदान के पास फेंके हुए सूखे चावल बीन कर खा रही थी। वहां मौजूद लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस वाले जब मौके पर पहुंचे तो इन्‍हें देखकर वह फर्राटेदार अंग्रेजी बोलनी लगी। वह हिंदी भी थोड़ी बहुत बोल लेती थी। पुलिसवालों ने उसे महिला मातृछाया चैरिटेबल फाउंडेशन के हवाले कर दिया। संस्थान में रजनी का इलाज शुरू हुआ जिससे उनकी हालत सुधरने लगी।
रजनी के पिता ने मातृछाया के अधिकारियों को बताया कि साल 2000 में एमबीए की पढ़ाई प्रथम श्रेणी से पास की तो उसका इरादा आईएएस बनने का था। दो बार सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी लेकिन दोनों बार उसे नाकामयाबी मिली। इसके बाद वह डिप्रेशन में रहने लगी। डिप्रेशन से बचने के लिए उसने एचआर की जॉब की लेकिन वह नौकरी भी छूट गई।
इसके बाद दिमागी संतुलन तेजी से बिगड़ने लगा। नवंबर में उसने घर छोड़ दिया और फि‍र वह घूमते-घूमते गोरखपुर पहुंच गई। बीते 23 जुलाई को उसे पुलिस ने मातृछाया के सुपुर्द किया था। इलाज और काउंसलिंग से रजनी की हालत सुधरी तो उसने घर का पता बताया। तेलंगाना के वारंगल के हनमकोंडा में रजनी का परिवार रहता है। मातृछाया की टीम ने उसके परिजनों से संपर्क किया। परिवार में दिव्यांग पिता, बूढ़ी मां और एक भाई है लेकिन तीनों ने गोरखपुर आने से इनकार कर दिया। इसके बाद मातृछाया की टीम रजनी को हवाई जहाज से लेकर उसके घर पहुंची।

Sunday, 1 November 2020

11:29

घरेलू गैस सिलेंडर को लेकर नई खबर TAP NEWS

deepak tiwari
नई दिल्ली। बढ़ती महंगाई के बीच रसोई गैस (Cook­ing Gas) के मोर्चे पर नवंबर महीने में राहत की खबर है। सरकारी तेल कंपनियों ने नवंबर महीने के लिए एलपीजी रसोई गैस सिलेंडर (LPG Gas Cylin­der) के दाम में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है। इसके पहले अक्टॅूबर महीने में भी HPCL, BPCL, IOC ने रसोई गैस सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं किया था। एक तरफ बाजार में आलू, प्याज से लेकर दालों की कीमतों में इजाफे के बीच आम आदमी के लिए यह राहत की बात मानी जा रही है। हालांकि, 19 किलोग्राम वाले कॉमर्शियल गैस सिलेंडर (Com­mer­cial Gas Cylin­er Price) के दाम में 78 रुपये तक का इजाफा हुआ है।


इसके पहले अंतिम बार 14 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम में जुलाई 2020 को 4 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी। वहीं, इससे पहले जून के दौरान दिल्ली में 14.2 किलोग्राम वाले गैर‑सब्सिडाइज्‍ड एलपीजी सिलेंडर 11.50 रुपये महंगा हो गया था, जबकि मई में 162.50 रुपये तक सस्ता हुआ था।
चेक करें नए दाम (LPG Price in India 01 Octo­ber 2020)- देश की सबसे बड़ी ऑयल मार्केटिंग कंपनी IOC की वेबसाइट पर दिए दाम के मुताबिक दिल्ली में सिलेंडर की कीमतें स्थिर रही है। पिछले महीने यानी अक्टूबर में जो दाम थे। वहीं, नवंबर महीने के लिए रहेंगे।
दिल्‍ली में 14.2 किलोग्राम वाले बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 594 रुपये पर स्थिर है। इसी तरह मुंबई में बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 594 रुपये है। हालांकि, चेन्नई में कीमतें भी भी 610 रुपये प्रति सिलेंडर पर बरकरार है। वहीं, कोलकाता में 14 किलोग्राम वाले एक सिलेंडर के लिए 620 रुपये देने होंगे।
कॉमर्शियल सिलेंडरों के दाम बढ़ें
नवंबर महीने के लिए 19 किलोग्राम के कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में इजाफा हुआ है। चेन्नई में सबसे ज्यादा 78 रुपये प्रति ​सिलेंडर की बढ़ोतरी हुई है। अब यहां एक कॉमर्शियल सिलेंडर के लिए 1,354 रुपये देने होंगे। कोलकाता और मुंबई में 76 रुपये प्रति सिलेंडर का इजाफा हुआ है। इसके बाद इन दोनों शहरों में नये दाम क्रमश: 1,296 और 1,189 रुपये है। ​राजधानी दिल्ली की बात करें तो अब यहां एक कॉमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर के लिए 1,241 रुपये देने होंगे।
बदल गया LPG सिलेंडर​ डिलीवरी का तरीका
आपको याद दिला दें कि आज से एलपीजी गैस सिलेंडर की होम डिलीवरी का तरीका भी बदल रहा है। अब ग्राहकों को एलपीजी सिलेंडर के लिए वन‑टाइम पासवर्ड की जरूरत होगी। तेल कंपनियां इस नए सिस्टम को लागू कर रही हैं, ताकि गैस सिलेंडर की चोरी के मामलों से निपटा जा सके और सही ग्राहक तक डिलीवरी हो सके। इस ​नए सिस्टम को डिलीवरी ऑथेन्टिकेशन कोड (Deliv­er Authen­ti­ca­tion Code) के नाम से जाना जाएगा। इसके तहत, गैस सिलेंडर की डिलीवरी तब तक पूरी नहीं होगी, जब तक की ग्राहकों द्वारा डिलीवरी करने वाले को एक कोड न दिखाया जाए। शुरुआत दौर में इस सिस्टम को 100 स्मार्ट शहरों में लागू किया जाएगा

Thursday, 29 October 2020

00:45

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ख्वाजा अहमद ने कहा-हमले के खौफ से अभिनंदन को छोड़ा था deepak tiwari

नई दिल्ली। पाकिस्तान में एक बार फिर से भारत और मोदी सरकार का खौफ देखने को मिला है। ताजा मामले में पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने खुलासा करते हुए कहा है कि भारत के फायटर प्लेन पायलट अभिनंदन वर्धमान को भारत के खौफ के कारण पाकिस्तान ने छोड़ा था।

पाकिस्तान की संसद में पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने भारत से डर का खुलासा करते हुए कहा है कि भारत के खौफ के कारण पिछले साल विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की रिहाई हुई थी। भारत को खुश करने के लिए अभिनंदन को छोड़ा गया था।
वहीं पाकिस्तान असेंबली के पूर्व स्पीकर अयाज सादिक ने कहा, ‘उस समय पाकिस्तान को डर था कि कहीं भारत उस पर हमला न कर दे। भारत के हमले की आशंका से उस समय पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के पैर कांप रहे थे और चेहरे पर पसीना आ रहा था। बाजवा को भारत के हमले का डर सता रहा था।’
अयाज सादिक ने कहा, ‘विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी कांप रहे थे। अभिनंदन को लेकर वो कह रहे थे कि खुदा के वास्ते उसे जाने दें। पाकिस्तान को डर था कि अगर फायटर प्लेन पायलट अभिनंदन को रात 9 बजे तक रिहा नहीं किया गया तो भारत पाकिस्तान पर हमला करेगा।’

वहीं इस मामले पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘राहुल जी, आप सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक पर सवाल उठा रहे थे ना? जरा देखिए मोदी जी का क्या खौफ है पाकिस्तान में सरदार अयाज सादिक बोल रहे है पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में की पाक के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के पैर कांप रहे थे और चेहरे पर पसीना था, कहीं भारत अटैक न कर दे! समझें?’
बता दें कि फरवरी 2019 में पाकिस्तान ने हमले के लिए अपने फाइटर जेट भारत में भेजे थे, जिसका जवाब देने के लिए भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने मिग‑21 में उड़ान भरी थी। इस दौरान अभिनंदन का विमान क्रैश हो गया और पीओके में जा गिरे। जहां उनको पाकिस्तान की सेना ने पकड़ लिया था। हालांकि इसके बाद पाकिस्तान पर काफी दबाव बनाया गया, जिसके बाद अभिनंदन को अटारी-वाघा बॉर्डर से भारत वापस लौटाया गया था।

Monday, 26 October 2020

02:54

दूसरे की इच्छा पर नहीं खतरा देखकर लड़ेंगे युद्ध‑डोभाल deepak tiwari

 October 26, 2020

नई दिल्ली। रविवार को देश ने धूमधाम से असत्य पर सत्य की विजय का पर्व विजयादशमी मनाया। इस मौके पर भारत की ओर से देश के दुश्मनों को इशारों इशारों में बेहद कड़ा संदेश दिया गया। एलएसी पर तनाव के बीच को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने दुश्मनों को युद्ध का मंत्र दिया है।

 
उत्तराखंड के हरिद्वार में एक कार्यक्रम में डोभाल ने कहा कि किसी की इच्छा पर नहीं बल्कि जरूरत या खतरे को देखकर युद्ध करेंगे। हालांकि अजित डोभाल के बयान पर सरकार की तरफ से सफाई भी आई है। सरकार का कहना है कि डोभाल का बयान चीन के लिए नहीं था।
विजयादशमी के मौके पर एनएसए अजित डोभाल उत्तराखंड के ऋषिकेश में मौजूद थे… परमार्थ निकेतन के कार्यक्रम में डोभाल ने कहा, ”हम वहीं लड़ेंगे जहां पर आपकी इच्छा है, यह कोई जरूरी तो नहीं। हम वहीं लड़ेंगे जहां से हमें खतरा आ रहा है। हम उस खतरे का मुकाबला वहीं करेंगे। यह एक बात है लेकिन हमने अपने स्वार्थ के लिए नहीं किया। हम युद्ध तो करेंगे, अपनी जमीन पर भी करेंगे और बाहर भी करेंगे, लेकिन अपने निजी स्वार्थ के लिए नहीं परमार्थ के लिए करना पड़ेगा।”
एनएसए डोभाल के इस बयान पर सरकार की ओर से सफाई आई है। सरकार का कहना है कि ये चीन को लेकर नहीं दिया गया बल्कि ये भारत की आध्यात्मिक सोच पर था, लेकिन बावजूद इसके ये बयान साफ करता है कि भारत युद्ध की धमकी या खतरे से नहीं डरता और युद्ध के लिए हमेशा तैयार है। अजित डोभाल ने शनिवार को जो तेवर तय किए अगले दिन दो और बड़े दिग्गज उसी लाइन पर बोलते नजर आए। चीन की चौखट पर पहुंचकर राजनाथ सिंह ने भी ड्रैगन के लिए देश के इरादों का इजहार कर दिया।
दशहरे के मौके पर रक्षा मंत्री ने दार्जिलिंग के सुकना में 33वीं कोर के मुख्यालय में जवानों के साथ शस्त्र पूजा की। इस मौके पर सेना और जवानों पर विश्वास जताते हुए रक्षा मंत्री ने दुश्मन को कड़ा संदेश दिया। रक्षा मंत्री ने कहा, ”भारत और चीन की सीमा पर जो तनाव चल रहा है। भारत तो यह चाहता है कि यह तनाव समाप्त हो, शांत स्थापित हो, हमारा उद्देश्य यही है. लेकिन कभी कभी ऐसी नापाक हरकतें होती रहती हैं। मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं और साथ पूरा विश्वास है कि हमारी सेना के जवान अपने देश की एक इंच की जमीन भी दूसरे के हाथ में नहीं जाने देंगे।”
चीन के साथ बीते करीब 6 महीने से तनातनी चल रही है। समाधान के लिए 7 दौर की बैठक हो चुकी है और आठवें की तैयारियां चल रही है। अजित डोभाल के बयान में भले किसी का नाम नहीं लिया गया हो लेकिन ऐसे माहौल में इतना इशारा काफी है कि निशाने पर कौन है।