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मंगलवार, 28 सितंबर 2021

7:31 pm

भगतसिंह के सपनों का भारत बनाना SVS का लक्ष्य

शहीदे आजम भगतसिंह के जन्मदिवस पर उस महान क्रांतिकारी की पुण्य आत्मा को  नमन करते हुए श्रमिक नेता  रामजी पांडे ने कहा कि हमे अपने देश भारत को शहीद भगत सिंह के सपनों का भारत बनाना है और इसके लिए हमे जो भी कुर्बानियां देने की जरूरत आन पड़ेगी हम देने के लिए तैयार है ।उन्होंने कहा कि आज देश मे जिस तरह के हालात हैं उसमें भगत सिंह के विचारों की धरातल पर प्रासंगिकता और भी बढ़ गई है। खासतौर पर भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों के साम्राज्यवाद विरोधी- साम्प्रदायिकता विरोधी विचार आज जन जन तक पहुँचाने की जरूरत आन पड़ी है।इसके लिए SVS लगातार प्रयासरत है और हमारा यह प्रयास आखिरी दम तक जारी रहेगा ।उन्होंने कहा कि आज देश का किसान  आंदोलन नए कंपनी राज के खिलाफ नई आज़ादी की लड़ाई की इबारत लिख रहा है। जिसमे श्रमिक विकास संगठन निरन्तर अपना योगदान देता रहेगा। रामजी पांडे ने कहा कि भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों ने पुराने कम्पनी राज के खिलाफ लड़कर शहादत दी और देश को आज़ादी दिलाने का काम किया। आज भगत सिंह के वैचारिक वारिस किसान और श्रमिक देश भर में केंद्र सरकार द्वारा लाये जा रहे नए कम्पनी राज के खिलाफ लगातार लड़ रहे हैं।

बुधवार, 27 जनवरी 2021

10:02 pm

श्रमिकों को मिले 20,000 सेलरी -श्रमिक नेता

श्रमिक विकास संगठन के नेता रामजी पांडे ने कहा कि देश में श्रम कानूनों को समेकित (Integrated) करने और उनमें संशोधन करने के लिए बनाए गए तीन लेबर कोड को विपक्ष के विरोध के बावजूद  22 सितंबर 2020  को लोकसभा में पास कर दिया गया था और 23 सितंबर को विपक्ष की गैर मौजूदगी में राज्यसभा ने भी इन्हें पारित कर दिया था। इन कोड्स या संहिताओं में औद्योगिक संबंध संहिता 2020 व्यावसायिक सुरक्षा स्वास्थ्य एवं कार्य परिस्थिति संहिता 2020 तथा सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 शामिल हैं। इसके अलावा वेतन संहिता, 2019 पहले ही पारित हो चुका है। ये सभी श्रम संहिताएं (लेबर कोड्स) 44 मौजूदा श्रम कानूनों का स्थान ले रहे है। जबकि देशभर के मज़दूर संगठन व श्रमिक विकास संगठन इसका शुरआत से ही विरोध कर रहे हैं ।
श्रमिक विकास संगठन की मांग है कि सभी चार संहिताओं को रोक दिया जाना चाहिए और फिर इन श्रम संहिताओं पर केंद्रीय मजदूर संगठनों के साथ सच्ची भावना से द्विपक्षीय और त्रिपक्षीय बातचीत होनी चाहिए। जिसके बाद ही सही हल निकलना मुमकिन है श्रमिक नेता रामजी पांडे ने कहा की हमारी मांग है कि देशभर में श्रमिकों को  20,000 रुपये की न्यूनतम मासिक मजदूरी दी जाए और जब तक सरकार इसे अनुमोदित नहीं करती है तब तक  श्रमिकों को दिल्ली की तर्ज पर प्रति माह न्यूनतम मजदूरी के समान मजदूरी श्रमिकों को भुगतान किया जाए।जबकि मौजूदा हाल में उत्तर प्रदेश में श्रमिको को प्रति माह न्यूनतम वेतन केवल 7,600 रुपये ही दिया जा रहा है जो कि बहुत ही कम हैं। इतने कम वेतन में एक परिवार का गुजर-बसर करना काफी मुश्किल होता है।