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रविवार, 29 जनवरी 2023
सोमवार, 7 नवंबर 2022
मुंबई में अहिंसा विश्व भारती का राष्ट्रीय सम्मेलन
रामजी पांडे
मुंबई केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने अहिंसा विश्व भारती के राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। यह सम्मेलन आज 6 नवंबर 2022 को मुंबई में आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में,केन्द्रीय मंत्री ने विश्वगुरु बनने के भारत के मिशन पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, आचार्य डॉ.लोकेश मुनि और अहिंसा विश्व भारती के अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए, केन्द्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि संत और ऋषि किसी व्यक्ति के भीतर ऐसी चिंगारी को प्रज्वलित करते हैं जिससे उसके कार्यों की आभा का बढ़ना संभव हो जाता है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हमें कभी-कभी अपने कर्तव्यों की याद दिलाने की जरूरत होती है और संत यही काम करते हैं। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति को कर्मकांडों की दुनिया में उलझे बिना धर्म को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी से जोड़ने की जरूरत है और डॉ. लोकेश जैसे आचार्य इसी आदर्श को साकार करते हैं।
देश के विश्वगुरु बनने के मिशन के बारे में बोलते हुए, केन्द्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल ने हर घर तिरंगा जैसे कार्यक्रमों की अभूतपूर्व सफलता का हवाला दिया जिसमें शायद ही कोई ऐसा घर था जहां राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया गया हो। विश्व में व्याप्त घोर निराशा के वातावरण के बीच भारत को आशा जगाने वाला एक स्थान बताते हुए, उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय देश की प्रगति का साक्षी है।
केन्द्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पंच प्रण में देशवासियों से औपनिवेशिक मानसिकता को त्यागने और अपने पारिवारिक मूल्यों, विरासत एवं आदर्शों का पालन करते हुए अपनी जड़ों की ओर वापस लौटने की अपील की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के पंच प्रण हमारे दैनिक जीवन में भी हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि समाज का ध्यान रखने की जैन धर्म की शिक्षा देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपना संबोधन समाप्त करते हुए कहा कि अगर भारत के नागरिक यह तय कर लें कि भारत को विश्वगुरु बनाना है, तो दुनिया की कोई भी ताकत इसे रोक नहीं सकती।
इस अवसर पर, महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि हमारा देश अपने संतों की वजह से जाना जाता है। राज्यपाल ने कहा कि इस देश के निर्माण में ऋषियों ने मौलिक भूमिका निभाई है। राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि हम राजाओं के योगदान को भले ही भूल जायें, लेकिन हमें राष्ट्र निर्माण में संतों के योगदान को कभी भी नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने बताया कि कैसे देश ने ऋषियों की शिक्षाओं की वजह से कई विदेशी आक्रमणों को सफलतापूर्वक विफल किया है। राज्यपाल ने यह भी बताया कि कैसे अमेरिकी मीडिया ने स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व से मंत्रमुग्ध होकर उन्हें एक महान विभूति कहा। राज्यपाल ने विश्वास व्यक्त किया कि जब तक देश संतों की परंपराओं को याद रखेगा तब तक भारत प्रगति करता रहेगा।इस अवसर पर राकेश जी, जैन अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन और संजय घोड़ावत फाउंडेशन को अहिंसा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया गया।
रविवार, 14 अगस्त 2022
बिग बुल राकेश झुनझुनवाला का निधन:ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली; शेयर इन्वेस्टमेंट से 46 हजार करोड़ का एम्पायर बनाया
शुक्रवार, 1 अप्रैल 2022
मुंबई पोत परिवहन के अध्यक्ष श्री राजीव जलोटा ने कहा कि मुंबई बंदरगाह पर घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सेवा मुख्य गतिविधि होने की उम्मीद है
मुंबई:बीपीएक्स-इंदिरा डॉक पर बनकर तैयार होने वाला प्रतिष्ठित समुद्री क्रूज टर्मिनल - मुंबई इंटरनेशनल क्रूज टर्मिनल के जुलाई 2024 तक चालू होने की उम्मीद है। टर्मिनल में प्रति वर्ष 200 जहाजों और 1 मिलियन यात्रियों की आवाजाही को संभालने की क्षमता होगी। कुल परियोजना लागत 495 करोड़ रुपए में से 303 करोड़ रुपए मुंबई पोत प्राधिकरण और शेष निजी ऑपरेटरों द्वारा खर्च किए जाएंगे। मुंबई पोत प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री राजीव जलोटा ने राष्ट्र के बंदरगाह-केंद्रित विकास के लिए भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रम - सागरमाला के 7 साल पूरे होने के अवसर पर आज मुंबई में मीडिया को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।
भारत में अपनी तरह का पहला प्रतिष्ठित समुद्री क्रूज टर्मिनल का कुल निर्माण क्षेत्र 4.15 लाख वर्ग फुट है। इसमें 22 एलिवेटर, 10 एस्केलेटर और 300 कारों के लिए बहुमंजिला कार पार्किंग की सुविधा होगी। डॉक पर एक बार में दो क्रूज जहाजों को जगह मिलेगी।
श्री जलोटा ने कहा कि आने वाले दिनों में मुंबई पोर्ट पर घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सेवा मुख्य गतिविधि होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मुंबई पोत प्राधिकरण क्रूज पर्यटन, यात्री परिवहन, जहाज मरम्मत पर विशेष ध्यान दे रहा है। श्री जलोटा ने कहा कि भारत को एक क्रूज गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए एक क्रूज कॉन्फ्रेंस की योजना बनाई जा रही है, जिसका उद्देश्य मुंबई, गोवा, कोच्चि जैसे बंदरगाहों और पूर्वी तट पर बंदरगाहों को देश के क्रूज हब के रूप में स्थापित करना है।
बुधवार, 8 दिसंबर 2021
भारत के राष्ट्रपति ने भारतीय नौसेना के 22वें मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन को राष्ट्रपति मानक प्रदान किया
भारत के राष्ट्रपतिश्री रामनाथ कोविन्द ने आज (8 दिसंबर, 2021) महाराष्ट्र के मुंबईमें भारतीय नौसेना के 22वें मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन को राष्ट्रपति मानक प्रदान किया है।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने 22वीं मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन से जुड़े सभी अधिकारियों और नाविकों को यह उपलब्धि प्राप्त करने के लिए बधाई दी।उन्होंने कहा कि स्क्वाड्रन को मानक प्रदान करना हमारे देश के लिए इसके पूर्व और मौजूदा अधिकारियों व नाविकों की उनकी असाधारण सेवा का प्रमाण है।
राष्ट्रपति ने इस बात को रेखांकित किया कि इस स्क्वाड्रन के पोतों को कई अभियानों में शामिल किया गया है। वे मिशन आधारित तैनाती के जरिए हमारी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं।वे ओमान की खाड़ी और फारस की खाड़ी में राजनयिक मिशन व समुद्री डकैती-विरोधी अभियान का भी संचालनकर रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा : "नौसेना की स्वदेशीकरण की प्रतिबद्धता छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि है"
मुंबई:राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने आज मुंबई में एक औपचारिक समारोह में भारतीय नौसेना के 22वें मिसाइल वेसल्स स्क्वाड्रन को 'राष्ट्रपति मानक' प्रदान किया।
राष्ट्रपति का मानक किसी सैन्य इकाई द्वारा राष्ट्र के लिए की गई सेवा को मान्यता देने के लिए सर्वोच्च कमांडर द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि “इस स्क्वाड्रन को मानक का दिया जाना इसके अतीत और वर्तमान के अधिकारियों और नाविकों द्वारा हमारे देश के लिए की गई असाधारण सेवाओं का प्रमाण है।" उन्होंने पचास साल पहले 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तानी नौसेना के जहाजों को डुबोने में 22वीं मिसाइल स्क्वाड्रन द्वारा निभाई गई भूमिका को याद किया।
आत्म निर्भर भारत की दृष्टि के हिस्से के रूप में स्वदेशीकरण के प्रति भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, "नौसेना की यह प्रतिबद्धता छत्रपति शिवाजी महाराज को एक श्रद्धांजलि है जिन्हें कई इतिहासकार सत्रहवीं शताब्दी में युद्ध के लिए तैयार भारतीय नौसैनिक बल के संस्थापक के रूप में मानते हैं।"
गुरुवार, 26 अगस्त 2021
FY21 में 31820 करोड़ 5 साल बाद मुनाफे में वापसी
आज केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री श्रीमती। निर्मला सीतारमण ने आज मुंबई में अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के प्रदर्शन की समीक्षा की। समीक्षा में कहा गया है कि 2014 में मौजूदा स्थिति की प्रतिक्रिया के रूप में मान्यता, संकल्प, पुनर्पूंजीकरण और सुधार की सरकार की 4R रणनीति ने 2020-21 में लाभप्रदता, पूंजी पर्याप्तता, एनपीए में कमी, जांच के विभिन्न मानकों पर पीएसबी में नाटकीय सुधार किया था। धोखाधड़ी की घटना और बाजार से धन जुटाना।
श्रीमती सीतारमण ने बैंकों को निर्यात प्रोत्साहन एजेंसियों के साथ-साथ उद्योग और वाणिज्य निकायों के साथ बातचीत करने का निर्देश दिया ताकि निर्यातकों की आवश्यकताओं को समय पर पूरा किया जा सके। बैंकों को निर्देश दिया गया था कि वे फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्टर्स ऑर्गनाइजेशन (FIEO) के साथ नियमित रूप से बातचीत करें ताकि निर्यातकों को विभिन्न बैंकरों के बीच आवागमन न करना पड़े।
वित्त मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वर्तमान बदलते समय के साथ, उद्योगों के पास अब बैंकिंग क्षेत्र के बाहर से भी धन जुटाने का विकल्प है। बैंक स्वयं विभिन्न माध्यमों से धन जुटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां जरूरत है वहां क्रेडिट को लक्षित करने के लिए इन नए पहलुओं का अध्ययन करने की जरूरत है। श्रीमती सीतारमण ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि बैंक एक विशेष क्षेत्र के उद्योगों को एक निर्यातक बनने में सक्षम बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और इस तरह एक जिला एक उत्पाद योजना की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि जैसा कि प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सुझाव दिया है, बैंकों को उत्तर-पूर्व के जैविक फल क्षेत्र की मांगों को पूरा करने की आवश्यकता है।
विशेष रूप से देश के उत्तर-पूर्व क्षेत्र के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों की रसद और निर्यात जरूरतों को व्यक्तिगत रूप से देखने की जरूरत है। वित्त मंत्री ने कहा कि कासा जमा पूर्वी राज्यों में जमा हो रहा है और बैंकों को उस क्षेत्र में अधिक से अधिक ऋण विस्तार की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।
कुल मिलाकर श्रीमती सीतारमण ने बैंकों से कहा कि वे राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कर्ज जरूरतमंदों तक पहुंचे। क्रेडिट आउटरीच के बारे में, वित्त मंत्री ने कहा कि अक्टूबर 2019 और मार्च 2021 के बीच, बैंकों ने एक आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया था और 4.94 लाख करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए थे, और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को इस वर्ष भी इसी तरह की कवायद करने का आह्वान किया था ।
PSB का बेहतर प्रदर्शन अप्रैल-जून तिमाही 2021 में भी जारी रहा है। इस तिमाही में कुल लाभ 14,012 करोड़ रुपये रहा है और परिचालन लाभ, शुल्क आय के साथ-साथ ट्रेजरी आय में भी मजबूत वृद्धि देखी गई है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का यह प्रदर्शन COVID-19 महामारी के कारण व्यापक प्रसार अवरोधों के बावजूद है। पीएसबी में बाजारों का विश्वास रुपये से अधिक के साथ मजबूत हुआ है। इस साल के पहले पांच महीनों में इक्विटी के रूप में 7,800 करोड़ रुपये जुटाए जा रहे हैं। पिछले साल भर में 10,543 करोड़ । समामेलन हुआ है और अधिक दक्षता, अधिक व्यावसायिकता, कम लागत और मजबूत पूंजी बफर के रूप में लाभ मिल रहे हैं।
पीएसबी में, ग्राहक सेवा में सुधार और पीएसबी की पहुंच डिजिटल बैंकिंग, डिजिटल उधार, सुविधा संपन्न मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग, अधिक ग्राहक-अनुकूल सुविधाओं और क्षेत्रीय भाषा ग्राहक-इंटरफ़ेस को अपनाने से सक्षम हुई है । डिजिटल चैनलों के माध्यम से डिजिटल खुदरा ऋण अनुरोध की शुरुआत को बड़े पीएसबी में सक्षम किया गया है, जिसमें ऋण अनुरोधों से खुदरा संवितरण वित्त वर्ष 2020-21 में शुरू किया गया है, जिसकी राशि रु। 40,819 करोड़ । ग्राहक-आवश्यकता-संचालित, विश्लेषण-आधारित क्रेडिट ऑफ़र को प्रोत्साहन दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप रु. FY2020-21 में सात बड़े PSB द्वारा 49,777 करोड़ ताजा खुदरा ऋण संवितरण । नतीजतन, पीएसबी के लगभग 72% वित्तीय लेनदेन अब डिजिटल चैनलों के माध्यम से किए जाते हैं, डिजिटल चैनलों पर सक्रिय ग्राहकों की संख्या वित्त वर्ष 2019-20 में 3.4 करोड़ से दोगुनी होकर वित्त वर्ष 2020-21 में 7.6 करोड़ हो गई है।
महामारी के दौरान, PSB, निजी बैंकों और NBFC ने अकेले आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) के माध्यम से 1.16 करोड़ से अधिक उधारकर्ताओं का समर्थन किया । ECLGS की सफलता के कारण सरकार ने ECLGS को बढ़ाकर रु। 28 जून, 2021 को की गई घोषणाओं के हिस्से के रूप में 4.5 लाख करोड़। साथ ही, एमएफआई के लिए गारंटी योजना और स्वास्थ्य क्षेत्र में पूंजीगत व्यय (सीएपीईएक्स) जैसी अन्य पहलें की गई हैं। उदाहरण के लिए, एमएफआई योजना पहले ही लगभग रु। निर्यात में हमारे नए चैंपियन के रूप में संभावित मध्यम आकार और छोटी कंपनियों की पहचान करने के लिए पिछले हफ्ते ही 1,000 करोड़ रुपये की “उभरते सितारे योजना” शुरू की गई थी।
PSBs की समीक्षा में, वित्त मंत्री ने FY2021-22 के लिए एन्हांस्ड एक्सेस एंड सर्विस एक्सीलेंस (EASE) 4.0 सुधार एजेंडा भी लॉन्च किया और EASE 3.0 (FY2020-21) के लिए वार्षिक रिपोर्ट जारी की।