Tap news india

Hindi news ,today news,local news in india

Breaking news

गूगल सर्च इंजन

Showing posts with label सतना. Show all posts
Showing posts with label सतना. Show all posts

Monday, 19 October 2020

18:08

मैहर वाली मां का दरबार में एक दिन में 45 हजार की भीड़ deepak tiwari

सतना.यह नजारा है मां शारदा शक्तिपीठ मैहर का। यहां काेराना काल के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कमी नहीं आई है। चैत्र नवरात्र में टाेटल लॉकडाउन के चलते मंदिर बंद था। लेकिन शनिवार से शुरू हुए शारदीय नवरात्र के पहले ही दिन यहां भक्ताें की भक्ति काेराेना पर भारी पड़ती दिखाई दी। करीब 45 हजार श्रद्धालुओं ने देवी मां के दर्शन किए। इस बार प्रशासन ने काेविड गाइडलाइन का पालन कराने व सुरक्षा के लिहाज से 350 अधिकारी और 1200 पुलिस जवान तैनात किए हैं।
367 मीटर ऊंचे त्रिकूट पर्वत पर विराजमान देवी मां
मैहर के 367 मीटर ऊंचे त्रिकूट पर्वत पर मां विराजमान हैं। मान्यता है कि मां से अमरत्व का वरदान प्राप्त आल्हा-उदल आज भी मां की प्रथम पूजा करते हैं, जिसके हमेशा प्रमाण भी मिलते आए हैं। जब भी पट खुलते हैं मां शृंगार व पूजा हुए मिलते हैं। यह भी कहा जाता है जब आल्हा-उदल पूजा करते हैं तब मंदिर में काेई रुकता नहीं है।

Saturday, 25 July 2020

05:08

पूर्व मंत्री राजेन्द्र कुमार सिंह, वर्तमान मंत्री रामखेलावन पटेल सहित 19 की करोड़ों की जमीन सरकारी घोषित

सतना। अमरपाटन कस्बे में अमरपाटन-सतना स्टेट हाइवे से लगी बेशकीमती जमीनें जो नियम विरुद्ध तरीके निजी करा ली गई थीं उन्हें कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी अजय कटेसरिया ने शासकीय घोषित कर दिया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद 2012 से जिला न्यायालय में चल रहे इस बहुचर्चित मामले में कुछ लोगों ने अमरपाटन तहसील के मौजा उमराही मथुरियान की रोड पटरी की आराजी क्रमांक 155 व 156 को फर्जी पट्टे के आधार पर अपने नाम करा लिया था। बाद में उसे कई लोगों को बेच भी दिया। आम निस्तार से जुड़े इस मामले पर आम जनता की ओर प्रकरण दायर किया गया था। जिसमें जिला न्यायालय ने 8 साल बाद फैसला देते हुए पुन: शासकीय घोषित कर दिया है। इन जमीनों के शासकीय घोषित होते ही कई रसूखदारों और नेताओं की भी जमीनें सरकारी हो गई हैं। जिसमें एक पूर्व मंत्री राजेन्द्र कुमार सिंह व वर्तमान मंत्री रामखेलावन पटेल की भी जमीन शामिल हैं।

इस मामले की जांच में पाया गया कि आराजी नंबर 155व 156 के खसरे में विष्णुदत्त का नाम बिना सक्षम आदेश के किया गया है। इसके बाद विष्णुदत्त ने कई लोगों को जमीने बेची। विक्रेता इन जमीनों में मौके पर कभी काबिज नहीं रहा है। जिसका एक अंशभाग अनावेदक विनोद कुमार जैन को भी बेचा गया। जांच में पाया गया है कि विक्रेता विष्णुदत्त का नाम राजस्व अभिलेख में विधि विरुद्ध दर्ज किये जाने के बाद विनोद जैन ने इस जमीन को खरीदे जाने की बात कहते हुए खुद को भू-स्वामी बताता रहा है। जबकि विष्णुदत्त को विवादित भूमि विक्रय करने का कोई अधिकार प्राप्त नहीं था।

अपर कलेक्टर की जांच रिपोर्ट के अनुसार विक्रय पत्र के आधार पर तहसीलदार अमरपाटन द्वारा किये गये नामांतरण आदेश में ही स्पष्ट कर दिया गया था कि अनावेदक इस भूमि का न तो नक्शा तरमीम करा सकेगा और न ही सीमांकन आदि करा सकेगा। इसके बाद भी अनावेदन विनोद ने इन आराजियों पर विधि विरुद्ध अंतरण और कब्जा किया गया।

स्थल निरीक्षण के दौरान पाया गया कि अनावेदन हाइवे की पटरी, जहां पर पुरानी सड़क बनी थी व सड़क के अवशेष आज भी विद्यमान हैं, की भूमि को विक्रय पत्र के आधार पर अपनी कहता है जबकि मौके पर न तो विक्रेता विष्णुदत्त और न ही अनावेदक क्रेता विनोद को कभी कब्जा मिला है। जमाबंदी अभिलेखों से भी स्पष्ट हो गया कि रोड पटरी और रोड से लगी खंती की भूमि जिनके आराजी नंबर 155, 156 है, को फर्जी पट्टे के आधार पर विक्रय किया गया है।

सभी पक्षों को सुनने, जांच प्रतिवेदन और अन्य शासकीय अभिलेखों के अवलोकन के बाद जिला दण्डाधिकारी अजय कटेसरिया ने अपने फैसले में कहा है कि मौजा उमराही मथुरियान तहसील अमरपाटन की आराजी नंबर 155 व 156 पूर्ववत जमाबंदी वर्ष 1958-59 अनुसार मध्यप्रदेश शासन सड़क पटरी एवं खंती दर्ज किया जाता है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अमरपाटन को अभिलेख दुरुस्त कराने कहा गया है।

विनोद कुमार जैन की आराजी नंबर 155/1/क/1, राजेन्द्र कुमार सिंह की आराजी नंबर 155/1/क/2, 155/1/क/3, 155/1/ड, जगदीश प्रसाद अग्रवाल 155/1/ख/1, राममिलन अग्रवाल 155/1/ख/2, मुन्ना उर्फ राजकुमार अग्रवाल 155/1/ख/3, विजय मनोहर अशोक कुमार सिंधी बगैरह 155/1/ग, प्रमोद कुमार जैन 155/1/घ, कांग्रेस कमेटी ई अमरपाटन द्वारा राजेन्द्र कुमार सिंह 155/1/च, विजय कुमार 155/1/छ, आनंद सिंह 155/1/ज, रामखेलावन पटेल 155/2/क/1, 156/2/ग/1, 156/2/ख/3, सचिन्द्रनाथ राय 155/2/क/2, 156/2/ग/2, गोपेन्द्र कुमार सिंह 155/2/क/3, 156/2/ग/3, श्रीचंद हलवाई 155/2/ख, 156/2/ग/1/2, आशीष कुमार अनुराग कुमार बगैरह जैन 155/3/क, विनोद कुमार बसरा 156/2/क, अनीता गुप्ता 156/2/ख/1, 156/2/ख/2, 156/2/ख/5, अनुराग गुप्ता 156/2/ख/4 सहित रोहित जैन की आराजी क्रमांक 156/2/ख/6 शासकीय घोषित कर दी गई हैं।

इस मामले के जानकारों का कहना है कि अमरपाटन में मथुरा निवासी विष्णुदत्त उर्फ मथुरिया की जमीने थी। वे यहां के पवाईदार थे और उन्ही के नाम से उमराही मथुरियान भी इसका पड़ा था। बाद में यहां से सरकारी सड़क बनी। लेकिन राजस्व अधिकारियों की लापरवाही से इन सड़कों के नंबर राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं हो सकी। जबकि यहां बकायदे डामर की सड़क बनी थी। इसके बाद इस सड़क को सीधा किया गया और यह सड़क कुछ फीट साइड में आ गई। इससे यह पुरानी सड़क खाली पड़ी रही। उधर मथुरिया उर्फ विष्णुदत्त पहले विनोद जैन की कपड़े की दुकान में आया करते थे। यहां अक्सर उनका बैठका लगता था। इसी दौरान विनोद जैन ने यह जमीनें अपने नाम चोरी छिपे करवा ली। और इसके बाद लंबे समय तक चुप्पी साध कर बैठ गए। इसके बाद जब पूरा मामला अपने कब्जे में कर लिया तो यह जमीन हाइवे और पट्टाधारी लोगों के बीच आ गई। जिससे सड़क किनारे बसे लोगों को इस जमीन के कारण निकासी बंद करने की धमकी देकर विनोद ने जमीन खरीदने का दवाब बनाना शुरू किया। जिससे कुछ लोगों ने तो जमीनें खरीदी और कुछ रसूखदारों को उसने जमीन औने पौने दामों या गिफ्ट स्वरूप भी दे दीं। इधर परेशान कुछ लोग उच्च न्यायालय की शरण में चले गये। जहां से मामला जिला मजिस्ट्रेट के पास भेजा गया।