मोक्ष दायक होता है पित्र पक्ष में गया तीर्थ जाकर अपने पितरों का पिंडदान करना






शास्त्रों में पित्र पक्ष को गया तीर्थ में जाकर अपने पितरों को पिंडदान करना बेहद शुभ कहा गया है अपने पूर्वजों को नमन करने का यह बेहद शुभ समय होता है क्योंकि अगर हम अपने पितरों को याद करेंगे तो वह हमें हमारे जीवन में एक अदृश्य शक्ति देंगे ऐसी मान्यता है की पितृपक्ष में  अपने परिजनों के लिए मोक्ष प्राप्ति की दुआओं के साथ पिंडदान करने से मनुष्य को पुण्य फल प्राप्त होता है इसके अलावा गरुड़ पुराण आदि ग्रंथों में भी कहा गया है कि अपने पितरों को पिंडदान करने से कुल की सात पीढ़ी तक का उद्धार हो जाता है वहीं दूसरी तरफ जो व्यक्ति श्राद्ध पक्ष में अपने पितरों का श्राद्ध नहीं करते हैं और उन्हें याद नहीं करते हैं उनका जीवन व्यर्थ चला जाता है इसलिए हमें अपनी श्रद्धा के अनुसार अपने पितरों का श्राद्ध और नमन अवश्य करना चाहिए कथा पुराणों के अनुसार अगर गया में अपने पूर्वजों को कुछ भी दान किया जाता है तो वह उन्हें स्वर्ग में जाकर मिलता है पदम पुराण के एक प्रसंग में आता है कि श्रद्धा पूर्वक गया में  किए जाने वाले पिंडदान से मनुष्य को अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त होता है वहां  की फल्गु नदी में स्नान करने के बाद देवताओं तथा पितरों का जो भी व्यक्ति तर्पण करता है वह अपने कुल का उद्धार अपने आप ही कर देता है