कहीं जला रावण तो कहीं हुई विधिवत पूजा और अर्चना



सोनभद्र म्योरपुर। विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम रासपहरी में चट्टानी डाँड़ बड़ा देव स्थल पर क्षेत्र के दर्जनों आदिवासी समुदाय के लोगों ने ‘रावण’ को अपना पूर्वज मानकर विधि विधान से पूजा अर्चना की।आज मंगलवार को कुन्डाडीह, औरहवा, रासपहरी, कुसम्हा बभनडीहा, मनबसा, जैसे अनेक गांव के आदिवासी समुदाय के लोगों ने रासपहरी गांव में बड़ा देव स्थल पर पहुंचकर ‘रावण’को अपना पूर्वज आदर्श माना।वहीं महिसासुर को आराध्य देव की संज्ञा दिया।पूजा में शामिल आदिवासियों ने कहा कि ‘रावण’ मरे नही है।उनको धोखे से मनुवादी राम द्वारा मारा गया उन्होंने अधर्म की बजाय धर्म का नाश किया जो सही नही है,जो एक बार मर जाता है उसे बार-बार नही मारा जाता है मनुवादियों के कार्यकलापों से स्पष्ट है कि हर वर्ष रावण को मार-मार कर यह साबित कर दिया गया है कि अभी वह मरे नही है। केवल समाज मे भ्रम पैदा कर दिया गया है।हमारे समाज के रावण ही पूर्वज और महिषासुर आराध्य देव है।आदिवासियों ने रावण को जलाए जाने की निंदा करते हुए आक्रोश जताया।बताया गया कि प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी ‘रावण’ का पूजा किया गया।