हिंदी समाचार -कमलेश तिवारी हत्याकांड से जुड़े कई अहम पहलू भी आए सामने


हिंदी समाचार -कमलेश तिवारी हत्याकांड से जुड़े कई अहम पहलू भी आए सामने

मसलन,  हत्या के तुरंत बाद बाद अपनी गर्दन बचाने की गरज से आदतन स्थानीय पुलिस इसे निजी विवाद से जोड़ने के पुलिसिया तिकड़म में लग गयी थी, इसी कवायद की अगली कड़ी थी यूपी डीजीपी का बयान कि घटना आपसी रंजिश का नतीजा है.

--पुलिसिया जोड़तोड़ की कोशिशों को पलीता लगा दिया अल हिन्द ब्रिगेड नामक संगठन के सोशल मीडिया पर जारी हुए पेज ने. जिसमें हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए भड़काऊ बयान लिखते हुए दावा किया गया कि आगे भी ऐसा देखने को तैयार रहो, जंग छिड़ चुकी है.।

---सूरत में गुजरात एटीएस के हत्थे चढ़े आईएसआईएस के आतंकी मो. कासिम और उबेद मिर्जा ने खुलासा किया था कि कमलेश तिवारी उनके निशाने पर है, चार्जशीट में भी इसका जिक्र हुआ था. एटीएस ने कई दफे आगाह किया था बावजूद इसके कमलेश तिवारी की सुरक्षा को कोई तवज्जो नहीं दी गई. ।

--- बिजनौर के मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती नईम जिन्हें हत्याकांड में नामजद किया गया है ,अगर वाकई इनका हाथ है तब तो ये यूपी के सुरक्षा तंत्र पर गंभीर सवाल उठाता है क्योंकि इन्होने तो बाकायदा वीडियो मैसेज के जरिए कमलेश तिवारी की हत्या के लिए फतवा  जारी करते हुए ईनाम का ऐलान किया था.।

--क्या विवादित बयान देने के कुसूरवार सिर्फ कमलेश तिवारी ही हैं क्या दूसरे चेहरे इससे कहीं ज्यादा तेजाबी नफरती बयानबाजी नहीं करते हैं.।

कमलेश तिवारी की

--बर्बर तरीके से गर्दन रेतकर सीने पर चाकू के दर्जन भर से ज्यादा वार करके हत्यारे क्या संदेश देना चाहते थे?
---आखिर में मृतक नेता की मां का बयान योगीराज में उसके जीने का हक छीन लिया गया.
         कमलेश तिवारी के विवादित बयानों का समर्थन कोई सभ्य समाज नहीं कर सकता था, यही वजह थी कि इस हिन्दूवादी नेता का अपना धार्मिक-जातीय वर्ग कभी साथ खड़ा नहीं हुआ था. पर जिस निर्मम तरह से उनकी हत्या की गई उसने बहुसंख्यक आबादी के एक बड़े हिस्से को स्तब्ध कर दिया है, झकझोर दिया है, चिंतित कर दिया है, मंथन पर मजबूर कर दिया है.