शेर के पंजे में दबा कमल घड़ी देख मुरझाया जब मोदी सरकार की नोटबंदी पर आम जनता ने की वोंटबंदी



माहाराष्ट्र और हरियाणा  के विधानसभा चुनाव में मोदी सरकार की नोटबंदी पर दोनों प्रदेशो  की आम जनता ने भाजपा पर कर दी वोटमंदी।  भाजपा को शिव सेना से पार्टनरी भी भारी पड रही है। शिव सेना ने 56 सीट जीतकर भाजपा को 56 इंच का सीना दिखाना शुरू कर दिया है।

जम्मूकश्मीर से आर्टीकल 370 हटाने के बाद भाजपा का वोट प्रतिशत घट जाने से भाजपा नेताओं की बेचैनी बढ़ गई है और बेचैनी बढ़ना भी स्वाभाविक है भाजपा ने सपने में भी नही सोचा होगा कि जम्मूकश्मीर से आर्टीकल 370 हटाने के बाद उसका वोट प्रतिशत कम हो जायेगा।

देखा जाये तो भाजपा में नेता बनाने वाले कई विशेषयज्ञ है पर नीति और सफल नियम बनाने वाला कोई भी विशेषयज्ञ नही है देश का आम नागरिक नोट बंदी और जी एस टी से लेकर मोदी सरकार की विफल  आर्थिक नीतियों से खफा रहा है और जब से नोट बंदी हुई है देश मे बिजनेस चौपट हो गया है जिसे मोदी सरकार मानने को तैयार नही है पहले नोटबंदी अब बैंकबंदी कही 6 महीने में 1000 रुपये खाते से निकलने के आदेश तो कही एटीएम से केश खत्म और मोदी सरकार इसे समझ ही नही पाई शायद मोदी सरकार और भजपाईयो को लगा कि नोट बंदी और जी एस टी तथा आर्थिक नीति पर आर्टीकल 370, राम मंदिर,और भारत माता की जय के नारे भारी पड़ेंगे इस कारण ही देश की जनता के मन की बात को न तो मोदी सरकार समझ पाई और ना ही भाजपा समझ पाई कई छोटी मोटी औधोगिक इकाइयां बन्द हो गई कही छोटी मोटी दुकाने बन्द हो गई उत्तरप्रदेश में पिछले दिनों 25000 होमगार्ड के कर्मचारियों को नोकरी से निकाल दिया ।फिर वापस लेने की बात कही गयी है। तो कही व्यपारियो पर छापो की कार्यवाही हो रही है।

हरियाणा में इस चुनाव में भाजपा को 23% वोट का घाटा होने के कारण 6 सीट कम मिली है और यहां भाजपा निर्दलीयों और जे जे पी से समर्थन लेकर ही सरकार बनाने जा रही हैं।

वही माहाराष्ट्र में भाजपा को पिछली बार से इस चुनाव में 2% वोट का घाटा उठाना पड़ा है और यहां भी 56 सीट जितने वाली शिव सेना ने 105 सीट जितने वाली भाजपा को आंखे दिखाना शुरू कर दिया है मतलब ढाई ढाई साल का फार्मूला अपनाने की शर्त रखी है सेना की शर्त न मानने का खामियाजा भाजपा को भुगतना भी पड़ सकता है सेना की बात अगर भाजपा ने ना मानी तो सेना को एन सी पी और कांग्रेस सपोर्ट कर सकती है इस कारण माना यही जा रहा है कि भाजपा को सेना का फार्मूला मानना ही पड़ेगा मतलब सेना का मुख्यमंत्री ढाई साल बनना तय है।

के सी शर्मा की  विशेष रिपोर्ट