राष्ट्रीय राजनीति में बढ़ सकता है मध्यप्रदेश का दबदबा



पंकज पाराशर छतरपुर*
भोपाल। भाजपा संगठन की चुनाव प्रक्रिया चल रही है। अलगे साल जनवरी में पार्टी को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। वर्तमान में कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्ढा के हाथ में कमान है। लेकिन क्या यह जारी रहेगी या फिर किसी और को मौका मिलेगा। प्रदेश के कद्दावर नेता का नाम भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए नाम रेस में चल रहा है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम सबसे प्रबल दावेदारों में माना जा रहा है। संघ एवं सत्ता और संगठन उनकी संगठनात्मक क्षमता के चलते उन पर विश्वास जता सकता है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के गृहमंत्री बनने के बाद जेपी नड्ढा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। पार्टी में विगत माह से संगठन चुनाव की प्रक्रिया वार्ड स्तर से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक चुनने के चल रही है। इस माह मंडल अध्यक्षों के चुनाव संपन्न होना है। उसके बाद नवंबर माह में जिलाध्यक्ष चुने जाने हैं। दिसंबर माह में सभी प्रदेशों में प्रदेशाध्यक्ष का फैसला हो जाएगा। उसके बाद नए साल जनवरी में पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर भाजपा के अंदरखाने में जबरदस्त चर्चा है कि पार्टी अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? क्या पार्टी वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्ढा को कमान सौपेंगी या फिर किसी नए चेहरे पर विश्वास जताएंगी। सूत्रों की माने तो आगामी वर्षों में कई बड़े प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होना है और इन चुनावों को मद्देनजर रखते हुए पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए ऐसा चेहरा मैदान में उतारेगी, जिसे संगठनात्मक गतिविधियों में पारंगत हो और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी विश्वसनीय हो। कहा जा सकता है कि सत्ता और संगठन के बीच सामंजस्य बैठाकर आगामी विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव में कमल खिलाने के लिए ऐढ़ी-चोटी का जोर लगाकर मेहनत कर सके। सूत्रों की माने तो केन्द्रीय मंत्री कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए निकल कर आया है। केन्द्रीय मंत्री तोमर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहली पसंद हो सकते हैं। केन्द्रीय मंत्री तोमर दो बार मध्यप्रदेश में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं और दोनों बार उनके नेतृत्व में पार्टी को शानदार जीत मिली। साथ ही वे पार्टी की ओर से उत्तर प्रदेश के प्रभारी भी रह चुके हैं। एक बार राज्यसभा और तीन बार लोकसभा सदस्य चुनें गए केन्द्रीय मंत्री तोमर की संगठनात्मक क्षमता पर किसी को कोई शंका नहीं है।