मध्यप्रदेश में अगले कुछ दिनों में दिख सकता है हनी ट्रैप का असर


के सी शर्मा
मध्यप्रदेश में झाबुआ विधानसभा उपचुनाव और मैग्नीफिसेंट मप्र के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ अब प्रशासनिक सर्जरी पर मंथन कर रहे हैं। साथ ही मंत्रिमंडल का भी विस्तार हो सकता है।खबर है कि आने वाले कुछ दिनों में प्रदेश के कुछ बड़े अफसरों पर गाज गिर सकती है।

इनमें कुछ नाम बहुत ही चौकाने वाले होंगे। यह भी खबर है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को उन अधिकारियों की सूची मिल चुकी है, जो हनीट्रैप के आरोपी महिलाओं के लगातार संपर्क में रहे हैं। मंत्रालय सूत्रों के अनुसार झाबुआ के परिणाम के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ कैबिनेट में फेरबदल के साथ-साथ बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करने पर भी विचार कर रहे हैं।

बताया जाता है कि मुख्यमंत्री ने तय कर लिया है कि विवादास्पद खासकर हनीट्रैप में उलझे अधिकारियों को वे कम महत्व के विभाग में भेजेंगे।
इसकी भनक लगते ही कई अधिकारी कुर्सी बचाने और कुछ वजनदार कुर्सी पाने की जुगाड़ में लग गए हैं।

केंद्र से लौटना चाहते हैं कुछ अधिकारी!*


यह भी खबर है कि मप्र के बदले हालातों में केंद्र में प्रतिनियुक्ती पर गए कुछ अधिकारी वापस लौटने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ की टीम से संपर्क बढ़ा रहे हैं।
पिछले दिनों अचानक विवाद में आए एक आईएएस अधिकारी जो कि अभी केंद्र में प्रतिनियुक्ती पर हैं उनका उनके विभाग के सचिव से सार्वजनिक विवाद हो गया है। इस विवाद के बाद वे भी मप्र लौटना चाहते हैं।

कैबिनेट विस्तार की भी चर्चा-!*


मप्र कांग्रेस यह मानकर चल रही है कि झाबुआ उपचुनाव उसकी झौली में आएगा। ऐसे में मालवा क्षेत्र से आदिवासी कोटे से मंत्री उमंश सिंघार की जगह कांतिलाल भूरिया का मंत्रिमंडल में शामिल होना तय माना जा रहा है। इसके अलावा एक दर्जन विधायक मंत्री बनने की जोड़तोड़ में लगे हैं। इनमें से मुख्यमंत्री किस-किस को मंत्री बनाएंगे यह तय नहीं है। यह भी संभव है कि बड़े विवाद को टालने मुख्यमंत्री कैबिनेट में बहुत छोटा परिवर्तन करें।