कारसेवकों के बलिदान दिवस पर विशेष रिपोर्ट के सी शर्मा की कलम से





के सी शर्मा*
आज ही के दिन अयोध्या में मुल्ला-मुलायम सरकार ने निहत्थे कारसेवकों पर गोलियाँ चलवाई थी जिसमें 6 कारसेवक शहीद हो गए थे
आइये जानते है की उस दिन अयोध्या में हुआ क्या था?

30 अक्टूबर 1990 को विश्व हिन्दू परिषद ने गुम्बदनुमा ईमारत बाबरी मस्जिद ढांचा को हटाने के लिए कारसेवा की शुरुआत की

आल इंडिया बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी, कांग्रेस पार्टी, मार्क्सवादी पार्टी और कुछ छद्म धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के द्वारा इस कारसेवा को समूचे विश्व में मस्जिद के लिए खतरा बताया गया

जबकि ये सर्वविदित है की अयोध्या राम लला की जन्मस्थली है और उस जन्मस्थली को तोड़कर वह एक अवैध ईमारत का निर्माण किया गया था

परन्तु मुस्लिम वोटो के लालच में तत्कालीन प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह और उस समय के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह मस्जिद बचाने की दौड़ में शामिल हो गए

लगभग 40 हजार CRPF के जवान और 2 लाख 65 हजार सुरक्षा बलों के भारी भरकम सुरक्षा के बावजूद लगभग एक लाख कारसेवक सुबह के 7 बजे अयोध्या पहुँच गए . कारसेवकों ने सरयू नदी के पुल पर चलना शुरू किया और तभी पुलिस वालों ने उन पर लाठी चार्ज शुरू कर दिया बावजूद इसके कारसेवक तनिक भी ना डरे और नहीं भागे

दिन के लगभग 11 बजे तक अयोध्या जैसे छोटे से शहर में कारसेवको की संख्या 3 लाख को पार कर गयी पुलिस के जवानों ने कारसेवकों पर हमला करने के बजाय उनका सम्मान शुरु कर दिया

पुलिस महानिदेशक ने पुलिस के जवानों को कारसेवकों पर हमला करने के लिए उकसाया और पुलिस ने कारसेवकों के ऊपर अश्रु गैस के गोलों से हमला करना शुरू किया

और तभी पुलिस महानिदेशक ने खुद निहत्थे साधुओं पर लाठी चार्ज शुरू कर दिया  ये देख कर कारसेवक भड़क गए और वे सारे बैर-केडिंग को तोड़कर जन्मस्थान तक पहुंच गए और तभी पुलिस ने बिना किसी सूचना बिना चेतावनी के उन पर गोली चलानी शुरू कर दिया बावजूद इसके कारसेवक अपने लक्ष्य तक पहुँच चुके थे; और तब पुलिस ने उन पर सीधे गोलियाँ बरसानी शुरु कर दी

इस गोलीबारी में कम से कम 100 कारसेवक बलिदान हो गए और कई लापता हो गए बाद में कई कारसेवकों की लाशें सरयू नदी में तैरती मिली

उनकी लाशों को बालू के बोरों से बांध दिया गया था ताकि वो तैर कर ऊपर ना आ सके, यहां तक की औरतों और साधुओं तक को नहीं छोड़ा गया

मुलायम सिंह का यह कृत्य बाबर, औरंगजेब और गजनवी की कुकृत्यों का स्मरण करता है

हर हिन्दू अपनी अंतिम साँस तक उन लोगों को कभी नहीं माफ़ करेगा जिसने मुस्लिम वोटो के लिए निहत्थे कारसेवकों की हत्या की

उन बलिदानी कारसेवकों शत-शत नमन