जानिए किस जीवन शैली को अपनाकर ऋषि मुनि पाते थे लंबा जीवन


1-सूर्य उदित और अस्त के समय तथा मध्याह्न ठीक 12 बजे सोना, पढ़ना, स्नान और भोजन नहीं करना चाहिए ।-पद्म पुराण, कूर्मपुराण,  मार्कण्डेपुराण और स्कन्दपुराण ।
2- उक्त समय में श्मशान में जाने के लिए न निकलें ।-महाभारत अनुशासनपर्व ।
3-अमावस्या को किसी भी वृक्ष के पत्ते न तोड़ें ।- विष्णुपुराण ।
4- पूर्व या दक्षिण दिशा की तरफ सिर रखके सोना चाहिए ।- विष्णुपुराण ।
5-सोने के पहले ललाट से तिलक,  मुख से ताम्बूल (पान) और गले से पुष्प की माला निकाल देना चाहिए ।-धर्मसिन्धु ।
6-रात में पगड़ी बांध कर नहीं सोना चाहिए । विष्णुधर्मोत्तर0 ।
7-सूर्योदय के समय सोने वाला अभागा कहा जाता है ।- महाभारत अनु0 पर्व ।
8-महुआ,बेर, भटकटैया, बेल, खैर, कदम्ब, चमेली, अडूसा,  पीपल की दातुन लाभप्रद है ।-स्कन्दपुराण प्रभास खण्ड ।
9-दातुन (मंजन) पूर्व और उत्तर की ओर मुख करके करना चाहिए ।-मार्कंडेपुराण तथा अनेक अन्य ग्रन्थ ।
10-नदी में जिस ओर से जल बहकर आ रहा हो, उसी दिशा में मुख करके स्नान करने से आज्ञाचक्र जागृत होता है । तालाब में और घर में पूर्व दिशा में मुख करके स्नान करना चाहिए ।-महाभारत आश्वासनपर्व ।
11-भोजन के बाद, रातमें तथा ठीक सूर्यास्त के समय स्नान नहीं करना चाहिए । सूर्यास्त के कुछ पहले ही स्नान कर लेना चाहिए ।-ब्रह्मपुराण ।
12-पुरुषों को सिर के ऊपर से स्नान करना चाहिए ।-वामनपुराण ।
13-स्नान के बाद शरीर में तेल म
मालिश नहीं करना चाहिए ।- महाभारत अनु0पर्व ।
14-दूसरों के पहने हुए कपड़े नहीं पहनना चाहिए ।-महाभारत अनु0पर्व ।
15-सोने के लिए दूसरा, घर से बाहर जाने के लिए दूसरा तथा पूजा-पाठ के लिए दूसरा वस्त्र होना चाहिए ।-महाभारत अनु0पर्व ।
16-नील से रंगा वस्त्र नहीं पहनना चाहिए । महिलाएं नील से रंगे वस्त्र पहन कर भोजन न बनाएं ।- स्कन्दपुराण।