पेटी ठेकेदारों का लगातार सातवें दिन भी अनशन जारी रहा


रीवा जिले के तकरीबन 3 दर्जन  से ज्यादा ठेकेदार बजाज कंपनी के तानाशाही के चलते दिनांक 4 नवम्बर से नहरू नगर बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड कंपनी के कार्यकाल के सामने अनिश्चित कालिन भूख हड़ताल पर बैठे हैं फिर भी बजाज इलेक्ट्रिकल्स के अधिकारियों के द्वारा अनशनकारी पेटी ठेकेदारो की समस्या नहीं सुनी जा रही हैं बजाज इलेक्ट्रिक प्राईवेट लिमिटेड नेहरू नगर  के अधिकारी इंजीनियर विजय तिवारी , वाशुदेव तुषार (एनकाउंटेंट) , नितेश शुक्ला (क्लर्क) कार्यालय में टाला जड़कर फरार हो गए हैं वही पेटी ठेकेदारों ने बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के ऊपर 40 लाख रुपए के गोलमाल का भी आरोप लगाया है काम पूरा करने के बाद शेष 10 फीसदी राशि का भुगतान ठेकेदारों को कंपनी के द्वारा किया जाना था मगर ऐसा नहीं किया गया । बजाज कंपनी  ठेकदारों का 10 फीसदी भुगतान करने पर कंपनी आनाकानी कर रही है । 3 साल में  कुल मिलाकर यह राशि तकरीब  40 लाख के आसपास पहुच गई है । जबकि कार्य कराने से पहले कंपनी के द्वारा शर्त रखी गई थी कि एक साल के भीतर पूरी राशि ठेकेदारों को चुक्ता कर दी जाएगी पर ऐसा नही किया गया पेटी ठेकेदारों ने बताया कि बिजली विभाग के अधिकारियों से भी इस मामले की शिकायत की गई , लेकिन बजाज कंपनी ने आज दिनांक तक भुगतान नहीं किया ।  राजीव गांधी ग्रामीण 12th प्लान का कार्य बजाज इलेक्ट्रिकल ने ठेकेदारो के माध्यम  से कराया था  धरने पर बैठे ठेकेदारों ने कंपनी के कर्मचारियों पर EPF में करोड़ो रुपये का घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि घोटाले की राशि पेटी ठेकेदारों के पैसे से काट ली गई अगर देखा जाए तो अब तक का कंपनी का epf में  सबसे बड़ा घोटाला है।
पेटी ठेकेदार योगेश मिश्रा, महेंद्र सिंह परिहार मृगेंद्र सिंह, कृष्णकुमार सोहगौरा,सुधाकर उपाध्याय ने बताया कि बीते दिनांक 16 मई 2019 को ठेकेदारों के द्वारा अपने पैसों की मांग की गई थी जिस पर स्टोर कर्मचारियों के द्वारा फर्जी मुकदमा कायम कराने की धमकी दी गई । वहीं अनशन कर रहे अनशन कारियों को जान का खतरा भी है क्योंकि लगातार कंपनी के अधिकारियों के द्वारा दबाव डाला जा रहा है अनशन बंद करने के लिए।
अनशन कर रहे हो लगभग सारे पेटी ठेकेदारो की तबीयत खराब हो चुकी है जिनका शुगर और बीपी बहुत ही कम हो गया है अचानक चक्कर आने लगते है  बजन भी 8 किलो से ज्यादा  घट चुका ह।
अगर ठेकेदारों की मांग कंपनी के अधिकारियों के द्वारा नहीं मानी जाती है तो अनशन अंत तक जारी रहेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी बिजली विभाग व बजाज कंपनी के अधिकारियों की होगी ।