गायत्री परिजनों ने मनाई स्वामी विवेकानंद की 158वीं जयंती।


बदायंू: अखिल विश्व गायत्री परिवार के मार्गदर्शन में गांव  दबिहारी स्थित प्रज्ञा मंडल के कैंप कार्यालय पर स्वामी विवेकानंद की 158वीं जयंती युवा दिवस के रूप में मनाई गई। गायत्री परिजनों ने विवेकानंद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर ज्ञान यज्ञ की ज्योति प्रज्ज्वलित की। युवा शक्ति ने देशभक्ति के नारे लगाए और राष्ट्रसेवा का संकल्प लिया।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा स्वामी विवेकानंद ने अपने अपार ज्ञान से भारतीय संस्कृति और सभ्यता का परिचम पूरी दुनियां में फहराया। युवा दृढ़ संकल्प शक्ति से महान लक्ष्य को पाएं। बुलंद राष्ट्र का निर्माण करें। समूची दुनियां के नक्शे पर नया इतिहास रचें। देश की निःस्वार्थ सेवा भाग्य को सौभाग्य में बदलती है। महान व्यक्तित्व के साथ दूसरों के प्रेरणास्त्रोत बना देती है। उसका सदियों बखान होता है।
प्रज्ञा मंडल के भवेश शर्मा ने कहा कि युवा अपनी प्रतिभा और शक्ति को पहिचानें, समय का सद्पयोग करें और देश को नई ऊर्जा प्रदान कर सतयुग की वापसी करें।
पंकज कुमार ने कहा कि जिस देश के विद्वानों ने स्वामी विवेकानंद के श्रेष्ठ विचारों को सुना, भारत पुण्य धरा को नतमस्तक हो गया।
समाजसेवी रामनिवास शर्मा ने कहा कि श्रेष्ठ संस्कारों से स्वयं को सींचे। उमंग और उल्लास के साथ जीवन जिए। अद्भुत अनुभूतियां जीवन को निखाकर सार्थक बना देती हैं।
शिक्षक-शिक्षिकाओं और गणमान्य नागरिकों ने स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष पुष्पार्चन किया। मातृशक्तियों और देवकन्याओं ने ओम और स्वास्तिक के रूप में सजे दीप प्रज्ज्वलित किए। स्वामी विवेकानंद के रूप में सजे बच्चे आकर्षण का केंद्र रहे। मृत्युंजय शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।
इस मौके पर रामनिवास शर्मा, रीना, आरती, पूजा, सौम्या शर्मा, दीप्ति, हेमंत आदि मौजूद रहीं।

गोविंद सिंह राणा बदायूं