राजस्थान के किशनगढ़ में ब्लॉक स्तरीय दो दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित



किशनगढ़@रिपोर्टर चंद्रशेखर शर्मा। मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय समग्र शिक्षा अभियान किशनगढ़ के तत्वावधान में ब्लॉक स्तरीय मेंटॉर टीचर एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का दो दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण शिविर राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय आजाद नगर में शुरू हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी राजेंद्र कुमार शर्मा थे, जबकि अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (प्रथम) एवं ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल ढाका ने की।अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (द्वितीय) वंदना वर्मा भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रही। द्वितीय चरण के प्रशिक्षण की विधिवत शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष अतिथियों द्वारा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर की गई। संभागीयों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए एसीबीईओ शर्मा ने कहा कि आंगनबाड़ी के मजबूत विकास के लिए आई.सी.डी.एस. और एम.एच.आर.डी. द्वारा मेंटॉरिंग/ कोचिंग और परामर्श का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों की योग्यता और क्षमताओं का संवर्धन करना है। ताकि वे पाठ्यक्रम शिक्षण सीखने और मूल्यांकन में आंगनबाड़ी के लक्ष्यों और प्राथमिकताओं को प्राप्त करने में अपना योगदान दे सकें और छात्रों की प्रगति और परिणामों के बारे में प्रभावी ढंग से निर्णय ले सकें। शर्मा ने यह भी कहा कि विद्यालय एवं आंगनबाड़ी के प्रभावी समन्वयन में मेंटॉर टीचर व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका है। कार्यक्रम को एसीबीईओ(प्रथम) मोहनलाल ढाका ने भी संबोधित किया और कहा की मनुष्य के जीवन काल के प्रथम 6 वर्ष बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। इस अवस्था में उसका मानसिक विकास बहुत तीव्र गति से होता है, इसलिए इस उम्र में बच्चों के सीखने- सिखाने की प्रक्रिया पर विशेष बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि बच्चे का चौमुखी विकास हो एवं उनके व्यक्तित्व विकास का कोई भी पहलू अछूता ना रहे, चाहे वह शारीरिक स्वास्थ्य , कल्पनाशीलता सृजन क्षमता भाषाई विकास या फिर भावनात्मक विकास ही क्यों ना हो। एसीबीईओ(द्वितीय) वंदना वर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त करते कहा की प्रारंभिक बाल्यावस्था की शिक्षा बच्चों के चौमुखी/ सर्वांगीण विकास में दूरगामी प्रभाव डालती है। कार्यक्रम प्रभारी एवं संदर्भ व्यक्ति पवन कुमार शर्मा ने बताया कि प्रथम चरण के प्रशिक्षण में आमंत्रित 120 संभागीयों में से 112 संभागी भाग ले रहे हैं। संदर्भ व्यक्ति चन्द्र शेखर शर्मा ने बताया कि  अनीता शर्मा, राधाकिशन मीणा ( शिक्षा विभाग) कर्मा छीपा व रीना चौधरी (आई सी डी एस) की ओर से प्रशिक्षण में संभागीयों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शर्मा ने बताया कि प्रथम दिवस के प्रशिक्षण में पंजीयन, स्वागत, प्रार्थना एवं चेतना गीत के पश्चात परिचय सत्र, प्रशिक्षण से अपेक्षाएं, आंगनबाड़ी- विद्यालय समन्वयन, आंगनबाड़ी- विद्यालय समन्वय के संदर्भ में मेंटॉर टीचर एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की ज़िम्मेदारियां व भूमिका कथा मेंटाॅरिंग- एक सहयोग आदि विषयों चर्चा- परिचर्चा कर गतिविधि आधारित प्रशिक्षण प्रदान किया गया।शर्मा अनुसार द्वितीय चरण के गैर आवासीय दो दिवसीय प्रशिक्षण का समापन शुक्रवार को को होगा। जबकि तृतीय चरण का प्रशिक्षण 13 जनवरी से 14 जनवरी के मध्य आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से संदर्भ व्यक्ति प्रेम चंद शर्मा, ओम प्रकाश शर्मा , अशोक यादव, राजेंद्र कुमार, व्याख्याता शुभलक्ष्मी माहेश्वरी, एवं शिविर सहयोगी के रूप में आलोक शर्मा , सुरेंद्र चौधरी सतीश कुमार शर्मा, सुभाष शर्मा, लक्ष्मीनारायण भाकर आदि भी उपस्थित थे। ज्ञातव्य है, कि राजस्थान सरकार राज्य में पूर्व प्राथमिक कक्षा से कक्षा 12 तक गुणात्मक शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु निरंतर प्रयासरत है, जिसके चलते विद्यार्थियों के अधिगम स्तर पर एवं उपलब्धि स्तर में सुधार हेतु विशेष बल दिया जा रहा है। प्राथमिक शिक्षा में गुणात्मक संवर्धन हेतु राज्य में पूर्व से ही समस्त राजकीय विद्यालयों में संचालित कक्षा 1 से 5 में एस आई क्यू ई कार्यक्रम संचालित है। इसी क्रम में आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा संचालित ई सी सी ई के अंतर्गत पूर्व प्राथमिक शिक्षा की गुणात्मकता सुनिश्चित करने एवं 3 वर्ष की आयु से ही बच्चों की शिक्षा की निरंतरता को सुनिश्चित करने के लिए राज्य के समस्त राजकीय विद्यालयों के 500 मीटर की परिधि में संचालित समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों को समन्वित किया गया है।