सवाई माधोपुर नगर परिषद बोर्ड की बैठक आयोजित, 90 करोड़ का बजट प्रस्ताव पारित



 चंद्रशेखर शर्मा। सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय पर नगर परिषद बोर्ड की बजट बैठक टोंक- सवाई माधोपुर सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया एवं स्थानीय विधायक दानिश अबरार की उपस्थिति में नगर परिषद सभागार में शनिवार को आयोजित हुई।विभिन्न आरोप-प्रत्यारोप के बीच सवाई माधोपुर नगरपालिका का 90 करोड का बजट बैठक में पारित किया गया। बैठक में आपसी नोकझोंक के बीच सभापति की सहमति से बजट प्रस्ताव रखे गए जिसके तहत 1 वर्ष के दौरान कुल 90 करोड़ रुपए के विकास कार्य कराने के प्रस्ताव को सदन में सहमति दी एवं किए गए प्रावधानों पर भी सहमति प्रकट करते हुए बजट को पारित कर दिया ।इस दौरान पार्षदों ने नगर परिषद प्रशासन पर मनमर्जी से वार्ड में बिना उनकी अनुमति के विकास कार्य करवाने का गंभीर आरोप लगाया। एकबारगी तो बैठक में उत्पन्न हंगामे के चलते विकट स्थिति उत्पन्न होने से माहौल गर्मा गया।  अब से पहले आरोप का जवाब भी सभापति द्वारा ही दिया जाता था, लेकिन बैठक का नजारा इस बार कुछ अलग था, यहां पर सभापति न तो किसी के निशाने पर थी और न ही किसी ने उनसे कोई सवाल-जवाब किए। जो सवाल किए गए उनमें से किसी का भी जवाब सभापति से नहीं मांगा गया सभी के निशान पर आयुक्त रविंद्र यादव थे। आज बोर्ड की बैठक मे आयुक्त ने अपने पद के साथ-साथ सभापति  की भूमिका को भी बखूबी निभाया *वार्ड में कितने काम हुए किसी को पता नहीं* बैठक के दौरान पार्षदों ने एक सुर में नगर परिषद प्रशासन पर सुनवाई नहीं करने का आरोप लगाया पार्षद हंसराज माली ने आरोप लगाया कि नगर परिषद प्रशासन अपनी मर्जी से विकास कार्य करवाता है। पार्षदों को यह भी पता नहीं कि वार्ड में क्या काम हुए और कितने के हुए इस पर पार्षदों ने टेबल बजाकर समर्थन किया। पार्षद व ईओ के बीच तीखी नोकझोंक से माहौल गर्मा गया। विधायक अबरार  ने 10 दिन में सभी पार्षदों को उनके वार्ड में  होने वाले कार्यों की सूचना उपलब्ध करवाने के लिए कहा। बोर्ड बैठक के दौरान पार्षद गोवर्धन सोनी ने विकास कार्य गुणवत्ता हीन होने की बात कही। नगर परिषद पर आरोप लगाया कि सड़क निर्माण में पीसीसी नहीं होती सिर्फ सीसी कर लीपापोती कर दी जाती है, नगर परिषद के इस बोर्ड  में घटिया विकास कार्य हुआ है, जिसमें गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है। और तो और संवेदक से मिलीभगत के चलते लाखों के बिल भी पास करवा लिए गए हैं। नगर परिषद की बोर्ड बैठक में सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया द्वारा पार्षदों से पूछा गया कि कार्यालय फाइल गायब होती है, तो किसकी जिम्मेदारी बनती है। इस संबंध में नगर परिषद द्वारा मुकदमा दर्ज क्यों नहीं करवाया जाता है ।एक ही कार्य के 2-2 भुगतान किए जाते हैं और कोई कार्रवाई भी नहीं होती है,इस तरह की शिकायतें संज्ञान में आई है। इस पर चुटकी लेते हुए विधायक दानिश ने कहा कि पूर्व में भी नाली के टेंडर हुए और बिना सफाई के उनके बिल भी पास हो गए ऐसी शिकायतें सामने आई है। इस पर आयुक्त यादव ने जवाब देते हुए ने कहा कि झूठी शिकायतें की जाती है, बिना कार्य के किसी को भी भुगतान नहीं किया जाता है। नगर परिषद बैठक के दौरान निर्माण कार्य की शिकायत करते हुए पार्षद अलका शर्मा ने कहा कि 6 इंच की जगह दो इंच ही निर्माण कराया जाता है, और बिल पास करवा दिए जाते हैं। आयुक्त ने कहा कि आरोप निराधार है क्वालिटी का भुगतान किया जाता है। बैठक में पार्षदों और आयुक्त के बीच तीखी तकरार भी हुई है। इस मौके पर सांसद ने बोलते हुए कहा कि नगर परिषद प्रशासन पार्षद की बात नहीं सुन रहे, उन्हें गलत दबा रहे हो। परंपरा के अनुसार काम करें। इस पर आयुक्त ने जवाब देते हुए कहा कि सभी भुगतान क्वालिटी कंट्रोल की अनुमति से किया जाता हैं। बजट के अनुसार काम लगाए जाएंगे बिना बजट के कोई भी नहीं करवाया जाएगा। मामला संभालते हुए एमएलए ने कहां कि ऐसे मामलों की जांच करवाएंगे तथा क्वालिटी कंट्रोल से निर्माण कार्य का भुगतान करवाया जाएगा।