ब्रिटानिया मारी गोल्ड ने होम मेकर्स के लिए भारत मे की कौशल विकास कार्यक्रम की घोषणा


सुनील मिश्रा नई दिल्ली :  आज ब्रिटानिया मारी गोल्ड ने अपने वार्षिक "ब्रिटानिया मारी गोल्ड माई स्टार्टअप" अभियान के दूसरे सीजन के लॉन्च की घोषणा की.   यह स्टार्टअप इच्छुक  होम मेकर्स को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा इस ब्रांड ने पहला कौशल विकास कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिये नेशनल स्किल डेवलपमेंट कारपोरेशन के साथ साझेदारी की है   इस कार्यक्रम के अंतर्गत देश में 10000 महिला होममेकर्स अप्रैल से जून 2020 के बीच ऑनलाइन सर्टिफिकेशन कोर्स करेंगी यह ऑनलाइन प्रशिक्षण उन्हें उद्यमशीलता की सभी प्रमुख चीजें सिखाएगा !   ब्रिटानिया मारी गोल्ड माई स्टार्टअप अभियान भारतीय होममेकर्स को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनने एवं उन्हें रोजगार प्रदाता के रूप में विकसित करने के लिए डिजाइन किया गया है. यही कोर्स महिलाओं को बेसिक कम्युनिकेशन, स्किल्स, वित्तीय साक्षरता, इंफॉर्मेशन,  एवं कम्युनिकेशन, टेक्नोलॉजी, एवं सामाजिक और आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए माइक्रो उद्यमशीलता का कौशल प्रदान करेंगे इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को प्रमुख फंक्शनल स्किल्स का प्रशिक्षण देना है महिलाओं को माई स्टार्टअप अभियान में हिस्सा लेने के लिए होममेकर ब्रिटानिया मारी गोल्ड के पैक पर दिए गए फोन नंबर पर मिस कॉल या व्हाट्सएप संदेश दे सकती है या www.mystartupcontest.com पर लॉग ऑन करके अपना  विचार साझा कर सकती हैं.
 ब्रिटानिया मारी गोल्ड ने 2019 साल में "माई मारी माई स्टार्टअप" अभियान लॉन्च किया ये अभियान 2018 में आयोजित "नेशनवाइड सर्वे ऑन बैरियर्स एंड फिगर टू वूमेन एंटरप्रेन्योरशिप इन इंडिया" के आधार पर प्रस्तुत किया गया था  इस कैंपेन के पहले संस्करण को 15 लाख प्रविष्टियों के साथ बेहतरीन प्रतिक्रिया मिली.
श्री विनय सुब्रमण्यम हेड ऑफ मार्केटिंग ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने कहा "ब्रिटानिया माई गोल्ड माई स्टार्टअप" अभियान का उद्देश्य भारतीय महिलाओं को उत्तमशील बनाने मे और वित्तीय आत्मनिर्भरता प्रदान करने में सहयोग करना है इस अभियान  इस अभियान में 10,000 से ज्यादा होम मेकर ऑनलाइन सर्टिफाइड स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम कर रही हैं उनमें अपार ऊर्जा, असीम प्रेम,  एवं असीमित धैर्य होता है. 21वी सदी की चुनौतियों के बीच तेजी से बदलती दुनिया में महिलाओं के आर्थिक भूमिका से ज्यादा कुछ महत्वपूर्ण नहीं इस परिवर्तन का नेतृत्व करने वाला प्रमुख स्तंभ कौशल विकास है डॉ मनीष कुमार एमडी एवं सीईओ एनएसडीसी ने कहा महिलाएं भारतीय जनसंख्या में 48% हैं अनुमानों के अनुसार इन में से केवल 23% श्रम बल में शामिल हैं क्योंकि 301.5 मिलियन महिलाओं में से 229. 2 मिलियन महिलाएं :कार्यबल में शामिल नहीं है यदि महिला कार्यबल में 20%  के वृद्धि कर सकें तो भारत की जीडीपी 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा हो जाएगी ! अनुराधा वेमुरी, ज्वाइंट सेक्रेट्री मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप,  ने कहा  कि आधुनिक दुनिया में ज्यादा से ज्यादा महिलाएं नेतृत्व कर्ता के रूप में उभरकर राष्ट्र के प्रति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं अपनी उद्यमशीलता एवं उदारता से महिलाएं न केवल अपनी खुद की जिंदगी में परिवर्तन ला रही हैं बल्कि अन्य लोगों को बेहतर करने की प्रेरणा भी दे रही हैं हम उनके सामर्थ्य का विकास करने एवं सफलता प्राप्त करने मे उत्प्रेरक की भूमिका निभाते रहेंगे.