आप्रवासी मजदूरों को समाजसेवियों के सहयोग से प्रशासन ने पहुंचाई राहत, मजदूरों के परिवारजनों की नाराजगी हुई दूर



सवाई माधोपुर/मलारना डूंगर@रिपोर्ट चंद्रशेखर शर्मा। सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर उपखंड मुख्यालय पर  लोक डाउन के चलते पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश  के कुछ जिलों के मजदूर उनके परिवार के सदस्य के संग पिछले 27 दिनों से यहां के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शरण लिए हुए हैं। कोरोना महामारी के प्रभाव को फैलने से रोकने एवं सीमाएं सील होने की स्थिति में परिवहन सुविधा बंद होने की वजह से  प्रशासन द्वारा पैदल चलकर मध्य प्रदेश जा रहे इन मजदूरों को मलारना डूंगर उपखंड मुख्यालय पर ठहराया गया था।  जिनमें  महिलाएं और बच्चे भी खासी संख्या में शामिल हैं। प्रशासन द्वारा इनके रहने की व्यवस्था के साथ ही इनके खाने- पीने की व्यवस्था भी की हुई थी। प्रशासन के साथ कुछ भामाशाह व समाजसेवियों के जरिए भी इन्हें ड्राई रसद राशन सामग्री व तैयार  भोजन तक उपलब्ध कराया जा रहा था। लेकिन विगत दिवस अचानक पर्याप्त रसद सामग्री व -साग सब्जी की अनुपलब्धता एवं बच्चों हेतु दूध फल  आदि की कमी की मांग को लेकर इन मजदूर परिवारों द्वारा भारी विरोध प्रदर्शन किया गया। और विद्यालय छोड़कर अपने गंतव्य स्थान की ओर जाने की पूर्ण तैयारी कर ली गई। अपना सामान लेकर यह लोग विद्यालय के गेट पर आ खड़े हुए। उक्त मामले को लेकर मीडिया ने भी खासी दिलचस्पी दिखाई। मामले को लेकर प्रशासन में हड़कंप सा मच गया। बाद में  समझाइश कर इन मजदूरों का गुस्सा शांत किया गया। प्रतिक्रिया थे चलते प्रशासन द्वारा तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए इन मजदूरों और इनके परिवार की खोज खबर ली गई। प्रशासन की अपील पर भामाशाह व समाजसेवी के सहयोग से बच्चों के लिए दूध - फल एवं महिलाओं के पहनने के लिए कपड़े तथा खाने-पीने हेतु रसद सामग्री व साग सब्जी आदि तक की व्यवस्था की गई , ताकि इन मजदूरों को अस्थाई आवास व्यवस्था के साथ-साथ खाने पीने की असुविधाओ से महरूम नहीं होना पड़े। इस कार्य में मलारना डूंगर व्यापार संघ के अध्यक्ष अभिषेक बजाज, महामंत्री अमजद अली, रोटी बैंक के सदस्य एवं एसबीआई बैंक प्रबंधक रमेश चंद मीणा व राशन डीलर चतुर्भुज मंगल आदि लोगों ने महती सहयोग प्रदान किया। इन सभी के द्वारा मजदूरों को खाद्य सामग्री ,दूध, फल, सब्जी व आवश्यक रूप से पहनने योग्य कपड़ों का वितरण कर राहत प्रदान की गई । इस संबंध में समाजसेवियों ने कहा कि आगे चलकर भी अगर किसी प्रकार की आवश्यकता हुई तो इन मजदूरों को भरपूर सहयोग प्रदान किया जाएगा। गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण के खौफ के चलते जारी लोक डाउन के कारण राज्य व जिलों की सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया गया था। जिसकी वजह से मध्य प्रदेश राज्य के शिवपुरी जिले के तकरीबन तीन दर्जन(लगभग 43 लोग) मजदूर लोगों को मलारना डूंगर स्कूल में ठहराया गया था। तो 27 दिन बाद भी यहीं पर रुके हुए हैं। जिनके के लिए व्यापार संघ और ग्राम पंचायत के सहयोग से खाने-पीने की व्यवस्था का जिम्मा उठाया जा रहा है।