क्या आप जानते है भगवान विष्णु के नीले रंग का रहस्य- सी शर्मा*



क्या है भगवान विष्णु नीले रंग का रहस्य; जानिए विष्णु का नीला रंग किन बातों की ओर करता है इशारा :-

भारतीय पौराणिक कथा :-

ब्रह्मा विष्णु और महेश इन त्रिदेवों को सृष्टि के रचयिता के तौर पर जाना जाता है।

जहां ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया है, वहीं विष्णु के हाथों इसके लालन-पालन की बागडोर है और महेश धरती के संहार के लिए उत्तरदायी है।

हिन्दू धर्म में बारे में कई सारी पौराणिक कहानियां प्रचलित हैं। इनमें देवगणों के अवतारों से संबंधित विवरण मिलता है। देवता के संपूर्ण जीवन का वर्णन मिलता है । लेकिन इसके बावजूद कुछ रहस्य ऐसे हैं, जिन पर अभी भी परदा नहीं उठा है।

आपने नारायण के कुछ चित्र कई बार देखें होंगे, जिनमें उनका रंग नीला दिखाया जाता है। लेकिन ऐसा क्यों की विष्णु जी की त्वचा को हमेशा नीले रंग की दिखाया जाता है।

आइये आज हम आपको बताते है इस विषय में ।

विष्णु का नीला रंग :-

भगवान विष्णु का ये नीला रंग हमें जीवन के प्रति एक नजरिया देता है। इसे हम भगवान विष्णु का आशीर्वाद मान यह गुण अपने जीवन में उतार सकते हैं।

नीला रंग आकाश का प्रतीक होता है। जिस तरह आकाश बहुत विशाल और अपरिभाषित है, उसी प्रकार भगवान विष्णु भी अपरिभाषित है।
आकाश को अनंत कहा गया है।

इसके अलावा नीला रंग हर परिस्थिति में विशाल होने का सूचक भी है।
इससे ये सिखने को मिलता है कि परिस्थिति चाहे जैसी भी हो हमें मजबूती से उसके सामने खड़े रहना चाहिए।

धार्मिक कहानियाँ :-

एक और बात है भगवान विष्णु जल में शेषनाग पर विराजते थे इसलिए जल के साथ उनका बहुत गहरा संबंध है। जल का रंग भी नीला होता है। जल से विष्णु के नीले रंग की तुलना करने पर हमें जीवन के प्रति एक ओर नजरिया मिलता है। जिस तरह जल हर एक चीज को खुद में घोलकर भी अपना अस्तित्व बचाए रखता है। ठीक उसी तरह हमें जीवन के प्रत्येक रंग और स्थिति से सामंजस्य को बैठाकर चलना चाहिए।

इसके अलावा कुछ पौराणिक कहानियों के अनुसार, विष्णु समुद्र में जलचरों के साथ निवास करते थे।

इस कारण भी विष्णु ने समुद्र का नीला रंग खुद में धारण कर लिया था।

इतना ही नहीं बल्कि अगर हम विष्णु के अवतारों की बात करें तो उनके अवतारों जैसे राम , कृष्ण  , मत्स्य अवतार और वामन अवतार भी नीली त्वचा लिए अवतरित हुए थे।

तो अब तो आप जान गए न भगवान विष्णु  के नीले रंग के पीछे का रहस्य ।