भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान की आनलाइन बैठक में पंचायत राज व्यवस्था को सुदृढ़ किए जाने हेतु प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को सोलह सूत्रीय मांग पत्र प्रेषित करने का निर्णय।

बदायूँ भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान की एक महत्वपूर्ण आनलाइन बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रस्तावित पंचायत चुनावों पर विचार विमर्श किया गया तथा पंचायत चुनावों से पूर्व सोलह सुधार किए जाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को सोलह सूत्रीय मांग पत्र प्रेषित करने का निर्णय लिया गया। मांग पत्र समस्त सूचना कार्यकर्ता ईमेल, ट्विटर, जनसुनवाई पोर्टल,माई ग्रीवांस पोर्टल के माध्यम से दिनांक 28-05-2020 को प्रेषित करेंगे।

इस अवसर पर भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मुख्य प्रवर्तक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने कहा कि इस वर्ष प्रदेश में पंचायत चुनाव प्रस्तावित है। वर्तमान आपदाकाल में ग्रामों से बढ़े स्तर पर पलायन की समस्या मुखर है।ग्राम स्तर पर आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति कर पाने में असमर्थ ग्रामीण पलायन को विवश होते हैं। इस कारण ग्राम इकाई को सुदृढ़ किए जाने की आवश्यकता है ताकि नागरिकों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल सके तथा उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति हो सकें। ग्राम इकाई के दुर्बल होने का सबसे बड़ा कारण है कि विकास खंड इकाई को निष्क्रिय है। तहसील, जनपद,मन्डल व प्रदेश स्तर पर किसी भी विभाग में अधिकारियों के पद रिक्त नहीं है, किन्तु विकास खंड व ग्राम इस समस्या से जूझ रहे हैं, वहां न तो अधिकारी ही है और न ही कर्मचारी।आदेश देने वालों की संख्या क्रियान्यवयन करने/ कराने वालों से अधिक है,इस कारण शासन की लोककल्याणकारी योजनाओं से नागरिक लाभान्वित नहीं हो पाते हैं परिणाम स्वरूप योजनाएं भ्रष्टाचार की शिकार हो जाती है, बहुत सी योजनाओं का तब पता चलता है जब घोटाले खुलते हैं।शासन की लोककल्याणकारी योजनाओं से आम नागरिक लाभान्वित हो सकें इस हेतु पंचायत राज व्यवस्था को प्रभावी बनाया जाना आवश्यक है।

श्री राठोड़ ने कहा कि कस्बे का स्वरूप लें चुकी विकसित ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत का दर्जा दिया जाए। पंचायत राज अधिनियम में संशोधन कर हर  राजस्व ग्राम को ग्राम पंचायत का दर्जा दिया जावे। दस से पन्द्रह ग्राम पंचायतों को मिलाकर न्याय पंचायत का गठन हो। प्रधान पद हेतु न्यूनतम शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट व ग्राम पंचायत सदस्य हेतु न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल निर्धारित हो।क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य पद हेतु न्यूनतम शैक्षिक योग्यता स्नातक निर्धारित हो। क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य अपने क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में पदेन सदस्य हों, इस सम्बन्ध में पंचायत राज अधिनियम व क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत अधिनियम में संशोधन हो। ग्राम पंचायतों  के वास्तविक निवासियों को ही पंचायत चुनाव में मताधिकार प्राप्त हो तथा कृत्रिम निवासियों को मताधिकार से वन्चित कर वहां मताधिकार दिया जावे जहां वह वास्तविक रूप से निवास कर रहे हैं। पंचायतों में महिला प्रतिनिधियों के अनुपात में ही ग्राम विकास विभाग व पंचायत राज विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों की नियुक्ति हो।

श्री राठोड़ ने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय की स्थापना करके ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम राजस्व अधिकारी ( लेखपाल ) की अनिवार्य रूप से नियुक्ति की जावे। पंचायत राज नियमावली के नियम 63 में वर्णित अभिलेख प्रत्येक ग्राम पंचायत में तैयार कराये जावे। राजस्व सन्हिता में वर्णित व्यवस्था अनुसार ग्राम राजस्व समिति का गठन किया जावे। गांव में स्थित उप स्वास्थ्य केन्द्र को सक्रिय कर स्वास्थय मित्र की नियुक्ति की जावे। न्याय पंचायत मुख्यालय पर उप मन्डी समितियों तथा विकास खंड मुख्यालयों पर मन्डी समितियों की स्थापना हो।बढ़ती हुई जनसंख्या के दृष्टिगत विकास खंडों का पुनर्गठन करके प्रत्येक विकासखण्ड में खन्ड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी,अवर अभियंता,खन्ड शिक्षा अधिकारी की अनिवार्य रूप से नियुक्ति हो। प्राथमिक विद्यालयों में कक्षावार व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति की जावे, राजकीय व अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पद शीघ्र भरे जावे ताकि ग्रामीण निजी विद्यालयों के शोषण का शिकार न हो।वर्तमान प्रधानो ,ब्लाक प्रमुखों व जिला पंचायत अध्यक्षों की परिसम्पतियों की जांच उनके द्वारा नामांकन के समय प्रस्तुत किए गए विवरण के आधार पर कराये जाने हेतु एक जांच एजेंसी अधिकृत की जावे।

आनलाइन बैठक में प्रमुख रूप से डाल भगवान सिंह, शमसुल हसन, रामगोपाल,एम एच कादरी, वेदपाल सिंह, अखिलेश सिंह,अभय माहेश्वरी,असद अहमद,सी एल वर्मा एडवोकेट, राम-लखन, अखिलेश सोलंकी,आर्येन्द्र पाल सिंह, सतेन्द्र सिंह,नारद सिंह,भानु प्रताप सिंह, महेश चंद्र, वीरपाल, नेत्रपाल, कृष्ण गोपाल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।