शैक्षिक नवाचार: सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए अब टीवी क्लास।

जयपुर/ सवाई माधोपुर @रिपोर्ट चंद्रशेखर शर्मा । राजस्थान राज्य में वैश्विक महामारी कोरोना के चलते लगातार जारी लॉकडाउन के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई में नुकसान न हो, इसको ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग की ओर से ऑनलाइन पढ़ाई के बाद अब रेडियो एवं टीवी के माध्यम से पढ़ाई के नवाचार अपनाए जा रहे हैं। इसके अनुकूल परिणाम भी सामने आ रहे हैं।

शिक्षावाणी के बाद शिक्षा दर्शन से लाभ
रेडियो के शिक्षा वाणी प्रोग्राम के बाद एक जून से टीवी के माध्यम से शुरू किए गए शिक्षा दर्शन प्रोग्राम से सरकारी स्कूल के विद्यार्थी और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबंधित विद्यालयों के विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से जयपुर जिले के लगभग 3 हजार से अधिक विद्यालयों के विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं।
दूरदर्शन पर शुरू हुआ शैक्षिक प्रसारण
विद्यार्थियों को निरन्तर शैक्षणिक विषयवस्तु से जोड़े रखने एवं उन तक सहज-सरल माध्यम से शिक्षण सामग्री की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से दूरदर्शन में शिक्षा दर्शन कार्यक्रम का प्रसारण शुरू किया गया है।
पहली से 12वीं कक्षा तक होगी पढ़ाई
इसके अंतर्गत कक्षा 1 से 12 तक के सरकारी स्कूल के विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे है। कक्षा 9 से 12 तक के लिए दोपहर 12.30 से 2.30 बजे तक तथा कक्षा 1 से 8 के लिए 3.00 बजे से 4.15 तक का स्लॉट निधार्रित किया गया है।
सवा तीन घंटे का रोजाना प्रसारण
दूरदर्शन चैनल (डी.डी. राजस्थान) पर शिक्षा दर्शन कार्यक्रम का सोमवार से शनिवार तक शिक्षा विभाग द्वारा 3 घंटे 15 मिनिट का शैक्षणिक प्रसारण किया जा रहा है इसके अन्तर्गत विद्यार्थियों को विज्ञान, गणित समेत अन्य विषयों की भी पढ़ाई करवाई जा रही है।
इंटरनेट का विकल्प बनी टीवी पर कक्षाएं
शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा दर्शन कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्र के उन बच्चों के लिए फायदेमंद है, जिनके पास इंटरनेट की व्यवस्था नहीं है। वे अब सीधे दूरदर्शन के माध्यम से पढ़ाई कर सकते हैं। गौरतलब है कि आकाशवाणी के शिक्षा वाणी कार्यक्रम के माध्यम से भी प्रतिदिन 55 मिनट की पढ़ाई विद्यार्थियों को करवाई जा रही है।
दानदाताओं के नाम खुले विद्यालयों पर निर्देश
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्य के विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए भामाशाहों को प्रेरित करने पर जोर दिया है। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे गांव, ढाणी में दानदाताओं के नाम से बने विद्यालयों के भामाशाहों को पत्र लिखकर सतत उनसे संपर्क रखें तथा शिक्षा क्षेत्र में उनका सहयोग लेकर विद्यालयों के सुदृढ़ीकरण, वहां आधारभूत सुविधाओं के विकास को सुनिश्चित करें।
ज्ञान संकल्प पोर्टल एवं मुख्यमंत्री विद्यादान कोष की समीक्षा
डोटासरा मंगलवार को यहां शिक्षा संकुल में 'ज्ञान संकल्प पोर्टल एवं मुख्यमंत्री विद्यादान कोष योजना की समीक्षा बैठक में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री ज्ञान संकल्प पोर्टल और मुख्यमंत्री विद्यादान कोष योजना के तहत जिलेवार भामाशाहों से मिलने वाले सहयोग की समीक्षा करते हुए कहा कि विद्यालयों के विकास के लिए प्रवासी राजस्थानियों को प्रेरित किए जाने की जरूरत है।