पुणे की सड़कों पर करतब दिखा रहीं शांताबाई पवार के साथ ट्रेनिंग स्कूल खोलेंगे सोनू सूद, गृह मंत्री अनिल देशमुख ने की 1 लाख रु की आर्थिक मददdeepak tiwari

लॉकडाउन के बीच ही पुणे की सड़कों पर लाठी लेकर करतब दिखा रहीं 85 साल की महिला का वीडियो देखते ही देखते वायरल हो गया। इन दिनों पेट पालने के लिए सड़कों पर पैसे इकट्ठा कर रहीं महिला की पहचान शांताबाई के रूप में हई है जो एक समय में बॉलीवुड इंडस्ट्री का हिस्सा रह चुकी हैं। शांताबाई सीता-गीता और शेरनी जैसी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। वीडियो सामने आते ही माइग्रेंट वर्कर्स के लिए फरिश्ता बने सोनू सूद ने फिर मदद का हाथ बढ़ाया है। उनका मानना है कि शांताबाई देश की महिलाओं को ट्रेनिंग दे सकती हैं इसलिए वो इनके साथ मिलकर एक ट्रेनिंग स्कूल खोलेंगे।
एक शख्स ने 24 जुलाई को ट्विटर पर शांताबाई पवार का वीडियो शेयर किया था। इसे देखते ही सोनू ने मदद का हाथ बढ़ाया है। उन्होंने शांताबाई से कॉन्टेक्ट करने की डिटेल मांगते हुए लिखा, क्या मुझे इनकी डिटेल मिल सकती है। मैं इनके साथ एक छोटा सा ट्रेनिंग स्कूल खोलना चाहता हूं जहां वो देश की महिलाओं को ट्रेन करके सेल्फ डिफेंस टेक्नीक सिखा सकें। सोनू सूद का ट्वीट सामने आते ही फिर एक बार फैंस उन्हें फरिश्ता और मसीहा नामों से संबोधित कर रहे हैं।
रितेश देशमुख ने भी बढ़ाया मदद का हाथ
वीडियो के वायरल होते ही कई लोग आजी मां उर्फ शांताबाई की मदद के लिए आगे आए हैं। रितेश देशमुख ने भी वीडियो शेयर करते हुए उनके संपर्क करने के लिए डिटेल्स मांगी। बाद में एक्टर ने दूसरा ट्वीट करते हुए बताया कि उन्होंने आजी मां से संपर्क कर लिया है।
गृह मंत्री अनिल देशमुख ने साड़ी के साथ दी 1 लाख रु की आर्थिक मदद
शांताबाई पवार का वायरल वीडियो गृह मंत्री अनिल देशमुख तक भी पहुंचा जिसके बाद उन्होंने महिला को साड़ी और 1 लाख रुपए की आर्थिक मदद भी दी। महिला ने मिलने पहुंचे गृह मंत्री अनिल देशमुख को कुछ करतब करके भी दिखाए। इस बारे में गृहमंत्री ने कहा," इनका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो कर मेरे पास तक पहुंचा था और मेरे मन में इनसे मिलने की तीव्र इच्छा थी इसलिए मैं आज इनसे मिलने इनके घर तक आया हूं।"
बॉलीवुड की चंद फिल्मों में नजर आ चुकीं शांताबाई इन दिनों पुणे में रहकर अपना पेट पाल रही हैं। रातों- रात वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें बॉलीवुड समेत पुणे के पुलिस कमिश्नर से भी खूब सराहना मिली है। कई लोग ऐसे भी हैं जो आजी बाई को आर्थिक मदद पहुंचा चुके हैं।