प्रभु श्रीराम ने मर्यादित जीवन की विचारधारा को एकता के सूत्र में बांधा: रवि


उझानी: मेरे राम नगर स्थित मेरे राम सेवा आश्रम पर भगवान श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन के पावन अवसर पर दीपोत्सव का भव्य आयोजन हुआ। रामभक्तों ने भगवान श्रीराम का पूजन कर दीपकों को प्रज्ज्वलित किया। दीपकों की झिलमिलाती रोशन आकर्षण का केंद्र रही। श्रीराम के जयघोष से नगरी गुंजायमान रही।
कथावचक रवि महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीराम ने मर्यादित जीवन की विचारधारा से ऊँच नीच के भेदभाव को मिटाकर सभी जनमानस को एकता के सूत्र में बांधा। जंगलों, पहाड़ों और गुफाओं में रहकर सुव्यवस्थित जीवन जीने की कलाओं को सिखाया। मारीच, खर, दूषण और रावण का वध कर बुराईयों का अंत किया। अत्याचारों, मुश्किलों चुनौतियों का सामना करने का अदम्य साहस भी भरा। 
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा प्रभु श्रीराम की अयाध्योध्या नगरी भूमि पूजन के साथ आनंदमयी हो गई। भगवान श्रीराम ने जनमानस को अपने वचनों से लोककल्याण के कत्र्तव्यों का बोध कराया। राक्षसों का वध कर समाज को संगठित कर धर्म के मार्ग भी दिखाया। 
मुझियाना से आए समाजसेवी गौतम सिंह ने कहा कि माता पिता की आज्ञा से जीवन मर्यादित और संस्कारित बनता है। गुरुजनों से मिले श्रेष्ठ संस्कार सभ्य समाज के निर्माण के साथ उदात्त और महान बनाते हैं।
इस मौके पर देवेश गुलाठी, गजेंद्र पंथ, महावीर राघव, राजभान यादव, कुलदीप कश्यप, मयंक सिंह, संदीप माहेश्वरी, विनोद तिवारी, विष्णु गुप्ता, अरविंद शर्मा, मुकेश साहू, देव सिंह, शशांक, राकेश साहू, रोनी सक्सेना, हिमांशु गुप्ता, अशोक सक्सेना आदि मौजूद रहे।