मशहुर शायर राहत इंदौरी का अस्पताल में निधन deepak tiwari

 August 11, 2020

इंदौर । 70 वर्षीय मशहुर शायर राहत इंदौरी का आज इंदौर के अरविंदो अस्पताल में निधन। श्री राहत इंदौरी कोरोना पॉजेटिव भी थे उन्होने खुद नेहीं ट्वीट कर यह जानकारी दी थी। अरविंदो अस्पताल के डायरेक्टर डा. विनोद भंडारी ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें पायलेटर निमोनिया और  70 प्रतिशत लंग खराब होगाया था। साथ ही हाईपर टेशंन, डायबिटिक भी था। आज दिला का दौरा पड़ने के बाद एक बार रिवाईव होकर उनका देहांत हो गया ।डॉक्टर के अनुसार लगातार तीन हार्ट अटैक आए थे।

उनका जन्म मध्य प्रदेश स्थित इंदौर के एक कपड़ा मिल कर्मचारी के घर हुआ था।अपने परिवार में भाई बहनों में वह चौथे स्थान पर हैं। वर्ष 1972 में, उन्होंने 19 वर्ष की आयु में अपनी पहली कविता को सार्वजनिक रूप से पढ़ा। स्कूल और कॉलेज के दौरान वह काफी प्रतिभाशाली विद्यार्थी थे, जहां वह हॉकी और फुटबॉल टीम के कप्तान थे।वर्ष 1973 में स्नातक की उपाधि प्राप्त करने के बाद,अगले दस वर्ष उन्होंने आवारगी में बिताए क्योंकि वह यह निर्णय नहीं ले पा रहे थे कि जीवन में क्या किया जाए। और यहां-वहां घूमते रहते थे। हालांकि, अपने दोस्तों से प्रोत्साहित होने के बाद, उन्होंने उर्दू साहित्य में स्नातकोत्तर करने का मन बनाया और जिसे स्वर्ण पदक के साथ उत्तीर्ण किया। उन्हें देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर में पढ़ाने के लिए एक प्रस्ताव मिला था। चूंकि शिक्षण के लिए पीएच.डी. की डिग्री अनिवार्य थी, इसलिए उन्होंने उर्दू साहित्य में पीएच.डी. की और उर्दू साहित्य के प्रोफेसर के रूप में वहां अध्यापन करना शुरू कर दिया। उन्होंने वहां 16 वर्षों तक शिक्षण किया। इसके बाद उनके मार्गदर्शन में कई छात्रों ने पीएचडी की। कविता क्षेत्र में आने से पहले, वह एक चित्रकार बनना चाहते थे और जिसके लिए उन्होंने व्यावसायिक स्तर पर पेंटिंग करना भी शुरू कर दिया था। इस दौरान वह बॉलीवुड फिल्म के पोस्टर और बैनर को चित्रित करते थे। यही नहीं, वह आज भी पुस्तकों के कवर को डिजाइन करते हैं। उनके गीतों को 11 से अधिक ब्लॉकबस्टर बॉलीवुड फिल्मों में इस्तेमाल किया गया। जिसमें से मुन्ना भाई एमबीबीएस एक है। वह एक सरल और स्पष्ट भाषा में कविता लिखते हैं। वह अपनी शायरी की नज़्मों को एक खास शैली में प्रस्तुत करते हैं।