जन्माष्टमी:deepak tiwari इंदौर के यशोदा माता मंदिर में पूरी होती है संतान की कामना, यहां गोद भराई के लिए दूर-दूर से आती हैं महिलाएं

इंदौर. राजबाड़ा के पास 200 साल पुराना यशोदा माता का मंदिर स्थित है। हर साल जन्माष्टमी पर यहां गोेद भराई रस्म के लिए महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ती है। मान्यता है कि यहां चावल, नारियल और मिश्री से यशोदा माता की गोद भरने वाली महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ती होती है। लेकिन इस बार कोरोनावायरस के संक्रमण के चलते यहां गोद भराई नहीं कराई जा रही है, वहीं दर्शन के लिए भी काफी कम संख्या में भक्तों को प्रवेश दिया जा रहा है। आज सुबह यशोदा माता व राधा-कृष्ण का अभिषेक कर नई पोषाक पहनाई गई और आकर्षक श्रृंगार किया गया। आज रात 12 बजे होने वाली महाआरती में भी भक्तों का प्रवेश निषेध है।
मंदिर के पुजारियों का कहना है कि देश-विदेश में भगवान कृष्ण के हजारों मंदिर है, लेकिन कान्हा को अपनी ममता की छाया में समेटने वाली यशोदा मैया के पूरे विश्व में दो-तीन मंदिर ही होंगे जिसमें से एक इंदौर का है। राजबाड़ा के पास स्थित यह मंदिर 223 साल पुराना है। यहां यशोदा मैया के अलावा नंद बाबा और राधा कृष्ण की प्रतिमाएं भी है। खास बात यह है कि नंद बाबा की मूर्ति से बड़ी मूर्ति यशोदा माता की है। इसके अलावा दाई मां की मूर्ति भी यहां स्थापित है।
मान्यता है कि यहां चावल, नारियल और मिश्री से यशोदा माता की गोद भरने वाली महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ती होती है। जन्माष्टमी पर कई महिलाएं यहां गोद भराई के लिए आती है। मंदिर के पुजारियों के अनुसार यहां गोद भराने विदेशों से भी महिलाएं आती है।
बैलगाड़ी से लाए थे यशोदा माता की प्रतिमा
मंदिर के पुजारी महेंद्र दीक्षित के दादा के परदादा ने इस मंदिर की स्थापना की थी। वे बताते हैं कि मंदिर बनाने की प्रेरणा दादा के परदादा की माताजी ने दी थी। उन्होंने कहा था कि कन्हैया को तो सारा संसार पूजता है लेकिन उनको पालने पोसने वाली यशोदा माता को सब भूल गए है। इसके बाद ही यशोदा माता का मंदिर बनाने का संकल्प लिया गया। यशोदा माता की मूर्ति को जयपुर में बनवाया गया था। इंदौर से बैलगाड़ी लेकर परदादा जयपुर गए और मूर्ति लेकर आए थे।
आज यहां मनाई जा रही है जन्माष्टमी
्री राधा-कृष्ण प्रणामी मंदिर, गाेराकुंड में ग्रंथों का विशेष शृंगार किया जा चुका है। यहां रात को जन्मोत्सव होगा।
निपानिया स्थित इस्कॉन मंदिर में आज अभिषेक के बाद पूरे दिन सत्संग किया जा रहा है। रात 10 बजे से कृष्ण जन्मोत्सव शुरू होगा। रात 12 बजे जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
गीता भवन मंदिर, मनोरमागंज में कृष्ण जन्मोत्सव के तहत प्रवचन का आयोजन हो रहा है। रात 12 बजे जन्मोत्सव होगा।
(कोरोना के चलते किसी भी मंदिर में भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा)