वोडाफोन आइडिया और एयरटेल पर से बड़ी मुसीबत टली जाने क्या

  deepak tiwari 
 September 1, 2020

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (Adjust­ed gross rev­enue AGR) मामले में आज मंगलवार को टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कंपनियों जैसे वोडाफोन आइडिया और एयरटेल को बकाया एजीआर चुकाने के लिए 10 साल का समय दिया है परन्तु इसमें यह राहत कुछ शर्तों के साथ दी गयी है। कंपनियों को एजीआर का 10 प्रतिशत बकाया 31 मार्च, 2021 तक चुकाने का निर्देश दिया। कंपनियों के प्रबंध निदेशकों या CEO को निर्देश दिया है कि वे बकाया के भुगतान के बारे में चार सप्ताह में व्यक्तिगत गारंटी दें साथ ही बकाया किस्त चुकाने में चूक की स्थिति में उनपर जुर्माना, ब्याज लगेगा और अदालत की अवमानना भी होगी।

अभी तक 15 टेलीकॉम कंपनियों ने सिर्फ 30,254 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जबकि कुल बकाया राशि 1.69 लाख करोड़ रुपये है। वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल ने एजीआर बकाया चुकाने के लिए कोर्ट से 15 साल समय देने की मांग की थी।
क्या है एजीआर ?
दूरसंचार कंपनियों को एजीआर का तीन फीसदी स्पेक्ट्रम फीस और आठ फीसदी लाइसेंस फीस के तौर पर सरकार को देना होता है। कंपनियां एजीआर की गणना दूरसंचार ट्रिब्यूनल के 2015 के फैसले के आधार पर करती थीं। ट्रिब्यूनल ने उस वक्त कहा था कि किराये, स्थायी संपत्ति की बिक्री से लाभ, डिविडेंड और ब्याज जैसे गैर प्रमुख स्रोतों से हासिल राजस्व को छोड़कर बाकी प्राप्तियां एजीआर में शामिल होंगी। जबकि दूरसंचार विभाग किराये, स्थायी संपत्ति की बिक्री से लाभ और कबाड़ की बिक्री से प्राप्त रकम को भी एजीआर में मानता है। इसी आधार पर वह कंपनियों से बकाया शुल्क की मांग कर रहा है।