अब डिजिटल प्लेटफार्म पर दौड़ेगा पासपोर्ट का आवेदन tni

पटना tap news india deepak tiwari अब आपके पासपोर्ट का आवेदन पुलिस की जांच में नहीं फंसेगा। दारोगा के एक क्लिक में आपका सत्यापन हो जाएगा और रिपोर्ट पासपोर्ट अफसर के पास पहुंच जाएगी। बुधवार को बिहार पुलिस ने एम पासपोर्ट पुलिस ऐप लॉन्च करते हुए वेरीफिकेशन की पुलिस व्यवस्था को डिजिटल कर दिया है। इस नई व्यवस्था से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। पुलिस मुख्यालय में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव ने पुलिस पासपोर्ट वेरीफिकेशन की व्यवस्था को डिजिटल करते हुए प्रदेश के सभी थानों को एक-एक टैब देने की बात कही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अब पासपोर्ट में पुलिस का वेरीफिकेशन मिनट नहीं सेकेंड में पूरा हो जाएगा।
पुलिस वेरीफिकेशन के चक्कर में होती थी देर
पासपोर्ट आवेदकों को पुलिस वेरीफिकेशन में काफी देर हो जाती थी। यह पासपोर्ट का अहम हिस्सा होता था और इस कारण से पुलिस के सामने मैनुअल काम करने में बड़ी चुनौती होती थी। पुलिस को पासपोर्ट आवेदक की पहचान, नागरिकता और उसके आपराधिक इतिहास का पता लगाना पड़ता है। इससे कई डॉक्यूमेंट खंगालने पड़ते थे, जिस कारण से पासपोर्ट जारी होने में देर होती थी। पासपोर्ट सेवा प्रोजेक्ट के तहत विदेश मंत्रालय ने पुलिस सत्यापन को सुगम बनाने का काम किया है। इस नई व्यवस्था से पुलिस को पासपोर्ट सत्यापन करने में काफी कम समय लगेगा।
महाराष्ट्र और पंजाब सहित कई राज्यों में है यह सेवा
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, चंडीगढ़ और आंशिक तौर पर उत्तर प्रदेश में इस व्यवस्था को लागू किया गया है। अब बिहार में इस सेवा का लोगों को लाभ मिलेगा। बिहार में हर साल बड़ी संख्या में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया जाता है। तत्काल पासपोर्ट की डिमांड करने वालों को भी पुलिस के सत्यापन में काफी देरी हो जाती है। अब नई व्यवस्था में प्रक्रिया पूरी तरह से सुलभ हो जाएगी।
एम पासपोर्ट पुलिस ऐप से यह होगा फायदा
ऐप के माध्यम से थानों के सत्यापन अधिकारी डिजिटल तरीके से आवेदकों की पुलिस सत्यापन रिपोर्ट भेज सकेंगे।
पुलिस के लिए इस ऐप से फार्म डाउनलोड करने और उसके प्रश्नावली को प्रिंट करने की आवश्यकता नहीं होगी।
पुलिस सत्यापन प्रक्रिया शुरू से अंत तक डिजिटल तरीके से पूरी की जा सकेगी।
पुलिस के सत्यापन प्रक्रिया में लगने वाला समय अब काफी कम हो जाएगा।
बिहार के सभी जिलों में डिजिटल एकीकृत पीएचक्यू मॉडल के द्वारा पुलिस सत्यापन प्रक्रिया की शुरुआत होने से इसमें लगने वाले औसत समय में भारी कमी आएगी।
अब नहीं लगेगा 20 दिन का चक्कर
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि 2015 के अंत तक बिहार में पुलिस सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने में 69 दिन लगता था। इसे साल दर साल कम करते हुए 2016 में 45 दिन, 2017 में 33 दिन, 2018 में 24 दिन और 2019 में 20 दिन पर लाया गया। एम पासपोर्ट पुलिस ऐप को पूरे बिहार में लागू होने के बाद अब पुलिस अधिकारी सत्यापन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कर सकेंगे। इसके लिए बहुत जल्द प्रशिक्षण देकर पुलिस पदाधिकारियों को एम पासपोर्ट पुलिस ऐप के लिए तैयार कर दिया जाएगा।
इंटरनेट की समस्या में भी नहीं फंसेगा पासपोर्ट
पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल का कहना है कि यदि किसी थाना में इंटरनेट सेवा धीरे या बाधित है तो संबंधित जानकारी टैब में सेव कर लें और जैसे ही कनेक्टिविटी आई वह अपने आप अपलोड हो जाएगा। ऐप को पूरी तरह से हाईटेक बनाया गया है। ऑटोमेटिक अपलोड की व्यवस्था से समय की बचत के साथ आवेदकों और पुलिस पदाधिकारियों दोनों को बड़ी राहत होगी। डीजीपी ने कहा कि यह बिहार पुलिस के तकनीक के साथ आगे बढ़ने का बड़ा कदम है। विशेष शाखा द्वारा बुधवार से शुरू हुई यह सेवा आम लोगों को बड़ी राहत देने वाली होगी। इससे कम समय में सही वेरीफिकेशन करते हुए संबंधित पासपोर्ट जल्द से जल्द बनने की कार्रवाई हो सकेगी।