कपिल का शो टॉप-5 से बाहर, रामायण अब भी शीर्ष 5 में स्पोर्ट्स चैनल एंटरटेनमेंट पर भारी deepak tiwari

मुंबई. न्यूज चैनल्स की टीआरपी से जुड़े विवाद के बीच एंटरटेनमेंट चैनल्स की टीआरपी में भी अनोखा ट्रेंड दिख रहा है। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल इंडिया (बीएआरसी) द्वारा जारी किए गए पिछले दो टीआरपी चार्ट में ‘स्टार स्पोर्ट्स 1 हिन्दी’ शीर्ष बना हुआ है, जबकि इससे पहले कई हफ्तों से स्टार उत्सव चैनल टॉप पर बना हुआ था। यह 2020 के 39वें हफ्ते यानी 26 सितंबर से 2 अक्टूबर तक की टीआरपी में दूसरे नंबर पर रहा।
शोज की बात की जाए तो कपिल शर्मा का शो टॉप 5 से बाहर हो चुका है, वहीं 28 सितंबर से शुरू हुआ अमिताभ बच्चन का शो कौन बनेगा करोड़पति भी अभी टॉप-5 में जगह नहीं बना पाया है। फिलहाल टीआरपी के मामले में जीटीवी का शो कुंडली भाग्य शीर्ष पर है, वहीं दंगल चैनल पर आ रहा ‘रामायण’ शो पांचवे नंबर पर है। बीएआरसी के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि द कपिल शर्मा शो के अर्बन ज़ॉनर के टॉप फाइव से भी गायब होने पर वे हैरान हैं।
इन प्रोग्राम की गिरी रेटिंग की सबसे बड़ी दो वजहें हैं। न्यूज़ चैनल्स पर सुशांत सिंह की आत्महत्या से जुड़े शो और आईपीएल। एक टीवी प्रोडयूसर का कहना है कि सुशांत सिंह आत्महत्या और एनसीबी की कार्रवाई के बहाने न्यूज़ चैनल्स ने इस दफा मनोरंजन का ज़िम्मा संभाल रखा था। दूसरा कोविड की वजह से अब पुरुष भी घर में होते हैं जिसकी वजह से प्राइम टाइम का नेचर बदल गया है। महिलाएं घर में होती हैं तो उसका प्राइमटाइम पर अलग तरह का असर होता है। लेकिन पुरुषों के साथ साथ टीनएज बच्चे भी अभी ज्यादातर घर पर ही हैं। द कपिल शर्मा शो में फिलहाल बड़े एक्टर्स भी नहीं आ रहे हैं। क्योंकि कोई फिल्म ही रिलीज़ नहीं हो रही है। बिना दर्शक दीर्घा और बिना बड़े एक्टर्स के शूटिंग करने का पहले जैसा मज़ा तो नहीं ही है।
बीते 12 सप्ताह के आंकड़ों पर नज़र डालें तो टीवी व्यूरशिप में कुल 22 फीसदी की ग्रोथ हो पाई है। जनरल एंटरटेनमेंट चैनल (जीईसी) कोविड से पहले की स्थिति में लौट रहे हैं। इनके (प्राइम टाइम) व्यूयिंग मिनट्स में 4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
अब बात करें आईपीएल की तो वर्ष 2019 की अपेक्षा इस दफा 2020 में आईपीएल व्यूरशिप में अच्छी ग्रोथ देखी जा रही है। मैच की प्रति मिनट व्यूरशिप 15 फीसदी बढ़ी तो प्रति मैच 21 फीसदी इंप्रेशन में ग्रोथ दर्ज की गई। वर्ष 2019 की अपेक्षा ओपनिंग वीक के मैच देखने वाले 1.1 करोड़ लोग प्रति मैच ज्यादा थे। कुल 26.9 करोड़ लोगों ने ओपनिंग वीक के मैच देखे। जहां वर्ष 2018 में आईपीएल ओपनिंग वीक में 42.7 अरब मिनट देखा गया, वहीं इस बार यह 60.6 अरब मिनट देखा गया। यानी 15% की बढ़त हुई। वहीं ओपनिंग मैच ने तो सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। आईपीएल-13 को 15.8 करोड़ लोगों ने देखा, जो पिछले दो आईपीएल की तुलना में 21% ज्यादा है।
टीवी देखने वाले तीन में से एक व्यक्ति ने आईपीएल लाइव देखा। आईपीएल के कुल 7 मैच में 57 फीसदी पुरुष और 43 फीसदी महिलाएं शामिल रहीं। सबसे ज्यादा देखने वालों की तादाद में 15 से 30 वर्ष के 34 फीसदी लोग हैं। कुल 44 फीसदी टीवी हाउसहोल्ड ने टीवी स्क्रीन पर लाइव आईपीएल देखा। 15 से 21 साल की उम्र के लोग तेज़ी से बढ़े हैं,उधर डिज्नी हॉटस्टार जैसे ओटीटी देखने वाले 32 फीसदी बढ़े। आईपीएल की वजह से स्मार्टफोन यूज में 8 फीसदी की तरक्की आंकी गई। इंडियन फिल्म एंड टीवी प्रोडयूर्स काउंसिल के चेयरमैन जेडी मजीठिया का कहना है कि आईपीएल के दौरान लोगों को मुद्दत बाद स्क्रीन पर क्रिकेट देखने को मिला और पंसदीदा क्रिकेटर्स के चौके छक्के देखने को मिले। इसलिए आईपीएल की ओर से दर्शकों को काफी झुकाव रहा।