जाने नवरात्रि में व्रत आहार का महत्व :deepak tiwari

नवरात्रि के दौरान नौ दिन तक दूध या दही ज़रूर लें, वजन अधिक हो तो पूरी के बजाय रोटी ही खाएं ताकि वेट न बढ़े
नवरात्र के व्रत में आपकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत रहे, इसके लिए फलाहार में पोषण जोड़ सकते हैं। कैसे, आइए जानते हैं।
व्रत में पोषण करें पूरा
कोरोना के इस दौर में लोग नवरात्र का व्रत भी रखेंगे, परंतु अभी एक चिंता का विषय है- रोग-प्रतिरोधक क्षमता। भूखे रहने पर यह क्षमता प्रभावित होती है। दरअसल, जब भोजन नहीं करते या ज़रूरत से कम करते हैं, तो शरीर पर अधिक भार पड़ता है। शरीर को काम तो सभी करने होते हैं, किंतु भोजन और पोषक तत्व सीमित मिलते हैं और उन्हीं में उसे सारा काम चलाना पड़ता है। ऐसे में व्रत कैसे रखना है, ताकि रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी मज़बूत बनी रहे, आइए, इसके बारे में जानते हैं।
दूध से मिलेगा पोषण
व्रत में दूध और दही का उपयोग बहुत आसानी से किया जा सकता है। फलों का उपयोग भी किया जाता है। आलू, साबूदाना और सिंघाड़े के आटे का उपयोग किया जाता है। इसमें दूध का सेवन बहुत ज़रूरी है। दूध या दही का सेवन दिन में 3 छोटे कप या 2 गिलास ज़रूर करें। इस दूध या दही को केले के साथ ले सकते हैं, आलू की टिक्की के साथ ले सकते हैं या फिर साबूदाने की खीर बनाकर ले सकते हैं, ये पसंद पर निर्भर करता है। दूध पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन बी 12 देगा। वहीं दही इनके साथ-साथ पाचन क्रिया को दुरुस्त रखेगा।
रात का भोजन ऐसा हो
यह भी ध्यान दें कि दोपहर और रात के खाने में किसी भी प्रकार की रोटी को शामिल करना ज़रूरी है। ऐसे में साबूदाना या सिंघाड़े के आटे की रोटी का उपोग करें। अगर वज़न नियंत्रण में है, तो रोटी की जगह सिंघाड़े की पूड़ी या पराठा भी खा सकते हैं। कुछ लोग उबले आलू को सिंघाड़े के आटे के साथ मिलाकर पूड़ी आदि व्यंजन बनाते हैं। अगर वज़न अधिक है तो ऐसे में रोटी का ही उपयोग करें।
ज़रूरी विटामिन मिलेंगे
सिंघाड़े का आटा रेशे से भरपूर होता है जो बहुत सारे खनिज देगा, इसलिए दिन में कम से कम एक समय के खाने में साबूदाने की जगह पर सिंघाड़े का आटा उपयोग करें। ये भी ध्यान रखें कि केला, पपीता आदि ऊर्जा देते हैं, इसलिए व्रत के तीनों समय के आहार यानी कि सुबह के नाश्ते और दोपहर व रात के भोजन में फलों का उपयोग भी अवश्य करिए। इस समय मौसंबी, पपीता, केला ले सकते हैं। इनसे विटामिन सी, फाइबर, विटामिन ए और अन्य विटामिनों की आवश्यकता पूरी हो जाती है।
दालों की दूर होगी कमी
व्रत में दालों का उपयोग नहीं किया जाता, ऐसे में कम से कम एक मुट्ठी मूंगफली, बादाम और काजू का मिश्रण ज़रूर लें। पूरे दिन में अपने खाने में एक चम्मच तिल का उपयोग ज़रूर करें। चाहें तो तिल को आटे में गूंध सकते हैं, साबूदाने की खिचड़ी या आलू की टिक्की में मिलाकर भी ले सकते हैं। पर ध्यान रहे कि तिल को चबाकर ज़रूर खाएं ताकि इसका पूरा फ़ायदा मिले।
रात के समय का पोषण
रात में सोने से पहले एक कप दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर अवश्य लीजिए। पर्याप्त पानी पीना आवश्यक होगा। साथ ही शुद्ध और साफ़ हवा में सैर करें या छत पर ज़रूर टहलें।