केरल की 30 वर्षीय दिव्यांग राजी राधाकृष्णन खुद मास्क बनाकर अपने मेहनत से कर रहीं कोरोना वॉरियर्स की मदद deepak tiwari

केरल की 30 वर्षीय दिव्यांग राजी राधाकृष्णन खुद बनाती हैं मास्क, अपने मेहनत से कर रहीं कोरोना वॉरियर्स की मदद deepak tiwari 
राजी की मां प्रभा एक समाज सेविका हैं जो तिरूवनंतपुरम में 'मदर क्वीन फाउंडेशन' के नाम से दिव्यांग बच्चों के लिए एक एनजीओ का संचालन करती हैं
कुछ महीनों पहले के के शैलजा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर राजी की तारीफ की थी
केरल की 30 वर्षीय दिव्यांग राजी राधाकृष्णन ने लॉकडाउन के कुछ महीनों पहले ही सिलाई सीखी थी। कोरोना काल के दौरान राजी केरल के उन हेल्थ वर्कर्स और पुलिस प्रशासन के लिए मास्क सिल रही हैं जो लोगों की सेवा में लगे हुए हैं। कुछ महीनों पहले के के शैलजा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर राजी की तारीफ की थी। अप्रैल में राजी ने अपनी मां प्रभा उन्नी के साथ मिलकर केरल की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा को 1000 मास्क सिलकर दिए थे।
प्रभा के अनुसार, राजी को दिव्यांगों के लिए बने विशेष स्कूल में जाना अच्छा नहीं लगता लेकिन पिछले साल नवंबर में वे कुछ दिनों के लिए इस स्कूल में गई थीं। तभी उसने ये मास्क सिलना सीखा। राजी की मां प्रभा एक समाज सेविका हैं जो तिरूवनंतपुरम में 'मदर क्वीन फाउंडेशन' के नाम से दिव्यांग बच्चों के लिए एक एनजीओ का संचालन करती हैं।
प्रभा कहती हैं ''राजी के दिमाग का पूरी तरह विकास नहीं हुआ। इसलिए उसे कोरोना से मची तबाही के बारे में ज्यादा समझ में नहीं आता। फिर भी मुझे इस बात की खुशी है कि उसने मास्क सिलकर कोरोना वॉरियर्स की मदद का प्रयास किया है''।