जयपुर के आराध्य ने दिए दर्शन:deepak tiwari

जयपुर.कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के बीच जयपुरवासियों की आस्था का केंद्र और शहर के आराध्य भगवान श्री राधा गोविंद देव जी का दरबार आज से खुला। आठ महीनों के इंतजार के बाद गोविंद देव जी के दर्शनों के लिए यहां श्रद्धालुओं की सुबह से ही लंबी लाइनें लग गई। इनमें कई श्रद्धालु ऐसे भी थे जो कि मंदिर परिसर में पहुंचते ही गोविंददेव जी के मुखारविंद के दर्शनों के बाद भावुक हो गए।
हाथ जोड़कर खड़े श्रद्धालुओं की पहली प्रार्थना यही थी कि जल्द ही कोरोना से मिल रहे कष्ट दूर हों। फिर से खुशियां मुस्कुराए। सब पहले जैसा ही हो। इसी भाव के साथ मंदिर में गोविंद देव जी की जयकार होती रही। इस बीच वहां मौजूद मंदिर के सेवादार और कार्यकर्ता माणकचौक पुलिस के साथ मिलकर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को दिशा निर्देश देते नजर आए।
मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर हाथ सेनेटाइज कर ही अंदर दर्शनों के लिए भेजा गया
वे कह रहे थे कि सभी लोग कोरोना की गाइडलाइन की पालना करें। मास्क को ठीक से लगाकर रखें। हाथ सेनेटाइज करें और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें।
पूरे परिसर में इसके लिए गोले भी बनाकर रखे गए थे। दर्शनों के लिए एक जगह नहीं ठहरे। खुद सेवादारों ने मास्क और ग्लव्स लगा रखे थे। वहीं, सुरक्षा व्यस्था के लिहाज से भी पुलिस का जाब्ता लगा रखा था।
गर्भगृह और मुख्य पांडाल में जाने की अनुमति नहीं मिली
मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को गर्भगृह और इसके सामने बने मुख्य पांडाल में जाने की अनुमति नहीं दी गई। मंदिर प्रबंधन ने मुख्य पांडाल के बाहर दर्शनों के लिए बैरिकेट लगाए है, वहीं से श्रद्धालुओं को दर्शन कर भेजा गया। बिना मास्क मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं दिया गया। सुबह पौने 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक मंदिर में दर्शनों को खोला गया। इस दौरान करीब करीब पांच हजार से ज्यादा लोग मंदिर पहुंचे। शाम को अब 4 बजे से साढ़े 6 बजे तक मंदिर खोला जाएगा।
मंदिर परिसर प्रवेश करने के बाद लोगों को जूते-चप्पल खोलने की जरूरत नहीं पड़ी, इस दौरान सामान्य दिनों की तरह लड्डू, प्रसाद भंडार, तुलसी-चंदन वितरण और मंदिर की परिक्रमा को बंद रखा गया।
मंगलवार से आमजन के लिए गोविंद देव मंदिर खुलने के बाद परिसर में बनी श्रृंगार और पूजा पाठ के सामान की दुकानें फिर से सजी गई। यहां मौजूद दुकानदारों का यही कहना था कि जल्द ही कोरोना दूर हो। आम जनजीवन और व्यापार पहले की तरह पटरी पर आ जाए।