दुबई एयरपोर्ट पर अब आपका चेहरा ही पासपोर्ट होगा, बायोमैट्रिक टेक्नोलॉजी से पैसेंजर की पहचान होगी

tap news India deepak tiwari 
दुबई.दुबई एयरपोर्ट पर अब पैसेंजर्स को सफर के लिए लंबी लाइनों से राहत मिल जाएगी। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने लेटेस्ट फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इसके अलावा आंखों की पुतलियों (iris) के जरिए भी पैसेंजर का आईडेंटिफिकेशन किया जाएगा। दरअसल, इन दोनों के इस्तेमाल से ही पहचान पूरी की जाएगी। एयरपोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, उसने पूरे प्रॉसेस को बायोमैट्रिक मोड में पूरा करने का फैसला किया है।
बायोमैट्रिक पैसेंजर जर्नी
इस प्रोजेक्ट को बायोमैट्रिक पैसेंजर जर्नी नाम दिया गया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने कहा- इस प्रोग्राम से पैसेंजर्स को सहूलियत मिलेगी। कोविड-19 के दौर में कॉन्टैक्ट फ्री जर्नी जरूरी थी। अब पैसेंजर्स एयरलाइन स्टाफ के संपर्क में नहीं आएंगे। इसके लिए 122 स्मार्ट गेट्स बनाए गए हैं। किसी भी गेट पर 5 से 9 सेकंड्स ही लगेंगे।
दुबई एयरपोर्ट के डायरेक्टर मेजर जनरल मोहम्मद अहमद अल मायरी ने कहा- हमने अमीरात एडमिनिस्ट्रेशन और दूसरे सहयोगियों की मदद से यह प्रॉसेस शुरू किया है। एक स्मार्ट टनल भी बनाई गई है। हम फ्यूचर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इसलिए कर रहे हैं, ताकि पैसेंजर्स को एयरपोर्ट पर किसी तरह की दिक्कत न हो। फिलहाल, हर रोज तीन हजार पैसेंजर्स इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, पुराना तरीका भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह पैसेंजर्स पर डिपेंड करता है कि वो कौन सा तरीका प्रॉसेस चुनते हैं।
ऐसा होगा प्रॉसेस
पैसेंजर जब दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचेगा तो फेस और आईरिस रिकग्निशन के जरिए चेक इन पर उसकी पहचान होगी। यह एक बार ही होगा और भविष्य के लिए डेटा कलेक्ट हो जाएगा। इसके बाद जितने भी स्मार्ट गेट्स से वह गुजरेगा, उन सभी पर बायोमैट्रिक टेक्नोलॉजी का डेटा मैच होगा और गेट खुलते जाएंगे। हालांकि, जेब में पासपोर्ट होना जरूरी होगा। बिजनेस लाउंज में जाने के लिए बोर्डिंग पास दिखाने की जरूरत नहीं होगी, फेस रिकग्निशन से गेट खुल जाएंगे और पैसेंजर यहां पहुंच सकेगा।