दूसरे देशों के टेलेंट को रोकना हमारे हित में नहीं-अमेरिका

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न्यूयाॅर्क. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का एक और फैसला पलटते हुए ग्रीन कार्ड पर लगी रोक हटा दी है। पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प ने कोरोना महामारी के कारण बढ़ती बेरोजगारी से निपटने का हवाला देते हुए 2020 के अंत तक ग्रीन कार्ड जारी करने पर रोक लगा दी थी, जिसे 31 दिसंंबर को उन्होंने मार्च अंत तक के लिए बढ़ा दिया था। बाइडेन के इस फैसले से अमेरिका में एच-1 बी वीजा पर काम करने वाले लाखों भारतीयों को फायदा होगा।
बाइडेन ने बुधवार को कहा कि लोगों काे कानूनी तौर पर अमेरिका आने से रोकना देश हित में नहीं है। यह अमेरिका के उद्योगों को भी प्रभावित करता है, जिसका विश्वभर के प्रतिभाशाली लोग हिस्सा हैं।
क्या है ग्रीन कार्ड प्लान?
काम के लिए दूसरे देशों से आने वाले लोगों को अमेरिका ग्रीन कार्ड जारी करता है। इसकी वैलिडिटी 10 साल होती है। इसके बाद इसे रिन्यू कराना होता है। यह एक तरह से अमेरिका का परमानेंट रेजिडेंट कार्ड है। इसका रंग हरा होता है, इसलिए इसे ग्रीन कार्ड कहा जाने लगा।
ग्रीन कार्ड के लिए लंबी वेटिंग
अब तक अमेरिका ने हर देश के लिए 7% का कोटा तय कर रखा था। बाकी लोग वेटिंग लिस्ट में चले जाते थे। समय के साथ वेटिंग लिस्ट लंबी होती गई। एक अनुमान के मुताबिक, करीब 20 लाख लोग ऐसे हैं जो ग्रीन कार्ड मिलने का इंतजार कर रहे हैं। नए कानून से यह लिमिट हट जाएगी। अब मेरिट के आधार पर ग्रीन कार्ड मिला करेगा।
भारतीय IT पेशेवरों को सबसे ज्यादा फायदा
हर साल अमेरिका 85,000 नए एच-1 बी वीजा देता है। इनमें से लगभग 70% यानी 60,000 वीजा भारतीय IT पेशेवरों के लिए जारी किए जाते हैं। नए वीजा का रजिस्ट्रेशन 9 मार्च से शुरू हाेगा, जो 25 मार्च तक चलेगा। 31 मार्च काे लाॅटरी सिस्टम से सफल आवेदकाें की घाेषणा की जाएगी।