कश्मीर में नजरबंदी की सियासत deepak

श्रीनगर.नेशनल कॉन्फ्रेंस के लीडर उमर अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि उन्हें और उनके पिता फारूक को अधिकारियों ने नजरबंद कर दिया है। इससे पहले शनिवार को पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने दावा किया था कि उन्हें नजरबंद कर दिया गया है।
उमर बोले- अगस्त 2019 के बाद ये नया कश्मीर है
उमर ने रविवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की। इसमें उन्होंने लिखा, "अगस्त 2019 के बाद ये नया कश्मीर है। हमें हमारे घरों में बिना किसी वजह से बंद कर दिया गया है। क्या इतना काफी नहीं था कि उन्होंने मुझे और मेरे पिता को हमारे घरों में बंद किया। अब उन्होंने मेरी बहन और उनके बच्चों को भी घर में बंद कर दिया है।
उन्होंने कहा कि चलिए आपका लोकतंत्र का नया मॉडल यही है कि हमें बिना कोई कारण बताए नजरबंद कर दिया जाए, लेकिन घर में काम करने वाले स्टाफ को भी नहीं आने दिया जा रहा है। अब जब मैं गुस्सा होता हूं और तल्खी दिखलाता हूं तो आप आश्चर्य जाहिर करते हैं।'
7 महीने से ज्यादा नजरबंद रहे थे उमर-फारूक
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद फारूक और उमर को 5 अगस्त 2019 को नजरबंद कर लिया गया था। उमर पर पीएसए के तहत लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया था। फारूक 13 मार्च और 24 मार्च को रिहा किए गए थे।
महबूबा मुफ्ती ने भी लगाया था आरोप
इससे पहले राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और PDP चीफ महबूबा मुफ्ती ने एक वीडियो जारी कर उन्हें नजरबंद किए जाने का आरोप लगाया था। महबूबा ने कहा कि फर्जी मुठभेड़ में मारे गए अतहर मुश्ताक के परिवार से मिलने की कोशिश के दौरान उन्हें हमेशा की तरह घर में नजरबंद कर दिया गया। सरकार के कुछ लोग मेरे घर आए और मुझे बाहर जाने से रोका। मैंने जब उनसे कारण पूछा तो उन्होंने चुप्पी साध ली।
14 महीने नजरबंद रह चुकी हैं महबूबा
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर लिया गया था। उन्हें पिछले साल 27 नवंबर को रिहा किया गया है। वे 14 महीने तक नजरबंद रहीं। कश्मीर जोन पुलिस ने मामले में ट्वीट कर बताया कि महबूबा मुफ्ती को घर में नजरबंद नहीं किया गया है बल्कि सुरक्षा कारणों के चलते उनसे पुलवामा के दौरे को रद्द करने की अपील की गई थी।