पर्सीवरेंस रोवर लाल ग्रह पर पहली बार 21 फीट तक चला मिट्‌टी पर पहियों के निशान बने NASA ने तस्वीर साझा की

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वॉशिंगटन. अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की ओर से मंगल ग्रह पर भेजा गया पर्सीवरेंस रोवर शुक्रवार को पहली बार अपनी लैंडिंग वाली जगह से आगे बढ़ा। करीब 21.3 फीट तक टेस्ट ड्राइव की। इससे मंगल की मिट्‌टी पर उसके पहियों के निशान बन गए। NASA ने इन निशानों की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है।
NASA ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि इस टेस्ट ड्राइव में हमने पर्सीवरेंस के सभी सिस्टम, सबसिस्टम और उपकरणों की जांच की। उन्होंने बताया कि पर्सीवरेंस ने जहां से अपना मिशन शुरू किया, अब उसे 'ऑक्टिविया ई बटलर लैंडिंग' नाम दिया गया है। यह नाम एक साइंस फिक्शन ऑथर के नाम पर रखा गया है।
आने वाले दिनों में रोज 200 मीटर का सफर तय करेगा
बयान में कहा गया कि रोवर जब अपने साइंस गोल के लिए मार्स पर काम करना शुरू करेगा, तो हमें उम्मीद है कि यह रेगुलर 656 फीट यानी 200 मीटर का सफर तय करेगा। पर्सीवरेंस रोवर मोबिलिटी टेस्टबेड इंजीनियर अनायस जारिफायन ने कहा कि यह हमारे लिए पहला अनुभव था। रोवर के 6 पहिए बढ़िया काम कर रहे हैं। यह हमें अगले 2 साल तक साइंस की दुनिया में ले जाने में कामयाब होगा।
33 मिनट तक चली प्रोसेस
पर्सीवरेंस को चलाने और टेस्टिंग की यह प्रोसेस करीब 33 मिनट तक चली। पहले वह 13 फीट चला फिर 150 डिग्री लेफ्ट टर्न लेकर वह करीब 8 फीट पीछे आया। अब वह अपने टेम्परेरी पार्किंग स्पेस में है।
18 फरवरी को मार्स पर लैंड हुआ था
पर्सीवरेंस मार्स रोवर 18-19 फरवरी की दरम्यानी रात मंगल पर जीवन की तलाश के लिए उतरा था। इसने भारतीय समय के अनुसार रात करीब 2 बजे मार्स की सबसे खतरनाक सतह जजीरो क्रेटर पर लैंडिंग की थी। इस सतह पर कभी पानी हुआ करता था। NASA ने दावा किया है कि यह अब तक के इतिहास में रोवर की मार्स पर सबसे सटीक लैंडिंग है। पर्सीवरेंस रोवर लाल ग्रह से चट्‌टानों के नमूने भी लेकर आएगा।
पानी की खोज और जीवन की पड़ताल करेगा
पर्सीवरेंस और इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर कार्बन डाईऑक्साइड से ऑक्सीजन बनाने का काम करेंगे। यह जमीन के नीचे जीवन के संकेतों के अलावा पानी की खोज और उनसे संबंधित जांच भी करेगा। इसका मार्स एनवॉयर्नमेंटल डायनामिक्स एनालाइजर (MEDA) मंगल ग्रह के मौसम और जलवायु का अध्ययन करेगा।
पर्सीवरेंस रोवर में 23 कैमरे
मंगल ग्रह के लेटेस्ट वीडियो और आवाज रिकॉर्ड करने के लिए पर्सीवरेंस रोवर में 23 कैमरे और दो माइक्रोफोन लगाए गए हैं। रोवर के साथ दूसरे ग्रह पर पहुंचा पहला हेलिकॉप्टर Ingenuity भी है। इसके लिए पैराशूट और रेट्रोरॉकेट लगे हैं। इसके जरिए ही स्मूद लैंडिंग हो सकी। अब रोवर दो साल तक जजीरो क्रेटर को एक्सप्लोर करेगा।
रोवर का वजन 1000 किलोग्राम
पर्सीवरेंस रोवर 1000 किलोग्राम वजनी है। यह परमाणु ऊर्जा से चलेगा। पहली बार किसी रोवर में प्लूटोनियम को ईंधन के तौर पर उपयोग किया जा रहा है। यह रोवर मंगल ग्रह पर 10 साल तक काम करेगा। इसमें 7 फीट का रोबोटिक आर्म, 23 कैमरे और एक ड्रिल मशीन है। वहीं, हेलिकॉप्टर का वजन 2 किलोग्राम है।