वैडर्स की समस्याओं पर नोएडा अथॉरिटी को दिया ज्ञापन प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल- गंगेश्वर दत्त शर्मा सीटू नेता

नोएडा, वेंडर्स का पंजीकरण करने की वर्तमान चल रही दोषपूर्ण नीति पर रोक लगाकर सभी के लिए एक समान व स्पष्ट नीति पर कार्य करने और वर्ष 2018 में आवेदन करने या वर्ष 2018 तक कोर्ट गए वेंडर्स का प्राथमिकता के आधार पर ड्रा कर लाइसेंस देने की मांग को लेकर पथ विक्रेता कर्मकार यूनियन के महामंत्री व सीटू जिला अध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा के नेतृत्व में पथ विक्रेताओं के प्रतिनिधि श्री बटेश्वर मिश्रा, पूनम देवी, भरत डेंजर, रविंद्र कुमार साह, विनोद परिहार, मोहम्मद शाहिद, गणेश कुमार, अशोक कुमार आदि ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी नोएडा प्राधिकरण को संबोधित ज्ञापन दिया। ज्ञापन प्राधिकरण के ओएसडी श्री संतोष कुमार उपाध्याय जी ने लिया। दिए गए ज्ञापन में लिखा गया है कि पथ विक्रेताओं के संगठनों की मांग एवं माननीय न्यायालय के आदेश दिनांक 08.10.2018 के आदेश के आधार पर नोएडा प्राधिकरण द्वारा वेंडर्स को व्यवस्थित करने हेतु अक्टूबर व नवम्बर माह वर्ष 2018 में नोएडा प्राधिकरण द्वारा पथ विक्रेताओं से आवेदन लिए थे जिसके तहत 8154 फार्म 100 रूपया की डी0डी0 व आधार कार्ड के साथ जमा हुए जिन्हें कन्ट्रोल संख्या भी दी गई उक्त ओदवनकर्ताओं में से अभी तक 3 वर्षो में सिर्फ 3696 वेंडर्स को रजिस्र्ड किया गया है जिसमें वर्ष 2018 के आवेदनकर्ता एवं माननीय उच्च न्यायालय गये वैडर्स दानों सम्मलित है। शेष वैन्डर्स को रजिस्र्ड किये जाने की प्रक्रिया अभी तक लम्बित है। जिन्हें नियमानुसार पहले रजिस्र्ड कर जगह का आवंटन होना चाहिए लेकिन उक्त वैडर्स को प्राथमिकता देने के बजाए वर्ष 2018 के वाद न्यायालय गये या जा रहे है वैडर्स को प्राथमिकता दी जा रही है जो किसी भी रूप में उचित नही है और ना ही व्यवहारिक रूप से भी सही नहीं है। साथ ही आन्दोलन के दौरान बनी यह सहमति की वर्ष 2018 के आवदेनकर्ता पथ विक्रेताओं को व्यवस्थित करने के बाद वर्ष 2018 में आवेदन करने से छूट गये पथ विक्रेताओं के आंन लाईन आवेदन लेकर उन्हें भी रजिस्र्ड किया जायेगा उक्त का भी यह उल्लंधन है। श्रीमान जी इतना ही नहीं आपके अधीनस्त वर्क सर्किल के अधिकारी बीच-बीच में अपनी सुविधानुसार अपने पंसिदा अनेकों वैडर्स को रजिस्टर्ड करने की कार्यवही करते रहते है यह भी उचित नहीं है क्योंकि सभी के लिए एक समान व स्पष्ट नीति होनी चाहिए।
ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई है कि व्यवहारिकता व नियम कानूनों/माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की अनदेखी कर वर्तमान में जो प्रक्रिया चल रही है उस पर तुरन्त रोक लगाकर न्यायालय या आपके कार्यालय में वर्ष 2018 तक आवेदन करने वाले पथ विक्रेताओं का पहले सर्वे/ड्रा कर उन्हें लाईसेस दिया जाये और वर्ष 2018 में आवेदन करने से छूट गये या वर्ष 2019 के बाद कोट गये वेंडर्स के लिए एक समान पारदर्शी स्पष्ट नीति बनाकर उनके आवेदन लेने की शीध्र तिथि घोषित कर उनका आवेदन लेकर सर्वे कर लाईसेंस देने की कृपा करें साथ ही पूर्व में दिये गये ज्ञापन पत्र/ प्रार्थना पत्र की अन्य सभी लम्बित मांगों का उचित समाधान किया जाये। 

(पूनम देवी)