बुजुर्ग की खुद्दारी पर IAS की दरियादिली:98 साल की उम्र में चना बेचकर गुजारा करता था बुजुर्ग रायबरेली DM ने ऑफिस में बुलाकर बिठाया तो छलके आंसू

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रायबरेली. रायबरेली में रहने वाले 98 साल के बुजुर्ग विजय पाल सिंह चने का ठेला लगाकर अपने परिवार का गुजारा करते हैं। उन्हें अभी तक शौचालय योजना का लाभ नहीं मिला था। कारण उनकी खुद्दारी। उन्हें किसी के आगे हाथ फैलाना पसंद नहीं है। यह बात जब जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव को सोशल मीडिया के जरिए पता चली तो गुरुवार को उन्होंने विजय पाल सिंह को अपने कार्यालय बुलाया। बुजुर्ग को अपने चैंबर में बगल की कुर्सी पर बैठाया और 11 हजार रुपए नकद दिए,
साथ ही शौचालय बनवाने के लिए पहली किस्त का पैसा एकाउंट में भेजा। चाय पिलाकर बुजुर्ग की मेहमान नवाजी की। बुजुर्ग विजय पाल सिंह के जीवन का यह अनमोल क्षण था। DM ने उन्हें चलने फिरने के लिए छड़ी और शॉल भेंट की तो उनकी आंखों से आंसू छलक आए। अंत में DM ने हरचंदपुर के BDO की गाड़ी पर उन्हें बैठाकर घर के लिए भिजवाया।
22 साल पहले हाथ की अंगुली कटी मगर नहीं हारी हिम्मत
98 साल के विजयपाल सिंह रायबरेली जिले के हरचंदपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत कंडोरा गांव के रहने वाले हैं। इनके बूढ़े कंधों पर जिम्मेदारी का बड़ा बोझ है। इस कारण वे सुबह होते ही वो ठेले पर चना लेकर सड़कों पर बेचने निकल पड़ते हैं। एक लड़का है। वो भी परिवार लेकर दिल्ली में मजदूरी कर रहा है। उसकी जो आमदनी हो रही है, उससे उसका अपना खर्च चला पाना मुश्किल है। बेटे के कंधो पर तीन बेटियों की शादी का भार है। उसके हिस्से का जो थोड़ा बहुत खेत है उसे भी विजयपाल सिंह स्वयं देख लेते हैं। 22 साल पहले उनके हाथ की उंगली तक कट गई, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। आज तक वैसे ही ठेला लेकर निकलते हैं।
पहले विधायक अदिति सिंह ने की मदद
उनका एक वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो विधायक अदिति सिंह ने पहले स्वयं मदद की और फिर DM को मामले से अवगत कराया। DM वैभव श्रीवास्तव ने आज विजय पाल सिंह को आफिस बुलाया। यहां उन्होंने उन्हें 11 हजार रुपए, एक शाल, एक छड़ी भेंट की और शौचालय का पैसा उनके एकाउंट में भेजा। बुजुर्ग ने DM और विधायक को धन्यवाद कहा।
DM बोले- राशन कार्ड भी बनवाया जा रहा
DM वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि दो दिन पूर्व विजय पाल सिंह को शौचालय की किस्त दे दी गई है। आज इनका राशन कार्ड भी बनवाया जा रहा है। उन्होंने बताया की बातचीत में विजय पाल सिंह ने बताया कि हाथ-पैर चलते रहें इसके लिए वो ठेला चलाते हैं।